अलग देश,अलग झंडा और इस तरह नित्यानंद ने बसाया खुद का ‘हिंदू राष्ट्र’,नाम है कैलासा
आपने बॉलीवुड फिल्मों में देखा होगा कि किसी विलेन ने अपने खौफ को बनाए रखने के लिए अपना साम्राज्य ही बना लिया हो। ऐसा आपने शान के शाकाल, मिस्टर इंडिया के मोगैंबो, फरिश्ते के जयचंद जैसे कई किरदारों में देखा होगा। लेकिन अगर हम आपसे कहें कि ऐसा असल में हो रहा है तो आप यकीन करेंगे? शायद नहीं लेकिन ये सच है कि रेप के आरोपी नित्यानंद ने बसाया ‘हिंदू राष्ट्र’, क्या आप इनके बारे में जानते हैं?
नित्यानंद ने बसाया ‘हिंदू राष्ट्र’
देश को छोड़कर भागने वाले स्वयंभूं बाबा नित्यानंद ने अब स्वघोषित हिंदू राष्ट्र बनाया है। दुष्कर्म के आरोप लगने के बाद से ही नित्यानंद की तलाश होने लगी है लेकिन अब पता चला है कि उसने एक हिंदू राष्ट्र बसाया है जिसका मुखिया वो बना है। नित्यानंद के देश का नाम कैलासा है और इनके स्वघोषित सीमारहित हिंदू राष्ट्र की अपनी वेबसाइट भी है जिसमें लिखा है कि ये देश अपना अधिकार खो चुके हिंदुओं के लिए है। स्वयंभू बाबा नित्यानंद पर कर्नाटक में दुष्कर्म और अपहरण का मामला दर्ज किया गया है तो वहीं गुजरात में उत्पीड़न को लेकर केस भी दर्ज है। 22 नवंबर को ही गुजरात पुलिस ने अहमदाबाद में नित्यानंद के आश्रम में छानबीन की गई लेकिन पुलिस को यहां कोई सबूत बरामद नहीं हुआ है। नित्यानंद का कथित हिंदू साम्राज्य कैलासा दुनिया के किस कोने में है, इसके बारे में फिलहाल कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। वेबसाइट पर हिंदू राष्ट्र बनाने के मकसद को उजागर किया जा रहा है और इस हिंदू राष्ट्र का लक्ष्य हिंदू धर्म की रक्षा करना और मानवता को लोगों के समक्ष जागरुक करना है।
वेबसाइट पर इस हिंदू राष्ट्र के बारे में विस्तार से बताया गया है और आपको जानकर हैरानी होगी कि नित्यानंद के इस देश का अपना पासपोर्ट, अपना झंडा, सरकारी विभाग, भाषा और स्कूल के अलावा काफी कुछ मौजूद है। वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, इस देश की आबादी में करीब 10 करोड़ शैवाइट और 2 अरब हिंदू धर्म के अनुयायियों को शामिल किया गया है और इसके साथ ही यहां पर अंग्रेजी, संस्कृत और तमिल भाषा का ज्ञान भी प्रसारित किया जाता है। यहां की प्राइमरी भाषा अंग्रेजी है, जबकि संस्कृत को जूसरी और तमिल को तीसरी मूल भाषा के रूप में रखा गया है जिसे सभी लोगों ने स्वीकार किया है। हिंदू राष्ट्र कैलासा के राष्ट्रीय ध्वज का नाम ऋषभ है और त्रिकोणीय आकार वाले इस ध्वज पर भगवान परमाशिवा और नंदी बैल की तस्वीर भी है।
जैसा कि आप तस्वीर में देख सकते हैं कि भगवान परमाशिवा के 25 सिर और 50 हाथ हैं। माथे पर चंदा और गले में कंठी माला से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ये भगवान शिव की प्रतिमा है। वेबसाइट पर राष्ट्रीय जानवर नंदी बैल को बताया गया है और वेबसाइट पर इसकी तस्वीर भी अपलोडेड है। यहां का राष्ट्रीय पुष्प कमल और राष्ट्रीय वृक्ष बरगद का पेड़ है।