कथा: मन में लालच होने पर जीवन में आशांति आ जाता है, इसलिए सुखी जीवन पाने के लिए लालच ना करें
लालच की वजह से जीवन की सुख शांति भंग हो जाती है और जीवन केवल दुखों से भर जाता है। इसलिए आप अपने मन में कभी भी लालच ना लाएं। लालच के कारण जीवन बर्बाद हो जाता है। लालच से ही एक कथा जुड़ी हुई है। कथा के अनुसार एक गांव में एक पति-पत्नी सुखी जीवन जी रहे होते हैं। पति राज महल में राजा के सेवक के तौर पर काम किया करता था और राज के बेहद ही करीब था। ये व्यक्ति बहुत ही ईमानदार था और इसकी ईमानदारी से खुश होकर राजा इसे समय समय पर सोने की सिक्के दिया करता था।
एक दिन राज महल से काम करके जब ये सेवक अपने घर जा रहा होता है। तभी इसे रास्त में एक व्यक्ति मिलता है। जिसने खूब सारे सोने के जेवर पहने होते हैं। ये व्यक्ति अपना नाम यक्ष बताता है और सेवक से कहता है कि जो लोग ईमानदार होते हैं उनको मैं उपहार देता हूं। तुम बेहद ही ईमानदार हो इसलिए मैं तुम्हें उपहार देने आया हों और उपहार में तुमको में सात सोने के सिक्कों से भरे घड़े देना चाहता हूं। यक्ष की ये बात सुनकर सेवक खुश हो जाता है। यक्ष सेवक से कहता है जब तुम अपने घर पहुंच जाओगे तब तुम्हें अपने कमरे के अंदर सात घड़े मिल जाएंगे।
ये सेवक तुरंत अपने घर जाता है और अपनी पत्नी को पूरी बात बताता है। जिसके बाद ये पति पत्नी कमरे में जातें है और पाते हैं कि वहां पर सात घड़े रखे हुए हैं। हालांकि इन सातों घड़ों में से एक घड़ा आधा ही भरा होता है। एक घड़े को सोने के सिक्कों से भरा हुआ ना पाकर सेवक क्रोधित हो जाता है और यक्ष के पास वापस जाता है। यक्ष से मिलकर सेवक उससे घड़ा ना भरे होने की वजह पूछता है। यक्ष सेवक को कहता है, वो आधा घड़ा उसे खुद अपनी मेहनत से भरना होगा।
सेवक आधे घड़े को सोने के सिक्कों से भरने में लग जाता है और खूब मेहनत करता है। कई दिन बीत जाते हैं लेकिन सातवां घड़ा नहीं भर पाता है। घड़े के ना भरने पर सेवक घर के खर्चों में कटौती करना शुरू कर देता है। जिससे उसकी पत्नी बेहद ही गुस्सा हो जाती है और घर की सुख-शांति खत्म हो जाती है।
घर की सुख-शांति भंग होने पर सेवक तनाव में आ जाता है। एक दिन सेवक को तनाव में देख राजा उससे तनाव का कारण पूछता है। सेवक राजा को यक्ष के बारे में बताता है और कहता है कि सातवां घड़ा भरने का नाम ही नहीं ले रहा है। सेवक की बात सुनकर राजा कहता है, सातवां घड़ा जीवन में कभी भी नहीं भरेगा। क्योंकि वो घड़ा लालच का घड़ा है। उस घड़े को भरने के कारण तुम्हारें अंदर लालच आ गया है और इसी लालच के कारण तुम्हारे जीवन की सुख शांति खत्म हो गई है। अगर तुम सुखी जीवन चाहते हो तो यक्ष को सातों घड़े वापस कर दों। राजा की बात को मानते हुए सेवक यक्ष को सातों घड़े वापस कर देते हैं और ऐसा करते हुए उसका जीवन पहले जैसा हो जाता है और घर में शांति कायम हो जाती है।
कथा की सीख – लालच की वजह से जीवन से सुख-शांति खत्म हो जाती है।