भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवरात्रि के दिन करें इनकी पूजा,और जाने महाशिवरात्रि पूजाविधि
महाशिवरात्रि पूजाविधि : महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2020) का पर्व हर साल मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है और पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने से और इनका व्रत रखने से हर इच्छा पूर्ण हो जाती है। वहीं इस दिन अगर कुंवारे लोग शिव जी की पूजा करते हैं तो उनका विवाह जल्द हो जाता है। इसलिए आप महाशिवरात्रि के दिन शिव जी की पूजा अर्चना जरूर करें। वहीं महाशिवरात्रि का पर्व क्यों मनाया जाता है, साल 2020 में यह पर्व कब आ रहा है, महाशिवरात्रि पूजाविधि क्या है और इस दिन व्रत कैसे करें। इन सबकी जानकारी इस लेख में दी गई है।
क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि मनाएं जाने से कई कथाएं जुड़ी हुई हैं। भागवत पुराण के अनुसार समुंद्र मंथन के समय वासुकि नाग के मुंह से भयंकर विष निकला था। जो कि देवताओं के पास आया था। इस विष की महज एक बूंद पीने से कोई भी मर सकता है। यह विष मिलने के कारण हर देवता घबरा गया था। जिसके बाद सभी देवता शिव जी के पास गए और उन्होंने शिव को इस विष के बारे में बताया। शिव जी ने देवताओं की मदद करने के लिए यह विष पी लिया और इसे अपने कंठ में धारण कर लिया। तभी से भगवान शिव का नाम नीलकंठ पड़ गया है और महा शिवरात्रि मनाई जाने लगी।
लिंग पुराण के अनुसार एक बार ब्रह्मा और विष्णु के बीच इस बात को लेकर विवाद हो गया कि हम दोनों में से सबसे बड़ा को है। अपने आपको बड़ा साबित करने के लिए इन्होंने अपने दिव्य अस्त्र शस्त्रों का प्रयोग करना शुरू कर दिया। ब्रह्मा और विष्णु के बीच हुए इस विवाद को रोकने के लिए देवताओं, ऋषि मुनियों ने भगवान शिव से मदद मांगी और तब भगवान शिव ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए और इन्होंने ब्रह्मा और विष्णु को शांत करवाया। वहीं ज्योतिर्लिंग के प्रकट होने के चलते इस दिन को शिवरात्रि के रूप से मनाया जाने लगा।
महाशिवरात्रि 2020
साल 2020 में महाशिवरात्रि का पर्व 21 फरवरी, शुक्रवार के दिन आ रहा है। चतुर्दशी तिथि 17:20 बजे (21 फरवरी) शुरू हो जाएगी जो कि 19:02 (22 फरवरी) तक रहेगी। वहीं महाशिवरात्रि की पूजाविधि क्या है वो इस प्रकार है।
महाशिवरात्रि पूजाविधि (Mahashivratri Pooja Vidhi)
- महाशिवरात्रि पूजाविधि (Mahashivratri Pooja Vidhi) बेहद ही सरल है और यह पूजा आप घर में भी कर सकते हैं। इस दिन आप सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करें। इसके बाद अपने पूजा घर की अच्छे से सफाई करें।
- पूजा घर की सफाई करने के बाद मंदिर में रखी भगवान की मूर्तियों को पंचामृत से स्नान करवाएं।
- इसके बाद एक आसन पर बैठें जाए। पूजा की शुरूआत करते हुए सबसे पहले दीपक जलाएं। इसके बाद पूजा करने का संकल्प लें।
- भगवान गणेश का नाम लेकर अपनी पूजा शुरू कर दें।
- भगवान शिव की पूजा करने हेतु सबसे पहले उनकी प्रतिमा को एक थाली रख दें। इसके बाद गंगाजल स्नान करवाएं।
- गंगाजल से स्नान करवाने के बाद शिव पर वस्त्र, मोली का धाग, फूल, इत्र और बेल पत्र चढ़ाएं।
- शिव भगवान को मीठी चीजों का भोग लगा दें और मूर्ति पर पान और दक्षिणा चढ़ा दें।
- शिव की पूजा पूरी करने के बाद नीचे दी गई शिव आरती गाएं।
- आरती पूरी होने के बाद भगवान शिव से पूजा के दौरान हुई किसी भी भूल के लिए माफी मांगे।
मंदिर में जाकर महाशिवरात्रि पूजाविधि (Mahashivratri Puja Vidhi)
कई लोगों द्वारा मंदिर में जाकर महाशिवरात्रि की पूजा की जाती है। मंदिर में जाकर किस तरह से महाशिवरात्रि की पूजा (mahashivratri pooja vidhi) की जाती है, वो इस प्रकार है।
- मंदिर में जाकर आप सबसे पहले शिवलिंग पर दूध अर्पित करें। दूध अर्पित करने के बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
- इसके बाद शिवलिंग को गंगाजल स्नान, दही स्नान, घी-स्नान और फिर शहद से स्नान कराएं और स्नान करवाते समय शिव भगवान के नाम का जाप करें।
- स्नान करवाने के बाद शिवलिंग पर फूल अर्पित करें और बेल चढ़ाएं।
- इसके बाद चंदन से शिवलिंग को तिलक लगाएं।
- ॐ नमः शिवाय॥ मंत्र का जाप कम से कम 21 बार करें। ये भगवान शिव का मूल मंत्र हैं।
- मंत्र का जाप करने के बाद खड़े होकर शिव आरती गाएं।
शिव जी की आरती
ॐ जय शिव ओंकारा….
