अब ट्रांजैक्शन फेल हुआ तो बैंक आपको देगा इतने रुपए का मुआवजा, जाने पूरी प्रक्रिया
बैंक होने की वजह से हमारे पैसे ना सिर्फ सुरक्षित रहते हैं बल्कि हमें इसके ऊपर अच्छा ख़ासा ब्याज भी मिल जाता हैं. आज के आधुनिक जमाने में बैंक सुविधाएं भी आधुनिक हो गई हैं. अब किसी को पैसे देने के लिए आपको कैश पेमेंट की जरूरत नहीं पढ़ती हैं. इन दिनों सबकुछ ऑनलाइन ही हो जाता हैं. इंटरनेट बैंक से जुड़े ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं. फिर आप किसी वेबसाइट से शॉपिंग कर रहे हो या किसी बिल का भुगतान कर रहे हो ये सभी चीजें ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के जरिये मिनटों में हो जाती हैं. हालाँकि इसके लाभ के साथ कुछ नुकसान भी होते हैं. जैसे कई बार पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर करने के दौरान आपका ट्रांजैक्शन फेल हो जाता हैं. ऐसे में पेमेंट होता नहीं हैं और ऊपर से अकाउंट में पैसा वापस भी नहीं आता हैं.
इस चीज को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अब कुछ नए नियम बना दिए हैं. इन नियमों के तहत यदि बैंक एक निश्चित समय के अंदर फ़ैल हुए ट्रांजैक्शन का पैसा कस्टमर के अकाउंट में वापस नहीं डालती हैं तो उसे अपने ग्राहकों को मुआवजा देना होगा. इसके तहत आरबीआई ने ग्राहकों की शिकायतें जल्दी सुलझाने हेतु एक टर्नअराउंड टाइम का फॉर्मेट बनाया हैं.
सिर्फ ऑनलाइन ट्रांजैक्शन ही नहीं बल्कि ATM से पैसे निकलते समय यदि उसमे से कैश बाहर ना निकले और अकाउंट से वो रकम कट जाए तो इस चीज को लेकर भी नियम बने हैं. इस स्थिति में बैंक को अगले 5 दिनों के अंदर अकाउंट से कटा पैसा वापस डालना होगा. यदि वो ऐसा करने में देरी करता हैं तो इसे अपने कस्टमर को 100 रुपए का मुआवजा देना होगा.
डेबिट कार्ड से जुड़े ट्रांजैक्शन की बात करे तो यदि इस तरह का ट्रांजैक्शन फ़ैल हो जाता हैं और रकम ग्राहक के अकाउंट से कट जाती हैं और दुसरे अकाउंट में पैसा क्रेडिट भी नहीं होता हैं तो इस स्थिति में बैंक या वित्तीय संस्थानों को अगले एक दिन कर अंदर उस पैसे को वापस करना होगा. 1 दिन से अधिक देरी होने पर बैंक आपको 100 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मुआवजा देगी.
इसके साथ ही डेबिट कार्ड से प्वाइंट ऑफ सेल मशीन पर हुए ट्रांजैक्शन में गड़बड़ी होने पर बैंक को अगले 5 दिनों के अंदर पैसा वापस करना होगा नहीं तो वो आपको 100 रुपए के अनुसार मुआवजा देगी. ऐसा तब होगा जब ग्राहक के अकाउंट से तो पैसा कट जाए लेकिन दुकानदार के पीओएस लोकेशन पर चार्ज स्लिप जेनरेट नहीं हो.
इसके बाद इमीडिएट पेमेंट सिस्टम (IMPS) के माध्यम से यदि आप किसी दुसरे के अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करते हैं और उसके खाते में पैसा नहीं जाता लेकिन आपके खाते से कट जाता हैं तो बैंक को एक दिन के बाद पैसा वापस करना होगा. यदि वो ऐसा करने में विफल रहती हैं तो आपको 100 रुपए का जुर्माना देगी.
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