‘लाल लकीर’ वाले पत्ते की दवाई हो सकती है घातक, जानिये क्या होता है इन लकीरों का मतलब
दवाओं के प्रति लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health & Family Welfare) द्वारा समय समय पर कई तरह के विज्ञापन निकाले जाते हैं। ताकि लोग डॉक्टरों की सलाह लिए बिना दवाओं का सेवन ना करें। दरअसल ऐसे कई केस देखने को मिलते हैं, जहां पर लोग खुद से ही दवाई खरीदकर खा लेते हैं और ऐसा करने से उनकी तबीयत और खराब हो जाती है। इसलिए हमेशा यहीं कहा जाता है कि आप बिना डॉक्टरों की सलाह के दवाई ना खाएं।
वहीं हाल ही में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा एक ट्विट करके लोगों को दवाईयों के पत्तों पर होने वाली लाल लकीर के बारे में जानकारी दी गई है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की और से किए गए इस ट्विट में कहा गया है कि जिन दवाईयों के पत्तों पर लाल लकीर हो, उन दवाई को आप बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं खाएं। बिना डॉक्टर की सलाह लिए अगर ये दवाई खाई जाए तो ये जानलेवा हो सकती है और आपको और बीमार कर सकती हैं। इसलिए आप जब भी कोई दवाई लें तो उसपर लाल लकीर है कि नहीं ये देख लें। लाल लकीर होने पर आप डॉक्टर से सलाह लेकर ही उसे खाए।
क्या होता है लाल लकीर का मतलब ?
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार कुछ दवाईयों के पत्तों पर लाल रंग की एक लकीर बनाई जाती है। इस लकीर का मतलब होता है कि इस दवाई को केवल डॉक्टर की सलाह पर ही खाना चाहिए और डॉक्टर जितनी मात्रा में बोले उतनी ही मात्रा में दवाई का सेवन करना चाहिए। बिना डॉक्टर की सलाह के ये दवाई खाने से या अधिक मात्रा में लेने से जान जा सकती है। आपको बात दें कि कई तरह की एंटीबायोटिक्स दवाओं के पत्तों पर लाल लकीर बनीं होती है। इसलिए आप एंटीबायोटिक्स दवाओं को खरीदते समय ये देख लें की उनपर लाल लकीर है कि नहीं।
ज़िम्मेदार बनें और बिना डॉक्टर की सलाह के लाल लकीर वाली दवाई की पत्ती से दवाइयां न खायें| आप ज़िम्मेदार, तो दवाई असरदार| #AntibioticResistance #SwasthaBharat @PMOIndia @drharshvardhan @AshwiniKChoubey @NITIAayog @PIB_India pic.twitter.com/LjZ8EsggMW
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) November 11, 2019
लाल निशान वाली दवाई को केवल डॉक्टर की पर्ची देखने के बाद ही दुकानदार द्वारा दिया जाता है। डॉक्टर पर्ची में अगर ये दवा ना लिखे तो दुकानदार दवाई को नहीं दे सकता है। लाल निशान वाली दवाई ओवर द काउंटर मेडिकेशन नहीं होती है और इन दवाओं को खाने से कई साइड इफेक्ट्स हो जाते हैं।
डॉक्टरों के अनुसार कई बार इन दवाओं का अधिक सेवन करने से मरीज को इनकी लत भी लग जाती है जो कि घातक होती है। इसलिए इस तरह की दवाई केवल बीमारी से जुड़े स्पेशलिस्ट डॉक्टर द्वारा ही पर्चे में लिखी जाती है।
दवाई खाते समय रखें इन बातों का ध्यान
- आप इन दवाईयों का सेवन खाली पेट ना करें। ये दवाई खाने से 10 मिनट पहले आप कुछ ना कुछ खा लें।
- दवाईयों का सेवन उतनी ही मात्रा में करें जितनी की डॉक्टर द्वारा बोली गई हो।
- सही हो जाने पर दवाई का सेवन करना बंद कर लें।
- दवाई खाते समय उसकी एक्सपायरी डेट भी जरूर देख लें।