ईद-ए-मिलाद जुलुस के लिए मुस्लिम समुदाय को मुंबई BMC हर साल देगा 2 करोड़ रुपए
हाल ही में बीते रविवार मुस्लिम समुदाय ने ईद-ए-मिलादुन्नबी मनाया था. ऐसे में मुंबई BMC ने ये निर्णय लिया हैं कि अब से हर साल वे ईद-ए-मिलादुन्नबी के दौरान जुलुस रैली निकालने हेतु मुस्लिम समुदाय को 2 करोड़ रुपए का फण्ड प्रदान करेगी. इस रकम का उपयोग हेल्थ कैंप और ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के दौरान बाँटने वाली खाद्य सामग्री और जुलुस प्रक्रिया में इस्तेमाल किया जा सकेगा. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार BMC इसके पहले गणेश उत्सव जैसे त्यौहार के लिए फंड्स देने की हामी भर चूका हैं. ऐसे में आल इंडिया खिलाफत कमिटी भी अपने जुलुस के लिए इस तरह का फण्ड चाहती थी. इस कमिटी के स्टैंडिंग चेयरमैन यशवंत जाधव ने इसी बावड बीते 6 नवंबर को एक प्रपोजल रखा था, जिसे अब मंजूरी मिल चुकी हैं.
आल इंडिया खिलाफत कमिटी के एक्टिंग चेयरमैन सरफ़राज़ आरज़ू ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि “हमें मेयर की तरफ से लेटर मिला था जिसमे मीटिंग के लिए बुलाया गया था. इस मीटिंग में BMC कमिटी के स्टैंडिंग चेयरमैन भी शामिल थे. इसके तहत हर साल जुलूस के लिए कुल 2 करोड़ की रकम मंजूर हुई हैं.”
BMC के द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली इन सुविधाओं में मेडिकल इमरजेंसी, गेस्ट के लिए पांडाल सेट करना, भोजन बांटना और जुलुस निकलने वाली जगह से रोड पर रास्ता साफ़ करना जैसी सुविधाएं शामिल हैं. इसके साथ ही अगले साल से रैली में हेलिकॉप्टर से फूल बरसाने की सुबिधा भी उपलब्ध कराई जाएगी.
गौरतलब हैं कि 9 और 10 नवंबर को पुरे देश में मुस्लिम समुदाय ने ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मनाया था. ये वो दिन हैं जब पूरी दुनियां में रहने वाले मुस्लिम पैगम्बर मोहम्मद का जन्मदिन मनाते हैं. ऐसी मान्यता हैं कि पैगम्बर का जन्म मक्का में रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन हुआ था. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ये इस्लामिक चंद्र कैलंडर के अनुसार तीसरा महिना होता हैं. पैगम्बर का जन्म अब्दुल्लाह और बीवी अमीना के माध्यम से हुआ था.
बताते चले कि ईद-ए-मिलाद रैली 10 नवंबर को बायकुला स्थित खिलाफत हाउस से लेकर क्रावफोर्ड मार्केट तक निकाली गई थी. सुनने में ये भी आया हैं कि खिलाफत हाउस में मदरसा स्टूडेंट्स और अल्पसंख्यकों के लिए जॉब से संबंधित ट्रेनिंग कोर्स भी कराए जाएंगे. इसमें टीचिंग जैसे कोर्स भी शामिल रहेंगे जिसमे बीएड, डीएड और कंप्यूटर ट्रेनिंग जैसे कोर्सेस शामिल रहेंगे.
बताते चले कि ये जो जुलुस निकला था इसे लेकर भिवंडी पुलिस की तरफ से कड़ी व्यवस्था भी की गई थी. जैसा कि आप सभी जानते हैं 9 नवंबर को ही अयोध्या मामले का फैसला भी आया था. ऐसे में ये जुलुस बिना किसी अव्यवस्था के शान्ति से संपन्न हो सके इसके भी कड़े इंतजाम किये गए थे. इस दौरान जुलुस में मोटरसाईकिल, नारेबाज़ी और बैनर जैसी चीजों पर प्रतिबन्ध था. ये सभी इंतजाम के पीछे पुलिस का यही मकसद था कि शहर में कोई भी अप्रिय घटना ना हो. इस त्यौहार को मानाने की तैयारियां बाज़ार में कई दिनों पहले से ही दिखने लगी थी. ये त्यौहार हर साल दुनियां भर के मुस्लिम धूमधाम से मानते हैं. हालाँकि ये दशकों बाद पहली बार ही होगा जब इस तरह की रैली के लिए बीएमसी 2 करोड़ रुपए हर साल देगी.