अयोध्या राम मंदिर के लिए बन रहा 2100 किलो का घंटा, कीमत सुन यकीन न होगा
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में विवादित अयोध्या जमीन का मामला सुलझाते हुए 2.77 एकड़ की जमीन रामलला को सौप दी हैं. इसके साथ ही केंद्र सरकार को एक ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया हैं जो मंदिर निर्माण का काम देखेगा. अब जहाँ एक तरफ सरकार इस ट्रस्ट को बनाने में व्यस्त हैं तो वहीं दूसरी ओर इस खबर से उत्साहित श्रद्धालु भी अपने लेवल पर इसकी तैयारी में लग गए हैं. इसी कड़ी में वाराणसी की एक फर्म ने अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर में लगाने हेतु 2100 किलो के एक घंटे का आर्डर दिया हैं. जानकारी के अनुसार इस घंटे का निर्माण घंटा घूंघरू-घंटी नगरी नाम से फेमस जलेसर कर रहा हैं.
इस घंटे को बनाने के लिए 50 कारीगर काम पर लगाए जाएंगे. ये सभी ढाई से तीन महीने के अंदर इस घंटे को पूर्ण करेंगे. इस घंटे की उंचाई 6 फीट जबकि चौड़ाई 5 फीट होती. वहीं वजन 2100 किलो होगा. इस घंटे को बनाने में लगभग 10 लाख रुपए का खर्चा आएगा. इस बड़े घंटे के अलावा 10 अन्य भार (500, 250, 100 किलो) वाले घंटे के आर्डर भी जलेसर एटा की फर्म सावित्री ट्रेडर्स को मिले हैं. इस फार्म के ओनर और जलेसर नगर पालिका के चेयरमैन विकास मित्तल बताते हैं कि वाराणसी की फर्म श्याम सुंदर ट्रेडर्स ने उन्हें इस विशाल घंटे को बनाने का आर्डर दिया हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि ये घंटा अयोध्या के राम मंदिर में लगेगा. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ये फार्म देश के सभी बड़े मंदिरों में घंटा सप्लाई करने का कार्य करती हैं.
सूत्रों के अनुसार इस घंटे का निर्माण कार्य स्टार्ट हो छुआ हैं. इसके लिए सबसे अधिक भार वाले घंटे का एक नमूना और सांचा भी तैयार हो चूका हैं. ये 2100 किलो वाला घंटा पीतल एवं अन्य धातु से मिलकर बनाया जाएगा. वहीं इसके साचे के लिए लकड़ी, एल्यूमीनियम का इस्तेमाल हुआ हैं. इसे बनाने के बाद इसमें जलेसर की ख़ास खुशबू वाली मिटटी डाली जाती हैं. इस घंटे को बनाने के लिए खासतौर पर दिल्ली से कारीगर बुलाए गए हैं. इकबाल, बुर्रा, शमशुद्दीन और दाऊ दयाल नाम के ये कारीगर कई पीढ़ियों से घंटे बनाने का काम करते आ रहे हैं. विकास मित्तल के अनुसार न घंटों के ऊपर एटा की घुंघरू घंटी नगरी जलेसर और निर्माता फैक्ट्री का नाम भी अंकित किया जाएगा. इस तरह इस नगरी को पुरे विश्व में पहचान मिल पाएगी.
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जलेसर पुरे विश्व में घुंघरू और घंटी उद्योग के लिए फेमस हैं. इनके बनाए घंटे देश के कई बड़े मंदिरों में लगे हैं. इनमे कटप्पा मंदिर, चार धाम मंदिर, बड़ा हनुमान जी मंदिर भिंड, राजस्थान के हनुमान गढ़ में शनिदेव मंदिर और उत्तर भारत के कई मंदिर शामिल हैं. इतना ही नहीं जलेसर के घुंघरू बहुत सी बॉलीवुड फिल्मों में भी दिखाए गए हैं. यहाँ की ख़ास बात ये हैं कि ये लोग परंपरागत रूप से कोयले की भट्टियों और फर्मों से मिट्टी के सांचे का प्रयोग कर ही घंटे बनाते हैं. यही इस फार्म को दूसरों से अलग और ख़ास बनाती हैं.
वैसे आपको क्या लगता हैं अयोध्या के राम मंदिर में और क्या क्या नई चीजें जरूर लगना चाहिए?