इंदिरा गांधी की जीवनी (Indira Gandhi Biography In Hindi)
इंदिरा गांधी की जीवनी: इंदिरा गांधी भारतीय राजनीति का एक जाना माना चेहरा हैं और ये हमारे देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री थी। इंदिरा गांधी को भारत की आयरन लेडी के नाम से भी संबोधित किया जाता है। भारतीय राजनीति के अलावा विश्व राजनीति में भी इंदिरा गांधी का काफी योगदान रहा है। इंदिरा गांधी कांग्रेस पार्टी से जुड़ी हुई थी और इस पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर भी इन्होंने अपनी सेवाएं दी थी। बतौर भारत की प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी ने कई ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए थे जिसकी वजह से भारत देश विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना पाने में कामयाब हो सका है।
इंदिरा गांधी की जीवनी
पूरा नाम | इंदिरा प्रियदर्शनी गांधी |
---|---|
अन्य नाम | इन्दु |
जन्म | 19 नवम्बर, 1917, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश |
मृत्यु | 31 अक्टूबर, 1984, दिल्ली |
पिता और माता का नाम | जवाहरलाल नेहरू, कमला नेहरू |
पति का नाम | फ़ीरोज़ गाँधी |
बच्चों के नाम | राजीव गाँधी और संजय गाँधी |
स्मारक स्थल | दिल्ली |
पार्टी | कांग्रेस |
पद | भारत की प्रधानमंत्री |
पुरस्कार | उपाधि भारत रत्न सम्मान |
इंदिरा गांधी का जन्म और परिवार (Indira Gandhi Biography In Hindi)
इंदिरा गांधी की जीवनी के अनुसार इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर, सन् 1917 में भारत में हुआ था। इंदिरा गांधी के पिता का नाम पंडित जवाहर लाल नेहरू था जो कि एक जाने माने नेता थे और हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री थे। इनकी मां का नाम कमला नेहरू था। इंदिरा गांधी अपने माता पति की इकलौती संतान थी। वहीं जब ये 18 साल की थी उस समय इनकी मां का निधन हो गया था। इलाहाबाद में जन्मी इंदिरा गांधी का विवाह 26 मार्च 1942 को फ़िरोज गांधी के साथ हुआ था और ये प्रेम विवाह था। इस विवाह से इन्हें दो पुत्र थे। जिनके नाम राजीव गांधी और संजय गांधी हैं।
इंदिरा गांधी की शिक्षा (Indira Gandhi Education)
इंदिरा गांधी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा अपने घर से ही हासिल की थी। हालांकि बाद में इनका दाखिला स्कूल में करवाया दिया गया था। 1934-35 में स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद इनका दाखिला शांतिनिकेतन में करवाया गया था। जो कि रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा बनाया एक विश्वविद्यालय था। कुछ सालों तक शांतिनिकेतन में पढ़ाई करने के बाद इंदिरा गांधी ने साल 1937 में ऑक्सफोर्ड में दाखिला लिया था।
जिस वक्त इंदिरा ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यावय में अपनी पढ़ाई कर रही थी। उसी दौरान उनकी मुलाकात फिरोज गांधी से हुई थी जो कि एक पारसी थे। कई सालों तक मित्र रहने के बाद इन दोनों ने विवाह करने का फैसला लिया था। लेकिन पंडित नेहरू इस विवाह के खिलाफ थे। हालांकि बाद में नेहरु जी विवाह के लिए मान गए थे लेकिन उन्होंने फिरोज के सामने एक शर्त रखी थी। शर्त के अनुसार उन्होंने फिरोज को अपने नाम के पीछे गांधी लगाने को कहा था। नेहरू जी की इस शर्त को फिरोज ने मान लिया था और अपने नाम फिरोज गांधी कर लिया था।
श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा संभाले गए पद (Indira Gandhi Political career)
- श्रीमती इंदिरा गांधी को साल 1955 में कांग्रेस कार्य समिति और केंद्रीय चुनाव समिति का सदस्य चुना गया था।
- फरवरी 1959 में श्रीमती इंदिरा गांधी को अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया था। वहीं 1964 में जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु होने के बाद इंदिरा गांधी को राज्य सभा के सदस्य के रूप में चुना गया था और साथ में ही सूचना और प्रसारण मंत्रालय सौंपा गया था।
