13 दिसंबर से शुरू हो रहा है पौष मास, इस दौरान भूलकर भी ना करें यह कार्य
13 दिसंबर 2019 से पौष मास प्रारंभ हो रहा है जिसके साथ ही शुभ कार्यों को करने पर रोक लग जाएगी। ये महीना 10 जनवरी 2020 तक चलेगा। वहीं गुरु तारा 14 दिसंबर से अस्त हो जाएगा जो कि 9 जनवरी 2020 तक अस्त रहेगा। इसी तरह से खरमास 16 दिसंबर 2019 से शुरू होकर 14 जनवरी 2020 तक चलने वाला है। यानी 13 दिसंबर से 14 जनवरी 2020 तक आप किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं कर सकते हैं।
क्या होता है पौष मास
हिंदू पंचाग के मुताबिक साल के दसवें महीने को पौष मास के नाम से जाना जाता है। दरअसल पौष मास की पूर्णिमा को चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में होता है। जिसके चलते इस महीने को ये नाम दिया गया है। ये महीना सूर्य देव को समर्पित होता है और इस महीने में सूर्य देव की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
नहीं किए जाते मंगलकार्य
इस मास में किसी भी तरह के मंगल कार्यों जैसे, शादी, सगाई, गृह प्रवेश और इत्यादि को नहीं किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस महीने में मंगल कार्य करने से शुभ फल नहीं मिलता है और किया गया कार्य सफल नहीं होता है। इसलिए आप भी इस महीने के दौरान किसी भी तरह का मंगल कार्य ना करें और ना ही किसी नए कार्य का आरंभ करें।
सूर्य की भग नाम से करें पूजा
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस महीने में सूर्य देव की पूजा उनके भग नाम से की जाती है। शास्त्रों मेें सूर्य को भग नाम से जाना जाता है और इस महीने सूर्य को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि पौष मास के प्रत्येक रविवार जो लोग तांबे के पात्र से सूर्य को अर्घ्य देते हैं उनको स्वस्थ शरीर की प्राप्ति होती है। इसलिए आप भी इस महीने के हर रविवार के दिन सूर्य देव को अर्घ्य जरूर दें।
इस तरह से दें अर्घ्य
अर्घ्य देने के लिए तांबे के पात्र के अंदर ताजा जल भर लें। इसके बाद पात्र में लाल चंदन और लाल रंग के फूल डालकर ये पानी सूर्य को चढ़ाएं और नीचे बताए गए मंत्रों का जाप आप 11 बार करें। इन मंत्रों का जाप करने से आपकी हर कामना पूर्ण हो जाएगी।
सूर्य देव से जुड़े मंत्र
1. ऊं घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
2. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
3. ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
4. ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ ।
5. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः ।
जरूर करे उपास
सेहतमंद जीवन पाने के लिए इस महीने के हर रविवार के दिन आप व्रत भी करें और सूर्य देव की पूजा करें। सूर्य देव की पूजा करते समय उन्हें लाल रंग के वस्त्र, फूल और चंदन अर्पित करें। इसके अलावा ये भी मान्यता है कि तिल चावल की खिचड़ी का भोग अगर सूर्य देव को लगाया जाए को इंसान तेजस्वी बन जाता है। इसलिए आप चाहें को खिचड़ी का भोग भी सूर्य भगवान को लगा सकते हैं और इस भोग बाद में प्रसाद के रूप में लोगों में बांट दें।