जिस व्यक्ति की इच्छाएं जितनी कम होती हैं, उसका मन भी उतना ही शांत रहता है
मन शांत होने पर जीवन सुख और समृद्धि से भर जाता है। हालांकि ऐसे कई लोग होते हैं, जिनका मन सदा अशांत ही रहता है और अशांत मन होने के कारण उनको हर चीज पर गुस्सा ही आता है। इस संबंध में एक लोक कथा काफी प्रचलित है, जो कि एक राजा से जुड़ी हुई है। कथा के अनुसार एक राजा हुआ करता था और इस राजा के पास किसी भी चीज की कमी नहीं थी। हालांकि इस राजा का मन सदा अशांत ही रहता है। एक दिन राजा ने अपने मंत्री से सुझाव मांगते हुए पूछा कि आखिर वो ऐसा क्या करें कि उनका मन शांत हो जाए और वो खुशी के साथ अपना जीवन जी सकें।
मंत्री ने राजा को सलाह देते हुए कहा कि आप भगवान की पूजा करें और एक हवन करवा लें। हवन करवाने से आपको शांति मिलेगी और भगवान से आशीर्वाद भी प्राप्त हो जाएगा। अपने मंत्री की बात को मानते हुए राजा ने अपने राज्य में एक बहुत बड़ा हवन करवाया और इस हवन में 101 संतों को बुलाया। इन 101 संतों में से एक संत बेहद ही विद्वान था।
जब राजा को विद्वान संत के बारे में पता चला, तो राज तुरंत उस संत के पास गए और संत को कई सारी सोने की मुद्राएं दी। मुद्राएं देते हुए राजा ने संत से कहा कि आप मुझे कुछ ऐसा उपाय बताएं जिससे मुझे शांति मिले। ये हवन करवाने के बाद भी मेरा मन पूरी तरह से शांत नहीं हुआ है।
तभी संत ने राजा से एक सवाल पूछते हुए कहा अगर मैं तुम्हें कोई आशीर्वाद दूं तो तुम क्या मांगो गे। राजा ने तुरंत संत से कहा, मेरे पास रखा धन और अधिक हो जाए, मैं अपने पड़ोसी राज्यों पर भी कब्जा कर लूं, मेरा वंश पूरी दुनिया में जाना जाए और इस राज्य का हर व्यक्ति मेरा खूब सम्मान करें। राजा की ये बात सुन संत ने कहा राजन् तुम्हारी इच्छाओं का कोई अंत नहीं है। जिसकी वजह से ही तुम्हारा मन सदा अशांत रहता है।
जीवन में केवल वो ही व्यक्ति शांति पा सकते हैं जिनकी इच्छाएं कम हों और उन्हें जो मिले वो उसमें खुश रहना जानते हों। आज तुम्हारे पास इतना बड़ा राज्य है, लेकिन फिर भी तुम अन्य राज्यों पर कब्जा करना चाहते हो। तुम्हारे पास इतना धन है फिर भी तुम और पैसे पाना चाहते हो, तुम्हारा वंश अभी शुरू ही नहीं हुआ है और तुम उसके प्रसिद्ध होने का आशीर्वाद मांग रहे हैं। तुम्हारी इच्छाएं इतनी सारी हैं और इन इच्छाओं के कारण ही तुमको शांति नहीं मिलती है। अगर तुम सुखी और खुश जीवन चाहते हो, तो जो तुम्हारे पास है उसमें खुश रहना सीखों और आशीर्वाद में धन दौलत मांगने की जगह सुखी जीवन मांगों।
संत की ये बात सुन राजा को समझ आ गया कि जिस व्यक्ति की इच्छाएं जितनी कम होती है उसका मन उतना ही शांत रहता है। जब तक मन में खूब सारी इच्छाएं रहेंगी तब तक हमें शांति नहीं मिलेगी और मन अशांत ही रहेगा।