
परिवार के झगड़े ने कराया कांग्रेस से गठबंधन: अखिलेश यादव!
उत्तर प्रदेश में बसपा और भाजपा द्वारा समाजवादी पार्टी का कांग्रेस के साथ गठबंधन पर आलोचना की जा रही है. यूपी विधानसभा चुनाव में अखिलेश ने एड़ी चोटी का जोर लगा रखा है. रैलियों के बीच अखिलेश का एक बड़ा बयान सामने आया है. अखिलेश ने एक अंग्रेजी अखबार से कांग्रेस-सपा गठबंधन होने की वजह बताई है. अखिलेश ने कहा है कि अगर परिवार में झगड़ न होता तो कांग्रेस से गठबंधन भी नहीं होता.
अखिलेश ने कहा कांग्रेस के साथ गठबंधन का फैसला अच्छा :
अखिलेश यादव ने दावा किया कि सपा-कांग्रेस गठबंधन से यह संदेश गया है कि यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार की वापसी संभव है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन का फैसला अच्छा है. राहुल गांधी और मैं एक जैसा सोचते हैं, हम दोनों चाहते हैं कि देश और प्रदेश का विकास हो. सीएम अखिलेश का ये बयान ऐसे समय आया है जब यूपी में करीब आधा चुनाव खत्म हो चुका है.
अखिलेश ने कहा कि देश को सांप्रदायिक ताकतें बर्बाद कर रही हैं, इसलिए हमने और कांग्रेस दोनों ने साथ मिलकर इन ताकतों से निपटने का फैसला किया है. हमें देश की धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए साथ खड़ा होना है. पीएम मोदी-अमित शाह जिस भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं उससे देश को खतरा है.
दरअसल शिवपाल यादव ने अंसारी बंधुओं अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय करवाया था. लेकिन अखिलेश इस विलय के सख्त खिलाफ थे. इसके बाद से ही सपा में झगड़ा बढ़ता चला गया था. झगड़ा इतना बढ़ गया था कि सपा मुलायम और अखिलेश के दो खेमों में बंट गई थी. साइकिल चुनाव चिह्न को लेकर ये लड़ाई चुनाव आयोग तक पहुंच गई थी.
अखिलेश ने इस बात से इनकार किया कि कार्यकर्ताओं को गठबंधन की स्थिति में समायोजित करने में कम समय मिला. अखिलेश ने कहा कि शुरुआत में हमारे परिवार में कुछ समस्याएं थी और इसमें काफी वक्त बेकार हो गया. इसके चलते गठबंधन के फैसले में देरी हुई. कांग्रेस के साथ गठबंधन पर अखिलेश ने कहा कि यह दो कुनबों का गठबंधन नहीं है बल्कि दो युवाओं का गठबंधन है और युवाओं की सरकार बनने जा रही है.