अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत के काम की चीनी मीडिया ने की सराहना, कहा चीन को लेनी चाहिये प्रेरणा!
अंतरिक्ष विज्ञान और उपग्रह प्रक्षेपण प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत हर रोज नये आयाम गढ़ रहा है, और अब तो चीन भी भारत की कामयाबी का कायल हो गया है. वैसे तो चीनी मीडिया को भारत के किसी भी काम की सराहना करते नहीं देखा गया है लेकिन हाल ही में भारत की तरफ से किये गये एक उपग्रह प्रक्षेपण की चीनी मीडिया ने तारीफ की और कहा कि चीन को भारत से प्रेरणा लेनी चाहिये.
चीनी मीडिया ने भारत सराहना की :
चीनी मीडिया में इस बात की चर्चा है कि भारत ने चीन से अच्छा काम किया है. और इससे बीजिंग दुनिया के छोटे उपग्रह बाजार में प्रतिस्पर्धा करने के लिये अपने राकेट प्रक्षेपणों का व्यावसायिकरण तेज करने के लिये प्रेरित हो सकता है. भारत की तरफ से 104 उपग्रहों के प्रक्षेपण पर चीन ने पहले सधी हुई प्रतिक्रिया दी थी और भारत को अमेरिका और रूस से पीछे बताया था.
चीन के छोटे उपग्रहों से जुड़े इंजीनियरिंग संस्थान शंघाई इंजीनियरिंग सेंटर फॉर माइक्रोसेटेलाइट्स के निदेशक झांग योग्हे ने भारत के इस प्रक्षेपण की तारीफ करते हुये कहा कि भारत ने दिखा दिया है कि भारत कम खर्च में अंतरिक्ष में व्यावसायिक उपग्रह भेजने की क्षमता रखता है, जो कि बढ़ते अंतरिक्ष व्यवसाय के क्षेत्र में बड़ी बात है.
चीन की सरकारी मीडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने वैश्विक स्तर पर अंतरिक्ष से जुड़े कार्यक्रमों खासतौर से उपग्रह प्रक्षेपण के क्षेत्र में चीन से अच्छा काम किया है. अब इसके बाद चीन भी अपने यहाँ अंतर्राष्ट्रीय तौर पर राकेट प्रक्षेपण के क्षेत्र में तेजी लायेगा.
भारत की तरफ से 104 उपग्रहों के प्रक्षेपण को कई अलग अलग नजरिये से देखा जा रहा है. हालांकि विश्वभर में इसकी सराहना भी की जा रही है. दुनिया के लिये ये एक चुनौती है कि भारत ने एक ही राकेट के माध्यम से 104 उपग्रहों को ऑर्बिट में स्थापित किया. ग्लोबल टाईम्स के मुताबिक, ‘बुधवार का प्रक्षेपण भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की हालिया जीत है.’
वहीँ चीन ने इस बात से प्रेरणा लेने की बात तो कही है साथ ही उनकी प्रतिक्रिया बेहद सधी हुई है, चीन ने भारत के अंतरिक्ष संस्थान इसरो की इस उपलब्धि को एक सीमित कामयाबी बताया है, चीन के एक अख़बार में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि ये भारत के लिये एक उपलब्धि तो है लेकिन भारत अभी भी अमेरिका और रूस से पीछे है. सिर्फ अंकों के आधार पर कामयाबी नहीं गिनी जा सकती है.
वहीँ इस लेख में भारत पर तंज भी कसा गया है और कहा गया है कि भारत की तरफ से एक भी अंतरिक्ष यात्री अभी अंतरिक्ष में नहीं है, और भारत का अपना को स्पेस स्टेशन भी नहीं है. जबकि पिछले साल चीन के दो अंतरिक्ष यात्रियों ने पिछले साल 30 दिन अंतरिक्ष में बिताये थे. इससे पहले मंगलयान की सफलता पर चीन की प्रतिक्रिया काफी उत्साहवर्धक थी और चीन ने कहा था कि भारत के इस काम से एशिया का गौरव बढ़ा है.