8 दिसंबर को है मोक्षदा एकादशी, इस दिन व्रत रखने से होती है मोक्ष की प्राप्ति
8 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी है और इस एकादशी के दिन व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। मोक्ष एकादशी हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष को आती है और ऐसी मान्यता है कि इस एकादशी के दिन पूजा करने से इंसान को जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्ती मिल जाती है। इस दिन व्रत करने से जीवन में केवल सुख ही मिलते हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। मोक्षदा एकादशी के दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने गीता का ज्ञान दिया था। जिसके चलते इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है।
मोक्षदा एकादशी पूजन का शुभ मुहूर्त
मोक्षदा एकादशी 7 दिसंबर 2019 को सुबह 6 बजकर 34 मिनट से शुरू हो जाएगी जो कि 8 नवंबर 2019 सुबह 8 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। ज्योतिष के अनुसार एकादशी का व्रत 8 दिसंबर के दिन होगा। जो कि अगले दिन 9 दिसंबर को सुबह 9 बजकर 9 मिनट तक रहेगा। यानी जो लोग इस दिन व्रत रखेंगे वो 9 तारीख को 9 बजे अपना ये व्रत तोड़े। व्रत तोड़ने के साथ ही मंदिर में खानों की चीजों का दान भी करें।
किस तरह से करें व्रत और पूजा
- मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु और कृष्ण भगवान का पूजन किया जाता है। इस दिन सुबह उठकर सबसे पहले घर की सफाई की जाती है। सफाई करने के बाद पवित्र जल यानी गंगा जल से स्नान किया जाता है।
- नहाने के बाद मंदिर की सफाई की जाती है और भगवान की मूर्तियों को भी स्नान करवाया जाता है।
- मोक्षदा एकादशी की पूजा करते समय सबसे पहले विष्णु जी को पीले रंग का फूलों का हार पहनाया जाता है और इसके बाद इनके चरणों पर तुलसी का पत्ता रखा जाता है।
- धूप या दीपक जलाने के बाद विष्णु और कृष्ण जी से जुड़े पाठों को पढ़ा जाता है और पूजा होने के बाद आरती की जाती है।
- अगर आप इस दिन व्रत रख रहे हैं, तो पूजा करने से पहले हाथों में जल लेकर इस व्रत का संकल्प लें और भगवान से प्रार्थन करें की आपका ये व्रत सफल हो और व्रत के दौरान अगर आपसे कोई भूल हो जाए तो भगवान आपको माफ कर दें।
- इस दिन विष्णु नाम का जाप करें। वहीं रात को इसी तरह से फिर पूजा करें।
करें तुलसी पूजन
मोक्षदा एकादशी के दिन तुलसी और पीपल के पेड़ की भी पूजा करनी चाहिए। विष्णु जी की पूजा करने के बाद तुलसी के पौधे के सामने दीपक जला दें और तुलसी की पूजा करें। इसके बाद पीपले के पेड़ की भी पूजा करें और पीपल के पेड़ को दूध वाला जल अर्पित करें। इस पेड़ की सात परिक्रमा लें और परिक्रमा पूरी होने के बाद इस पेड़ के पास घी का दीपक जला दें।
जरूर पढ़े गीता
इस दिन श्री कृष्ण ने अर्जुन को रणभूमि में गीता का उपदेश दिया था। इसलिए आप इस दिन गीता की पूजा भी करें और गीता को जरूर पढ़ें।
ना करें ये कार्य
- मोक्षदा एकादशी के दिन किसी से लड़ाई ना करें और चावल ना खाएं।
- इस दिन बिस्तर पर सोने की जगह जमीन पर सोएं।
- प्याज युक्ता खाना ना खाएं।