Spiritual

26 दिसंबर को होगा 2019 का अंतिम सूर्य ग्रहण, इस दौरान जपें ये मंत्र, हो जाएगी हर समस्या खत्म

सूर्य ग्रहण को हिंदू धर्म में शुभ नहीं माना जाता है और सूर्य ग्रहण के दौरान सोना, भोजन करना या किसी भी प्रकार का शुभ काम बिलकुल नहीं किया जाता है। इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को लग रहा है। ये ग्रहण 26 दिसंबर की सुबह 8.04 बजे से शुरू हो जाएगा। हालांकि ग्रहण से 12 घंटे पहले ही सूतक लग जाएगा। सूर्य ग्रहण और चांद्र ग्रहण लगने से एक कथा जुड़ी हुई है और इस कथा का वर्णन शास्त्रों में किया गया है।

ग्रहण से जुड़ी धार्मिक मान्यता

सूर्य ग्रहण से जुड़ी कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान जब समुद्र से अमृत का पात्र निकला था। तो ये पात्र दानवों के हाथ लग गया था। वहीं भगवान विष्णु ने मोहिनी का अवतार धारण कर ये पात्र दानवों से लेकर देवताओं को दे दिया था और इस पात्र से देवताओं को अमृतपान करवाया था। वहीं राहु नामक असुर देवता का रूप धारण कर देवताओं के बीच शामिल हो गया। जिसकी वजह से उसे भी अमृत पीने को मिल गया।

हालाकिं चंद्र और सूर्य ने राहु को पहचान लिया और इस बात की जानकारी भगवान विष्णु को दी। राहु को देख विष्णु जी को गुस्सा आ गया और उन्होंने राहु का सिर धड़ से अलग कर दिया। लेकिन राहु ने अमृत पी लिया था जिसके कारण उसकी मृत्यु नहीं हुई। वहीं चंद्र और सूर्य राहु के दुश्मन बन गए और इन दोनों ग्रहों को  ग्रस्त करने के लिए इनपर राहु ग्रहण लगता है और ग्रहण को अशुभ माना जाता है।

ग्रहण के दौरान करें इन मंत्रों का जाप

ग्रहण लगने पर पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है और भगवान के नाम का जाप करना शुभ माना जाता है। ग्रहण लगने पर मंत्रों का जाप करने से ग्रहण का बुरा असर जीवन पर नहीं पड़ता है। इसलिए ग्रहण लगने पर आप नीचे बताए गए मंत्रों का जाप करें।

पहला मंत्र

ॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै सर्व दुष्टानाम वाचं मुखं पदम् स्तम्भय जिह्वाम कीलय-कीलय बुद्धिम विनाशाय ह्लीं ॐ नम:।

दूसरा मंत्र

ॐ ह्लीं दूं दूर्गाय: नम:

तीसरा मंत्र

ॐ श्रीं ह्लीं क्लीं ऐं ॐ स्वाहा:।

चौथा मंत्र

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।

पांचवा मंत्र

ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीं ओम् स्वाहा।।

जरूर करें ये काम

  • सूर्य ग्रहण लगने पर आप घर से बाहर ना निकलने और पवित्र ग्रंथों को पढ़ें।
  • सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद खाने की चीजों का दान करें और मंदिर में जाकर एक दीपक जला आएं।
  • ग्रहण खत्म होने के बाद मंदिर को पहले गंगा जल से पवित्र करें और उसके बाद ही पूजा करें।
  • ग्रहण लगने पर सोने से बचें और किसी भी तरह का शुभ कार्य ना करें।
  • सूर्य ग्रहण शुरू होने से पहले खाने की चीजों में आप तुलसी का पत्ता डाल दें।
  • ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान जरूर करें और अपने वस्त्र भी बदल लें।
  • अपने घर की सफाई भी अच्छे से करें और पूरे घर में गंगा जल छिड़क दें। क्योंकि ग्रहण के दौरान घर अशुद्ध हो जाता है।

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