एकानन चतुरानन पंचांनन राजे|
हंसासंन, गरुड़ासन, वृषवाहन साजे॥
ॐ जय शिव ओंकारा…
दो भुज चारु चतुर्भज दस भुज अति सोहें|
तीनों रुप निरखता त्रिभुवन जन मोहें॥
ॐ जय शिव ओंकारा…
अक्षमाला, बनमाला, रुण्ड़मालाधारी|
चंदन, मृदमग सोहें, भाले शशिधारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा….
श्वेताम्बर,पीताम्बर, बाघाम्बर अंगें|
सनकादिक, ब्रम्हादिक, भूतादिक संगें||
ॐ जय शिव ओंकारा…
कर के मध्य कमड़ंल चक्र, त्रिशूल धरता|
जगकर्ता, जगभर्ता, जगसंहारकर्ता॥
ॐ जय शिव ओंकारा…
ब्रम्हा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका|
प्रवणाक्षर मध्यें ये तीनों एका॥
ॐ जय शिव ओंकारा…
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रम्हचारी|
नित उठी भोग लगावत महिमा अति भारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा…
त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावें|
कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावें॥
ॐ जय शिव ओंकारा…
जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा|
ब्रम्हा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा.
महाशिवरात्रि के दिन जरूर रखें व्रत
महाशिवरात्रि के दिन कई लोगों द्वारा व्रत भी रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखने से हर कामना पूरी हो जाती है। इसलिए आप भी महाशिवरात्रि का व्रत जरूर रखें। वहीं महाशिवरात्रि का व्रत कैसे रखा जाता है और इस दौरान क्या करना चाहिए उसकी जानकारी इस प्रकार है।
- अगर आप महाशिवरात्रि का व्रत रख रहे हैं, तो शिव जी की पूजा करते समय सबसे पहले व्रत रखने का संकल्प लें।
- संकल्प लेने हेतु सबसे पहले अपने हाथों पर जल लें और अपने मन में यह व्रत रखने का संकल्प लें। संकल्प लेते समय शिव जी से प्रार्थना करें की आपका यह व्रत सफल हो। जो भी आपकी कामना है उसे मन में बोल दें और यह जल धरती पर छोड़ दें। इसके साथ ही शिव की पूजा शुरू करें।
- महाशिवरात्रि के व्रत के दौरान दूध और फलों का ही सेवन किया जाता है। इसलिए आप भी केवल दूध और फल ही खाएं।
- शाम के समय फिर से शिव जी की पूजा करें और हो सके तो शिव पुराण भी पढ़ें।
- अगले दिन स्नान कर शिव जी की पूजा करें और अपना यह व्रत खोल दें। व्रत खोलते समय शिव जी से व्रत के दौरान अगर कोई भूल हुई हो तो उसके लिए माफी भी मांग लें।
महाशिवरात्रि पूजाविधि (mahashivratri pooja vidhi) बेहद ही सरल होती है और यह पूजा करने से शिव भगवान स्वयं आपकी रक्षा करते हैं।
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