इस तरह से करें रुद्राक्ष (Rudraksh) को धारण, बदल जाएगा आपका भाग्य
ग्रंथों में Rudraksh को बेहद ही पवित्र बताया गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति शिव जी के आंसूओं से हुई थी। कहा जाता है कि शिव जी के आंसू गिरने से रुद्राक्ष का पेड़ उगा था, जिस पर रुद्राक्ष लगे थे। शास्त्रों के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और शिव भगवान सभी कष्टों से हमारी रक्षा करते हैं। रुद्राक्ष का आकार गोल होता है और इनका रंग भूरा होता है। Rudraksh (रुद्राक्ष) को गले में या हाथों में धारण किया जाता है और इसे धारण करने की एक प्रक्रिया होता है।
रुद्राक्ष के प्रकार
ज्योतिषियों में रुद्राक्ष की कई सारी विशेषताएं बताई गई हैं और इसका जिक्र शिवपुराण, लिंगपुराण, सकन्द्पुराण में किया गया है। शिवपुराण में 14 प्रकार के रुद्राक्ष का जिक्र किया गया है। रुद्राक्ष के यह 14 प्रकार कौन से होते हैं और किस समस्या को हल करने से कौन सा रुद्राक्ष जुड़ा होता है, यह आज हम आपको बताने जा रहे हैं। तो आइए सबसे पहले जानते हैं कि Rudraksh (रुद्राक्ष) कितने तरह के होते हैं।
एकमुखी रुद्राक्ष
एकमुखी रुद्राक्ष को बेहद ही शुभ माना जाता है और जिन लोगों को धन और यश चाहिए, वो इसे धारण कर लें। आपको बता दें कि एकमुखी रुद्राक्ष दुर्लभ होता है और यह आसानी से नहीं मिलता है।
दो मुखी रुद्राक्ष
दो मुखी रुद्राक्ष को देवी और देवता का रूप माना जाता है और इसे धारण करने से सारे पाप दूर हो जाते हैं। इसलिए जिन लोगों ने अपनी जिंदगी में पाप किए हैं वो दो मुखी रुद्राक्ष को धारण कर अपने पापों से मुक्ति पा सकते हैं।
तीन मुखी रुद्राक्ष
उज्जवल भविष्य पाने के लिए आप तीन मुखी रुद्राक्ष को धारण करें। तीन मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से जीवन सुधर जाता है। इस रुद्राक्ष को अग्नि के सामान माना जाता है।
चतुर्मुखी रुद्राक्ष
शास्त्रों में चतुर्मुखी रुद्राक्ष को ब्रह्मा का रूप माना गया है और इस रुद्राक्ष को धारण करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
पंचमुखी रुद्राक्ष
जो लोग अधिक तनाव में रहते हैं और जिनका मन शांत नहीं रहता है वो लोग पंचमुखी रुद्राक्ष धारण कर लें। इस रुद्राक्ष को धारण करने से मन शांत रहता है और तनाव दूर हो जाता है। पंचमुखी रुद्राक्ष को शास्त्रों में रुद्र कालाग्नि के सामान माना गया है।
छह मुखी रुद्राक्ष
छह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से जीवन में धन की कमी कभी भी नहीं आती है। इसलिए जो लोग आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं वो छह मुख वाले रुद्राक्ष को धारण कर लें। इस रुद्राक्ष को कार्तिकेय का रूप माना जाता है।
सात मुखी रुद्राक्ष
पापों को दूर करने के लिए आप सात मुखी रुद्राक्ष को धारण कर लें। इसे धारण करने से पाप दूर हो जाते हैं और आप बुरे कर्मों के फल से बच जाते हैं। शास्त्रों में इस रुद्राक्ष को अनंग बताया गया है।
आठ मुखी रुद्राक्ष
घर के कलेश को दूर करने के लिए आप अष्टमुखी रुद्राक्ष को धारण कर लें। अष्टमुखी रुद्राक्ष को धारण करने से जीवन से कलेश दूर हो जाते हैं और जीवन में केवल खुशियां मिलती हैं। अष्टमुखी रुद्राक्ष को गणेशजी का स्वरूप माना जाता है।
