कैश में गहने खरीदे तो देना होगा टैक्स, मोदी सरकार की नई चाल!
नोटबंदी के बाद बचत खाते से नकद निकासी पर सीमा बढ़ाकर 50 हजार कर दी गई है. तो वहीं कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए सरकार एक और कड़ा कदम उठाने जा रही है. एक अप्रैल से दो लाख रुपये से अधिक के गहने नकद खरीदने पर एक प्रतिशत टीसीएस (स्रोत पर कर) चुकाना पड़ेगा. इसकी मौजूदा सीमा 5 लाख रुपये है.
वहीं जवैलर्स का कहना है कि इस नये नियम से आभूषण कारोबार पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. उनका कहना है कि नोटबंदी के बाद आभूषण कारोबार अब तक पटरी पर नहीं लौटा है. अब सरकार ने नकदी में आभूषण खरीद की सीमा और तय कर दी इसका कारोबार पर प्रतिकूल असर होगा क्योंकि आभूषण कारोबार के लिहाज से दो लाख रुपए की रकम कोई बड़ी राशि नहीं है.
आयकर कानून में क्या :
एक अधिकारी ने बताया, ‘आयकर कानून में 2 लाख रुपये से अधिक की वस्तुओं और सेवाओं की खरीद पर एक प्रतिशत का टीसीएस (Tax collected at source) लगाने का प्रावधान है.’ वित्त विधेयक 2017 पारित होने के बाद गहने सामान्य वस्तुओं की श्रेणी में आ जाएंगे. जिसके बाद दो लाख रुपये से अधिक की गहने की खरीद पर एक प्रतिशत टीसीएस देना होगा. वित्त विधेयक 2017 में टीसीएस के लिए 5 लाख रुपये से अधिक के गहनों की खरीद की सीमा को खत्म करने का प्रस्ताव है. यही कारण है कि 2017-18 के बजट में तीन लाख रुपये से अधिक के कैश सौदों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
क्यों लाया गया था विधेयक :
वित्त विधेयक 2017 में आभूषणों पर टीसीएस लगाने की वजह बताई गई है. इसमें कहा गया है कि भारत में घरेलू कालाधन भारी मात्रा में है. इसका सरकार के राजस्व बढ़ाने के प्रयासों पर नकारात्मक असर पड़ रहा है. आभूषणों की खरीद के लिए पहले कोई विशेष प्रावधान नहीं था. ऐसे में लोग कालेधन का इस्तेमाल कर ज्यादा से गहने खरीद लेते थे. इसलिए अब आभूषणों को सामान्य उत्पादों के साथ मिला दिया गया है, जिससे इस पर टैक्स लगे.
इस विधेयक के मुताबिक 2 लाख रुपये से अधिक की खरीद पर 1 प्रतिशत टीसीएस देना होता है. इसका उल्लघंन करने वाले या फिर नकदी स्वीकार करने वाले व्यक्ति पर उतनी ही राशि का जुर्माना लगाया जाने का प्रावधान है.