26 नवंबर को है भौमवती अमावस्या, इन दिन करें ये उपाए, पितर दोष से मिल जाएगी मुक्ति
इस महीने 26 नवंबर को भौमवती अमावस्या आ रही है और भौमवती अमावस्या को शास्त्रों में अच्छा माना गया है। कहा जाता है कि भौमवती अमावस्या के दिन नीचे बताए गए उपायों को किया जाए तो पितर शांत हो जाते हैं। इसलिए जिन लोगों पर पितर दोष है और जिनके पितर शांत नहीं हैं वो लोग भौमवती अमावस्या के दिन इन उपायों को जरूर करें। इन उपायों को करते ही आपके पितर शांत हो जाएंगे और आपको पितर दोष से निजात मिल जाएगा।
भौमवती अमावस्या के दिन करें ये उपाय हो जाएंगे पितर शांत
रखें व्रत
भौमवती अमावस्या के दिन व्रत रखने से पितर शांत हो जाते हैं और प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं। विष्णु पुराण के अनुसार अमावस्या का उपवास करने से सुखी जीवन प्रदान होता है और पितर दोष खत्म हो जाता है।
पीपल की करें पूजा
अमावस्या की शाम आप पीपल के पेड़ की पूजा भी जरूर करें। पीपल के पेड़ की पूजा करते हुए सबसे पहले एक तेल का दीपक जला दें और इस तेल के दीपक को अपने पितरों को समर्पित करें। ये दीपक जलाने के बाद पीपले के पेड़ की परिक्रमा करें और पीपल के पेड़ पर लस्सी, चावल, फूल और जल एक साथ चढ़ाएं। ये उपाय करने से पितरों को शांति मिलती है।
करें इस मंत्र का जाप
इस दिन आप सुबह स्नान करने के बाद ‘ॐ पितृभ्य: नम:’ मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप 108 बार करने से शुभ फल मिलता है और पितर दोष से मुक्ति मिल जाती है।
करें हनुमान जी की पूजा
इस बार ये अमावस्या मंगलवार के दिन आ रही है। इसलिए आप शाम के समय मंदिर में जाकर हनुमान जी की पूजा करें और उनके सामने तेल का एक दीपक जला दें। हनुमान जी की पूजा करने से पितर दोष दूर हो जाता है।
करें दान
भौमवती अमावस्या के दिन दान करना भी लाभदायक माना जाता है। इसलिए आप भौमवती अमावस्या के दिन काली चीजों का दान जरूर करें और हो सकते तो गरीब लोगों को भोजन भी खिलाएं। ऐसा करने से पितर शांत हो जाते हैं और कर्ज, ऋण आदि से भी मुक्ति मिल जाती है।
करें ये पाठ
भौमवती अमावस्या के दिन आप दो बार पितृ सूक्त या पितृ स्तोत्र का पाठ कर लें। ये पाठ पढ़ने से आपके पितर आप से खुश हो जाएंगे और आपके जीवन में सुख शांति बनीं रहेगी।
दें सूर्य को अर्घ्य
सुबह स्नान करने के बाद एक तांबे के लोटे में जल भर दें और इस जल में अंदर लाल चंदन, गंगा जल और फूल मिलाकर इस पानी को सूर्य देव को अर्पित करें। जल अर्पित करते समय आप ‘ॐ पितृभ्य: नम:’मंत्र का जाप करें।
जल में करें ये चीजें प्रवाहित
इस दिन एक मिट्टी के लोटे में चावल और काले तिल भर लें। फिर इस पात्र पर लाल रंग का कपड़ा लपेट लें। इस पात्र को आप किसी नदी में प्रवाहित कर दें और अपने पितरों से शांत होने की कामना करें।
गाय को खिलाएं रोटी
अमावस्या के दिन सुबह गाय को गुड़ वाली रोटी खिलाएं। गुड़ वाली रोटी के अलावा आप चींट को आटा भी डालें। ये उपाय करने से भी पितर शांत हो जाते हैं।