जानिए बचपन में कैसे थे भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, बचपन में ही बचे थे मगरमच्छ के चंगुल से!
आज प्रधानमंत्री मोदी की पहचान केवल भारत में ही नहीं बल्कि पुरे विश्व में एक सशक्त राजनेता के तौर पर होती है। अपना पड़ोसी देश पाकिस्तान भी नरेन्द्र मोदी के कारनामों का लोहा मान चुका है। केवल यही नहीं दुनियाँ का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका भी मोदी की ताकत से भंली-भाँती परिचित है। आपको बता दें नरेन्द्र मोदी का जन्म 17 सितम्बर 1950 को गुजरात में हुआ था। नरेन्द्र मोदी कुल 6 भाई-बहन हैं।
नहीं जानते होंगे नरेन्द्र मोदी के बचपन की ये बातें:
हर कोई आज इनके बारे में जनता है, लेकिन क्या आप नरेन्द्र मोदी के बचपन के बारे में कुछ जानते हैं। इनका बचपन किस तरह से बिता, इन्होने अपने बचपन में क्या-क्या काम किया। नहीं ना? आज हम आपको नरेन्द्र मोदी के बचपन के कुछ रोचक तथ्य बताने जा रहे हैं, जिसे बहुत कम ही लोग जानते होंगे।
नरेन्द्र मोदी के बचपन की कुछ रोचक बातें:
*- बाल-बाल बचे मगरमच्छ के चंगुल से:
नरेन्द्र मोदी बचपन में गुजरात की शर्मिष्ठा झील के पास अक्सर खेलने के लिए जाया करते थे। उन्हें शायद इस बात का ज्ञान नहीं था कि उस झील में भारी संख्या में मगरमच्छ रहते हैं। एक बार एक खतरनाक मगरमच्छ खेलते समय नरेन्द्र मोदी को पकड़ने की कोशिश करने लगा। इसी दौरान बचने के प्रयास में उन्हें काफी चोटें आयीं, लेकिन वह बाल-बाल मगरमच्छ के चंगुल से बच गए।
*- सुबह उठने की आदत:
नरेन्द्र मोदी बचपन से ही बहुत संतुलित जीवन जी रहे हैं। वह बचपन से ही किसी भी मौसम में 5 या 5:30 पर उठ जाते हैं।
*- अपने माँ-बाप की मदद:
नरेन्द्र मोदी के पिता रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने का काम करते थे। जब भी वह स्कूल से खाली हो जाते थे, तो वह अपने माता-पिता की मदद करने पहुँच जाते थे।
*- बचपन में लिखते थे कविता:
नरेन्द्र मोदी को बचपन से कविताओं का बहुत शौक रहा है। वह बचपन में ही गुजराती में कई कवितायें लिख चुके थे।
*- नाटक का शौक:
नरेन्द्र मोदी को बचपन से ही नाटक का भी खूब शौक था। वह बचपन से ही लोगों की मदद करने के लिए नाटकों में हिस्सा लिया करते थे।
*- बचपन में सन्यासी से हुए प्रभावित:
नरेन्द्र मोदी अपने बचपन में एक ऐसे सन्यासी से मिले, जिन्होंने मोदी को काफी प्रभावित किया। इसके बाद क्या था, मोदी भी युवावस्था में कई दिनों तक उस सन्यासी के साथ सन्यासी बनकर घूमते रहे।
*- सच्चे देशभक्त:
नरेन्द्र मोदी अपने युवावस्था में 1965 जी जंग के दौरान रेलवे स्टेशन पर जाकर सैनिकों की मदद किया करते थे। 1967 में जब एक बार गुजरात में भयानक बाढ़ आयी थी, उस वक़्त उन्होंने बाढ़ पीड़ितों की भी मदद की थी। उस समय भी उनके अन्दर देशभक्ति की उतनी ही भावना थी, जितनी आज है।