अपना भविष्य जानने के बाद एक राजा दुखी हो जाता है, तब मंत्री एक विद्वान को बुलाता है…
अक्सर सत्य कहने के चक्कर में हम कुछ ऐसा बोल जाते हैं। जिससे सामने वाले व्यक्ति की भावनाएं आहत हो जाती हैं। सत्य को कई तरीकों से बताया जा सकता है और सही शब्दों का प्रयोग कर, कड़वे सत्य को भी मुधरता के साथ बताया जा सकता है। कड़वे सत्य से एक कथा जुड़ी हुई है। कथा के अनुसार एक बार एक जाना माना पंडित एक राजमहल आता है। राजा पंडित का अच्छे तरीके से स्वागत करता है। जब राजा को पता चलता है कि इस पंडित द्वारा बताई कई भविष्यवाणी सदा सत्य ही होती है, तो राजा इस पंडित को अपनी कुंडली दिखा देते है।
राजा की कुंडली देख पंडित राजा को कहता है कि आपके सामने ही आपके परिवार के लोगों का निधन हो जाएगा और आपका वंश आगे नहीं बढ़ पाएगा। ज्योतिषी की बात सुन राजा दुखी हो जाता है और परेशानी में आ जाता हैं। ज्योतिषी द्वारा बताई गई भविष्यवाणी के चलते राजा का मन किसी भी कार्य में नहीं लगता है और राजा राजमहल आना भी बंद कर देता है।
राजा को दुखी और परेशान देख उनका मंत्री उनसे परेशानी का कारण पूछता है। तब राजा अपने मंत्री को बताता हैं कि ज्योतिषी द्वारा की गई भविष्यवाणी से वो दुखी हैं और उनका मन किसी भी कार्य में नहीं लग रहा है। राजा की बात सुन मंत्री उन्हें अन्य पंडित से कुंडली दिखाने की सलाह देता है। राजा अपने मंत्री की सलाह को मान लेते हैं।
मंत्री एक विद्वान ज्योतिषी को राजमहल बुलाता है और उसे पूरी बात बता देता है। ये ज्योतिषी राजा की कुंडली देखता है और पाता है कि जो बात अन्य ज्योतिषी ने राजा को बताई थी वो सभी सत्य हैं। लेकिन ये ज्योतिषी समझ के साथ काम लेते है और राजा से कहता है कि महाराज आपकी आयु आपके परिवार के सदस्यों में सबसे ज्यादा होने वाली है और आप इस राज्य पर लंबे समय तक राज करेंगे। धन और आयु के मामले में आप अपने कुटुंब में सबसे आगे रहेंगे। आपके कुटुंब में सबसे लंबी आयु आपकी ही होने वाली है। आपका भविष्य काफी उज्जवल है। आप एक बेटी के पिता बनेंगे और आपकी बेटी बड़ी होकर आपका नाम रोशन करेगी।
ज्योतिषी की बात सुनकर राजा की सारी परेशानी दूर हो जाती है और राजा खुश होकर ज्योतिषी को कई सारे उपहार भी देता है। वहीं ज्योतिषी को उसके घर छोड़ते समय मंत्री ज्योतिषी से एक सवाल करता है और पूछता है कि क्या पहले वाले पंडित ने जो भविष्यवाणी की थी वो गलत थी। ज्योतिषी मंत्री से कहता है मैंने भी वो ही सब बताया है जो उस ज्योतिषी ने बताया था। राजा के कुटुंब के लोगों का निधन उनके सामने ही होगा और राजा का वंश नहीं बढ़ेगा। बस फर्क इतना है कि मैंने इस कड़वे सत्य को कठोर शब्दों का प्रयोग किए बिना सरल शब्दों में बताया है।
कहानी का सार- कड़वे सच को अगर सही तरीके से और सही शब्दों का चुनाव करके बोला जाए तो कड़वा सत्य भी सुनने में मधुर ही लगता है। इसलिए हमेशा सोच समझकर शब्दों का चयन करें और मुधर शब्दों का प्रयोग करें।