नौ मुखी रुद्राक्ष
मन में भय होने पर या बुरे सपने आने पर आप नौ मुखी रुद्राक्ष को धारण कर लें। इस रुद्राक्ष को धारण करने से बुरे सपने आना बंद हो जाते हैं और भय भी खत्म हो जाता है। नौ मुखी रुद्राक्ष को भैरव का रुप माना जाता है।
दशमुखी रुद्राक्ष
दशमुखी रुद्राक्ष विष्णु का स्वरूप होता है और इस रुद्राक्ष को धारण करने से ग्रह शांत रहते हैं और जीवन में केवल कामयाबी ही मिलती है।
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष (Rudraksh) के बारे में कहा जाता है कि इसे धारण करने से हजार यज्ञों को करने का फल मिलता है और ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पाप दूर हो जाते हैं।
बारह मुखी रुद्राक्ष
धन-धान्य और सुखी जीवन के लिए आप बारह मुखी रुद्राक्ष को धारण करें। इसे धारण करना शुभ होता है और जीवन में केवल शुभ फल ही मिलते हैं।
तेरह मुखी रुद्राक्ष
किसी भी तरह की मनोकामना को पूरा करने हेतु आप तेरह मुखी रुद्राक्ष को धारण कर सकते हैं। तेरह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से हर मनचाही चीज मिल जाती है।
चौदह मुखी रुद्राक्ष
चौदह मुखी रुद्राक्ष शिव से जुडा होता है और इसे धारण करना शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के सामान होता है।
रुद्राक्ष (Rudraksh) धारण करने के लाभ
रोगों से होती है रक्षा
रुद्राक्ष को धारण करने से कई तरह के रोग शरीर को नहीं लगते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इसे धारण करने से उच्च रक्तचाप सही हो जाता है। इसलिए रक्त चाप के मरीज को रुद्राक्ष धारण करने को कहा जाता है। इसके अलावा इसे धारण करने से मन शांत भी रहता है।
मिलती है हर कार्य में कामयाबी
रुद्राक्ष को धारण करने से शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है और हर कार्य में सफलता मिलने लग जाती है। इसलिए अगर कोई कार्य सफल नहीं हो रहा है तो आप इसे धारण कर लें। इसे धारण करने से आपको कार्य में सफलता मिल जाएगी।
शनिदोष से हो रक्षा
शनि की बुरी दृष्टि होने पर आप रुद्राक्ष पहन लें। इसे पहनने से शनि की वक्र दृष्टि से आपकी रक्षा होती है और शनि के प्रकोप से आप बचे रहते हैं। शनिदोष के अलावा कुंडली के और दोष भी रुद्राक्ष को पहनने से दूर हो जाते हैं।
व्यापार में हो लाभ
अगर आपको व्यापार में नुकसान हो रहा है तो आप Rudraksh को पहन लें। रुद्राक्ष को पहनने से या इसे अपने व्यापार स्थल में रखने से व्यापार में लाभ होने लग जाएगा और धन की हानि नहीं होगी।
मुक़द्दमों हो खत्म
कोर्ट में किसी भी तरह का केस चलने पर आप रुद्राक्ष को धारण करें। इसे धारण करने से आपका मुक़द्दमा खत्म हो जाएगा या आपको उस मुक़द्दमों में जीत मिल जाएगी।
बुरी नजर से बचें
अगर किसी व्यक्ति को बार बार बुरी नजर लगती है, तो वो व्यक्ति रुद्राक्ष को धारण कर लें। इसे धारण करने से बुरी नजर से रक्षा होती है और बुरी नजर उतर भी जाती है।
हो जाता है जल्द विवाह