- साल 1966 में अचानक से भारत के प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री का निधन होने के बाद श्रीमती इंदिरा गांधी को देश की प्रधानमंत्री चुना गया था। जिसके साथ ही ये देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं थी।
इंदिर गांधी द्वारा संभाले गए पद
भारत की प्रधानमंत्री | 24 जनवरी 1966 से 24 मार्च 1977 तक |
---|---|
14 जनवरी 1980 | 31 अक्टूबर 1984 तक |
भारत की विदेश मंत्री | 22 अगस्त 1967 – 14 मार्च 1969 |
9 मार्च 1984 | 31 अक्टूबर 1984 |
भारत की रक्षा मंत्री | 30 नवंबर 1975 – 20 दिसंबर 1975 |
14 जनवरी 1980 | 15 जनवरी 1982 |
गृह मामलों के मंत्री | 27 जून 1970 – 4 फरवरी 1973 |
वित्त मंत्री | 17 जुलाई 1969 – 27 जून 1970 |
सूचना और प्रसारण मंत्री | जून 1964 – 24 जनवरी 1966 |
इंदिरा गांधी की जीवनी से जुड़ी जानकारी
यह भी पढ़ें – महान कवि कालिदास की जीवनी
- भारत और पाकिस्तान देश के बीच 28 जून सन् 1972 में शिमला समझौता हुआ था और इस समझौता में इंदिरा गांधी की अहम भूमिका रही थी।
- 25 जून, 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा भारत में आपातकाल लागू किया गया था। जिसकी वजह से लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी की सरकार को हानि पहुंची थी और कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव हार गई थी।
- पंजाब में शांति स्थापित करने के लिए “आपरेशन ब्लू स्टार” किया गया था। ये आपरेशन 3 जून सन् 1984 को हुआ था और उस समय इंदिरा गांधी इस देश की पीएम थी।
- 23 जून, 1980 को इंदिरा गांधी के छोटे पुत्र संजय गांधी का निधन एक वायु दुर्घटना में हो गया था। इस हादसे से इंदिरा गांधी पूरी तरह से टूट गई थी।
श्रीमती इंदिरा गांधी का निधन
इंदिरा गाँधी की जीवनी के अनुसार इंदिरा गाँधी जी की हत्या की गई थी। इंदिरा गांधी की हत्या 31 अक्टूबर 1984 में की गई थी। हत्या के समय इनकी आयु 66 साल की थी। दरअसल इंदिरा गांधी को उनके दो अंगरक्षकों सतवंत सिंह और बेअंत सिंह द्वारा उस समय मारा गया था जब वो अपने आवास के बगीचे में धूम रही थी। इंदिरा गांधी द्वारा किए गए आपरेशन ब्लू स्टार के कारण उनकी हत्या की गई थी।
जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी उस समय राजीव गांधी पश्चिम बंगाल की यात्रा पर थे। अपनी मां के निधन का समाचार मिलने के बाद राजीव गांधी फौरन दिल्ली आ गए थे। 3 नवंबर को राज घाट के पास ही इंदिरा गांधी का अंतिम संस्कार किया गया था और जिस स्थान पर उनका अंतिम संस्कार किया गया, उसे आज शक्तिस्थल के रूप में जाना जाता है। इंदिरा गांधी के निधन से पूरा भारत शौक में डूब गया था और उनके अंतिम संस्कार को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्टेशनों पर लाइव प्रसारित किया गया।
इंदिरा गांधी आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है और इनके योगदान के कारण ही भारत आज इस उपलब्ध पर पहुंच पाया है और एक ताकतवर देश बन पाया है।
इंदिरा गांधी को मिले सम्मान
- दिल्ली के हवाई अड्डे का नाम इंदिरा गांधी के नाम पर रखा गया है और इसे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के नाम से जाना जाता है।
- दुनिया के सबसे बड़े विश्वविद्यालय इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय का नाम भी उनके नाम पर रखा गया है।
- मैडम तुसाद, लंदन में इंदिरा गांधी की मोम की प्रतिमा भी लगाई गई है।
- 1984 यूएसएसआर स्मारक डाक टिकट पर इंदिरा गांधी की फोटो लगाई गई थी।
- साल 1971 में इंदिरा गांधी को भारत रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया था और ये भारत का सबसे बड़ा अवॉर्ड है। इसके अलावा साल 2011 में
बांग्लादेश स्वतंत्रता सम्मान से भी इंदिरा गांधी को सम्मानित किया गया था।
यह भी पढ़ें – लसीदास का जीवन परिचय