संत ने अपने शिष्य को देखभाल करने के लिए गाय दी, लेकिन एक दिन ये गाय खो गई, फिर…
कई बार जिंदगी में ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं जिनके कारण हम दुखी हो जाते हैं। जो कि गलत होता है। जीवन में हर व्यक्ति को केवल खुश ही रहना चाहिए और बुरी परिस्थिति का असर अपने जीवन पर नहीं पड़ने देना चाहिए। सुखी और सफल जीवन से एक लोक कथा जुड़ी हुई है। कथा के अनुसार एक संत जंगल में रहा करता था। इस संत के आश्रम में कई सारी गाय थी। एक दिन इस संत के पास एक गरीब व्यक्ति आया और उसने संत से कहा कि उसके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं है और वो कई दिनों से भूखा है। आप मुझपर अपनी कृपा करो और मुझे अपना शिष्य बना लों। ताकि मैं आपके साथ आपके आश्रम में रहे सकूं। संत ने इस गरीब व्यक्ति की बात मान ली और इसे अपना शिष्य बना लिया।
अपना शिष्य बनाने के बाद संत ने इसे एक गाय दे दी और कहा कि तुम इस गाय की सेवा करो और इससे मिलने वाले दूध केवल तुम्हारी ही होगा। इसके अलावा रोज तुम दो बार भगवान के नाम का जाप भी किया करो। संत की बात को मानते हुए शिष्य ने गाय की सेवन करनी शुरू कर दी और रोज भगवान का मान लिया करता था। गाय से मिलने वाला दूध शिष्य खुद ही पी जाता था।आश्रम में रहकर ये शिष्य काफी खुश था और एक दिन इसने संत का धन्यावाद करते हुए, संत से कहा आपकी की वजह से ही मेरा जीवन सुखी हो पाया है।
संत ने मुस्कुराते हुए कहा ये तो अच्छा है। कुछ दिन बाद ही गाय खो गई। गाय खोने की कारण शिष्य को दूध नहीं मिल रहा था। जिसकी वजह से उसने पूजा करना भी छोड़ दिया और दुखी रहने लग गया। शिष्य ने संत से मुलाकात की और संत को बताया कि उसकी गाय खो गई है जिसकी वजह से उसका मन मंत्र जाप में भी नहीं लग रहा था और वो कई दिनों से दुखी है। ये बात सुनकर गुरु ने कहा ये भी अच्छा है। कुछ समय बाद शिष्य को गाय वापस से मिल गई और वो फिर खुश रहने लग गया।
शिष्य ने ये बात संत को बताई। संत ने गाय मिलने की बात सुनकर कहा ये तो अच्छा है। ये सुनते ही शिष्य हैरान हो गया और उसने संत से कहा मेरे जीवन की हर परिस्थिति में आप अच्छा है यही क्यों कहते हो। संत ने जवाब देते हुए कहा सुखी और सफल जीवन पाने के लिए सुख हो या दुख, हर समय प्रसन्न रहना चाहिए। जीवन में आई बुरी परिस्थिति में अपने आपको दुखी नहीं रखना चाहिए। जब हम हर समय खुश रहते हैं तब जीवन से दुख का अनुभव खत्म हो जाता है।
संत की ये बात सुन शिष्य को समझ आ गया कि जीवन में चाहे कैसी भी परिस्थिति क्यों ना हो हमें सदैव प्रसन्न ही रहना चाहिए। ऐसा करने से दुख महसूस नहीं होती है और खुशी के साथ जीवन कट जाता है।