किन्नरों से जुड़ी कुछ ऐसी बातें जिन्हें सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे!
किन्नर यानि हिजड़े एक ऐसा समुदाय जिसका वर्णन ग्रंथो में भी किया गया है. ये ना तो पूर्ण रूप से मर्द होते है और ना ही नारी. ये आपकी हर ख़ुशी में शामिल होते हैं. इऩकी दुआओं को बहुत ही पवित्र और जिनकी बद्दुआओं को अभिशाप माना जाता है. हमारे दैनिक जीवन में अक्सर उनसे सामना हो जाता है,फिर चाहे आप लोकल ट्रेन ही देख ले या शहर का बस स्टॉप. आप सबको तो पैसे देने से मना कर सकते हो लेकिन किन्नरों के मामले में ज़रा उल्टा ही हिसाब है.
किन्नर समुदाय समाज से अलग ही रहता है, उनका रहन-सहन साधारण मनुष्यों से बिलकुल विपरीत है. यही कारण है कि आम लोगों में उनके जीवन और रहन-सहन को जानने की जिज्ञासा बनी रहती है. आइये आज हम आपकी जिज्ञासा को उस मुक़ाम तक पहुँचाते हैं और बताते हैं किन्नरों से जुड़ी कुछ ऐसी रोचक बातें जिनको सुनके आपके होश उड़ जाएंगे.
1- ज्योतिष के अनुसार वीर्य की अधिकता से पुरुष (पुत्र) उतपन्न होता है. रक्त (रज) की अधिकता से स्त्री (कन्या) उतपन्न होती है. वीर्य और राज़ समान हो तो किन्नर संतान उतपन्न होती है.
2- महाभारत में जब पांडव एक वर्ष का अज्ञात वास काट रहे थे, तब अर्जुन एक साल तक किन्नर वृहन्नला बनकर रहे थे.
3- पुराने समय में भी किन्नर राजा-महाराजाओं के यहां नाचना-गाना करके अपनी जीविका चलाते थे. महाभारत में वृहन्नला (अर्जुन) ने उत्तरा को नृत्य और गायन की शिक्षा दी थी.
किन्नरों से जुड़ी कुछ रोचक बातें :
4- किन्नर अपने आराध्य देव अरावन से साल में एक बार विवाह करते हैं. वैसे यह विवाह मात्र एक दिन के लिए होता है.
5- किन्नर की दुआएं किसी भी व्यक्ति के बुरे समय को दूर कर सकती हैं. धन लाभ चाहते है तो किसी किन्नर से एक सिक्का लेकर पर्स में रखे.
6- एक मान्यता है कि ब्रह्माजी की छाया से किन्नरों की उत्पत्ति हुई है. दूसरी मान्यता यह है कि अरिष्टा और कश्यप ऋषि से किन्नरों की उतपत्ति हुई है.
7- पुरानी मान्यताओं के अनुसार शिखंडी को किन्नर माना गया है. शिखंडी की वजह से ही अर्जुन ने भीष्म को युद्ध में हरा दिया था.
8- किसी नए वयक्ति को किन्नर समाज में शामिल करने के भी नियम है. इसके लिए कई रीती-रिवाज़ है, जिनका पालन किया जाता है. नए किन्नर को शामिल करने से पहले नाच-गाना और सामूहिक भोज होता है.
9- किसी किन्नर की मृत्यु के बाद उसका अंतिम संस्कार बहुत ही गुप्त तरीके से किया जाता है.
किन्नरों की जब मौत होती है तो उसे किसी गैर किन्नर को नहीं दिखाया जाता. ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से मरने वाला अगले जन्म में भी किन्नर ही पैदा होगा. किन्नर मुर्दे को जलाते नहीं बल्कि दफनाते हैं.