हिन्दुस्तान की ‘धाक’ – अमेरिका-चीन में युद्ध जैसे हालात! भारत होगा एशियाई देशों का लीडर!
वाशिंगटन – ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के पद संभालने के बाद से ही दुनिया के अन्य देशों में असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। चूँकि ट्रंप को एक आक्रामक नेता के रुप में माना जा रहा है इसलिए सभी देश इसे लेकर सतर्कता बरत रहे हैं। ऐसे में इन दिनों अमेरिका और चीन के बीच का तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इस तनाव की मुख्य वजह चीन की धमकी को नजर अंदाज करते हुए अमेरिकी नौसेना का दक्षिण चीन सागर में गश्त शुरू करना है। अमेरिका ने इस पेट्रोलिंग में अपनी नौसेना के कई पोतों और लड़ाकू विमानों को लगा रखा है। India engagement with asean countries.
अमेरिकी नौसेना ने दक्षिण चीन सागर में डाला डेरा –
चीन को दक्षिणी चीन सागर में अमेरिकी नौसेना की ओर से गश्त शुरू करने की योजना का पता चलने के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को अमेरिका को चेतावनी दी थी। अमेरिका और चीन के रिश्ते दिनों दिन और कठिन होते जा रहे हैं, जिसका सीधा असर हर क्षेत्रीय देश पर पड़ेगा। ट्रंप और उनके शीर्ष मंत्रीमंडलीय सहयोगियों ने भी चीन की ओर से महाद्वीप के निर्माण पर ज्यादा टकराव होता दिख रहा है। अगर पूरी परिस्थिती को गौर से देखा जाए तो चीन और अमेरिका के बीच इन दिनों युद्ध जैसे हालात बनते जा रहा हैं। अगर ऐसा होता है तो यह एशिया के काफी खतरनाक हो सकता है, जिसमें विकासशील देशों कि संख्या बहुत अधिक है और उन्हें इस स्थिती पर एक ऐसे लीडर की जरुरत है जो उन्हें इस खतरे से निकाल सकें।
एशियाई देशों के बीच अपनी धाक जमाएगा भारत –
अमेरिका-चीन के बीच तनाव इतना बढ़ गया है कि युद्ध जैसे हालात बन गए हैं। ऐसे में एशियाई देश ऐसे देश कि ओर देख रहे हैं जो इस संभावित खतरों से निपटने में सक्षम हो। और जो आक्रामक चीन और अनिश्चित अमेरिका- दोनों के खतरों को बेअसर कर सके। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत अगले कुछ सप्ताह और महीनों में एशियाई देशों के साथ तालमेल बढ़ाने की योजना पर काम करने वाला है ताकि इसके जरिए एशिया में एक नेतृत्वकारी क्षमता वाले देश के रूप में उभार सके। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल के शुरु होते ही क्षेत्रीय देशों में इस तरह का माहौल बनना भविष्य के लिए अच्छे संकेत नहीं है।