जिन लोगों के विवाह होने में परेशानियां आ रही हैं वो लोग Rudraksh को धारण कर लें। इसे धारण करने से विवाह जल्द हो जाता है और अच्छा जीवन साथी मिल जाता है।
कैसे करें रुद्राक्ष को धारण
रुद्राक्ष को धारण करने से कुछ नियम जुड़े हुए हैं और इन नियमों के तहत ही इसे धारण करना चाहिए। Rudraksh धारण करने के क्या नियम होते हैं वो इस प्रकार हैं।
- रुद्राक्ष को आप केवल सोमवार के दिन, सावन, शिव रात्रि और पूर्णिमा के दिन ही धारण करें।
- रुद्राक्ष को धारण करते समय इसे पहले आप गाय के दूध के अंदर डालकर रख दें। इसके बाद आप इसे शिव के सामने अर्पित कर दें।
- रुद्राक्ष को दूध से निकालकर गंगा जल से धो लें। फिर आप इसको पान के पत्ते पर रख दें। पहले आप रुद्राक्ष पर चंदन लगाएं, इसे फूल अर्पित करें और इसके सामने एक दीपक जला दें।
- आप Rudraksh की पूजा करें और शिव गायत्री मंत्र का जाप 11 बार करें। मंत्र- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
- इसके बाद आप एक धागे के अंदर इसे डालकर धारण कर लें।
- रुद्राक्ष को आप लाल, पीलें और हरे रंग के धागे में ही धारण हैं। धागे के अलावा आप इसे सोने की चेन में भी डालकर धारण कर सकते हैं।
- रूद्राक्ष को गले में डालते समय आप शिव जी का ध्यान भी करें।
कौन कर सकता है रुद्राक्ष को धारण
रुद्राक्ष को कोई भी व्यक्ति धारण कर सकता है। महिला, बच्चे और पुरुष इसे गले में भी बिना किसी डर के पहन सकते हैं।
रुद्राक्ष धारण करने के बाद रखें इन बातों का ध्यान
रुद्राक्ष धारण करने के बाद आपको कई तरह की बातों का ध्यान रखना पड़ता है। जैसे-
- अगर आप इसे धारण कर रहे हैं तो आप इसे रोज साफ करें और गंदा ना करें।
- इसे कभी भी गंदे हाथों से ना छुए।
- रोज इसकी पूजा करें।
- अगर कोई महिला इसे धारण करती है तो वो महिला मासिक धर्म के दौरान इसे ना पहनने और मासिक धर्म आने पर इसे निकालकर मंदिर में रख दें।
- Rudraksh धारण करने के बाद आप मांस या शराब का सेवन ना करें और इसकी शुद्धता का खासा ध्यान रखें।
- कभी भी खुद धारण किया गया रुद्रास किसी को ना दें और ना ही किसी और के द्वारा धारण किया गया रुद्राक्ष खुद पहनने।
- हर शिव रात्रि आप Rudraksh को शिवलिंग के पास रखकर इसकी पूजा करें और फिर इसे धारण कर लें।
- अंतिम संस्कार या बच्चे के जन्म के समय रुद्राक्ष धारण ना करें।
रुद्राक्ष से जुड़ी अन्य मुख्य बातें
- बाजार में नकली Rudraksh भी बेचे जाते हैं। इसलिए रुद्राक्ष लेने से पहले आप उसके असली होने की पहचान कर लें। रुद्राक्ष असली या नकली ये जाने के लिए आप रुद्राक्ष को पानी में डाल दें। अगर रुद्राक्ष पानी में पूरी तरह से डूब जाता है तो आप समझ लें कि वो असली रुद्राक्ष है।
- धन प्राप्ति के लिए आप 62 रुद्राक्ष को एक माला में डालकर उस माला से रोज जाप करें। वहीं कोई मनोकामना पूर्ण करने के लिए आप 108 रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करें।
- Rudraksh (रुद्राक्ष) को धारण करते समय आप मंत्र : ऊं ह्रीं नम: मंत्र का जाप कर सकते हैं।
- इसे धारण करने के बाद आप हर सोमवार को मंदिर में जाकर इसे शिवलिंग के पास कुछ देर के लिए रख दिया गया।
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