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बिच्छू के बार-बार काटने के बाद भी संत ने अपना कर्तव्य अच्छे से निभाया और बिच्छू की जान बचाई

लोगों की सहायता और अच्छे कर्म करना हर इंसान का कर्तव्य होता है। लेकिन आजकल लोग अपने इन कर्तव्यों का पालन नहीं करते हैं और जरा सी परेशानी आने पर अपने कर्तव्यों को भूल जाते हैं। जो कि गलत होता है। इंसान को सदा अपने कर्तव्यों पर चलना चाहिए। कर्तव्य की राह पर चलने से एक कथा जुड़ी हुई है। इस कथा के अनुसार एक संत अपने शिष्य के साथ किसी के घर से पूजा करके वापस अपने आश्रम जा रहा होता है। तभी रास्ते में संत को एक पवित्र नदी दिख जाती है। नदी को देख संत सोचता है कि क्यों ना वो इसमें स्नान कर लें और पवित्र हो जाए। ये विचार संत अपने शिष्य को बताता है और शिष्य संत से कहता है कि पहले आप जाकर नदी में स्नान कर लें। उसके बाद में स्नान करूंगा।

ये संत नदी में नहाने के लिए चले जाता है। नदी में डूबकी लगाते हुए संत की नजर एक बिच्छू पर पड़ती जो कि नदी के अंदर डूब रहा होता है। बिच्छू को नदी के अंदर डूबता देख संत ने उसे पानी से बहार निकालने के लिए पकड़ना चाहा। तभी बिच्छू ने संत के हाथ पर डंक मार दिया। डंक लगने के बाद भी संत ने बिच्छू को फिर से पकड़ने की कोशिश की। इसी तरह से बिच्छू ने संत के हाथ पर कई सारे डंक मार दिए। हालांकि संत बिच्छू को पानी से निकालने में सफल रहा और बिच्छू की जान बच गई।

संत के हाथों पर लगे इतने सारे बिच्छू के डंक देखकर शिष्य हैरान रहे गया। शिष्य ने अपने गुरु से पूछा कि वो बिच्छू बार-बार आपको डंक मार रहा था और आप फिर भी उसे बचाने में लगे रहे। जिसकी वजह से आपके हाथों पर उसने इतने सारे डंक मार दिए। आपने उस बिच्छू को डूबने क्यों नहीं दिया। उसको बचाने के चलते आप जख्मी हो गए।

अपने शिष्य की बात सुनकर संत मुस्कुराकर बोल, बिच्छू एक जीव है और जीव का काम डंक मारना है। जो कि इसका कर्म है और मैं एक इंसान हूं और एक इंसान का कर्तव्य दया की भावना रखना है और लोगों की मदद करना है। वो बिच्छू अपना काटने का कर्तव्य निभा रहा था और मैं उसे बचाने का। इसलिए उस बिच्छू का मेरे हाथों पर डंक मारना सही था। हर इंसान को अपने कर्तव्य का पालन जरूर करना चाहिए और कभी भी अन्य लोगों से कोई उपेक्षा नहीं रखनी चाहिए।

संत की बात सुनकर शिष्य को समझ आ गया है इंसान को कभी भी अपने कर्तव्य से मुंह नहीं फेरना चाहिए। चाहे कर्तव्य पालन करने में उसे कितनी भी बांधाएं क्योंकि नहीं आए। अक्सर कई लोग अपने कर्तव्य के मार्ग से भटक जाते हैं और गलत राह पर चले जाते हैं। जो कि गलत है।

कथा से मिली सीथ:  संत और बिच्छू की इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है कि मार्ग चाहें कितना भी कठिन क्यों ना हों,  इंसान को अपने कर्तव्य को नहीं भूलना चाहिए  और कर्म करते रहने चाहिए।

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