सफलता मंत्र: संत जब भी पूजा में शामिल होने के लिए अपने शिष्य में साथ निकलता तो तेज बारिश होने लगती
कई बार हम लोगों के जीवन में कुछ ऐसी परेशानियां आ जाती हैं जिनका सामना करने की हिम्मत हम लोगों में नहीं होती है और उन परेशानियों की वजह से हम जीवन में कोशिश करना छोड़ देते हैं। अक्सर कई ऐसे लोग भी होते हैं जो कि परेशानी देखकर उसका हल निकालने की जगह किस्मत के भरोसे बैठ जाते हैं और जीवन में आगे बढ़ने की सोच भी खो देते हैं।
एक लोक कथा के अनुसार एक व्यक्ति के जीवन में भी एक बार कुछ ऐसी ही परेशानी आ गई थी। जिसकी वजह से वो व्यक्ति निराश हो गया था और उसने सब कुछ भाग्य पर छोड़ दिया। एक दिन इस व्यक्ति को बेहद ही उदास देख जब इसके दोस्त ने उससे उदासी का कारण पूछा। तो उसने बताया कि वो अपने जीवन की परेशनियों के कारण उदास है और उस समय का इंतजार कर रहा है जब ये परेशानियां खत्म हो जाएं।
इस व्यक्ति की बात सुनकर उसके दोस्त ने उससे कहा कि तुम मेरे साथ एक संत के आश्रम में चलों। इस संत के पास हर परेशनी का हल होता है और वो तुम्हारे जीवन की परेशानी का भी समाधान तुम्हें बात देंगा। अगले दिन ये व्यक्ति अपने दोस्त के साथ संत के पास जाता है। संत इसकी बाते सुनकर इसे अपना शिष्य बनने को कहता है। ये व्यक्ति संत का शिष्य बनने के लिए तैयार हो जाता है और उनके साथ ही आश्रम में रहना शुरू कर देते है।
एक दिन एक गांव में पूजा के लिए संत को बुलाया जाता है और ये संत अपने शिष्य के साथ पूजा में शामिल होने के लिए जैसे ही आश्रम से निकलता है। तो तेज बारिश होने लग जाती है। बारिश होने के कारण ये संत एक पेड़ के नीचे खड़ा हो जाता है। दो घंटे तक पेड़ के नीचे खड़े होने के बाद भी बारिश नहीं रुकती है। तब ये शिष्य संत से कहता है कि गुरु अगर हम इसी तरह बारिश के रुकने का इंतजार करते रहे तो पूजा के लिए देरी हो जाएगी। ये सुनने के बाद, संत शिष्य से कहता है कि हमें बारिश के रुकने का इंतजार करना चाहिए। वहीं कुछ देर इंतजार करने के बाद भी बारिश नहीं रुकती है। शिष्य दोबारा संत से कहता है, हमें बारिश की वजह से रुकने की जगह आगे बढ़ना चाहिए। क्या पता आगे हमें बारिश ना मिलें।
शिष्य की ये बात सुनकर संत बेहद ही खुश होता है और उसे कहता है, मैं तुम्हें यहीं समझाना चाहता था कि जीवन में समस्या आने पर हमें उनका दुख मनाने और उनके जाने का इंतजार करने की जगह अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहिए। क्योंकि आगे बढ़ने पर ही हमें परेशानी का हल मिल सकता है और हम जीवन में कामयाब हो सकते हैं। जीवन की परेशानी भी इसी बारिश की तरह होती है जो कि कुछ समय तक ही रहती है। गुरु की ये बात सुन शिष्य को समझ आ गया की वो अपनी परेशनियों से दुखी होने की जगह जीवन में आगे बढ़ने की और ध्यान लगाए।