10 भाई बहन के साथ बिता जॉनी वॉकर का बचपन, सिर्फ 26 रूपया के लिए करते थे कंडक्टर जैसी छोटी नौकरी
अपनी बेहतरीन कॉमेडी और हास्य प्रदर्शन के द्वारा लोगों के दिलों में राज करने वाले अभिनेता जॉनी वॉकर का असली नाम बदरुद्दीन जमालुद्दीन काजी था. आज जॉनी वॉकर का जन्मदिन है. जॉनी वाकर का जन्मदिन 11 नवंबर 1926 को मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में हुआ था. जॉनी वॉकर ने 300 से भी अधिक फिल्मों में काम किया है. जॉनी वॉकर के पिता एक मिल में मजदूर थे. आज जॉनी वाकर के जन्मदिन पर हम आपको इनकी जिंदगी से जुड़ी खास बातें बताने जा रहे हैं.
सीआईडी फिल्म का मशहूर गाना “ऐ दिल है मुश्किल जीना यहां जरा हटके जरा बचके यह मुंबई मेरी जान” जॉनी वॉकर के ऊपर फिल्माया गया था. इस गाने के द्वारा मुंबई शहर में चलने वाली बसों की हालत को दर्शाया गया था. ऐसा कहा जाता है कि फिल्मों में काम करने का सपना लेकर जॉनी वॉकर मुंबई आए थे. मुंबई आकर जॉनी वॉकर ने अपने स्ट्रगल के दिनों में बस कंडक्टर की नौकरी तक की. बस कंडक्टर की नौकरी करते समय जॉनी वॉकर को तनख्वाह के रूप में सिर्फ ₹26 महीना मिला करते थे. बस कंडक्टर की नौकरी मिलने पर जॉनी वॉकर बहुत खुश हुए. क्योंकि उन्हें फ्री में है पूरी मुंबई घूमने का मौका मिल जाया करता था. इसके अलावा उन्हें मुंबई के स्टूडियो में जाने का मौका भी मिलता था.
जॉनी वॉकर बहुत ही निराले अंदाज में बस कंडक्टर की नौकरी करते थे. इसी दौरान जॉनी वॉकर की पहली मुलाकात फिल्म जगत के फेमस विलेन अंसारी और आसिफ के सचिव के साथ हुई. इसके बाद जॉनी वॉकर को बहुत जल्दी फिल्मों की भीड़ में खड़े होने वाले लोगों के बीच सीन करने का मौका मिला. भीड़ में खड़े होने के लिए जॉनी वाकर को ₹5 मिलते थे. बहुत लंबा संघर्ष करने के बाद जॉनी वॉकर को फिल्म “आखरी पैमाने” में एक छोटा सा किरदार निभाने का मौका मिला. इसके लिए जॉनी वाकर को 80 रुपए मिले. जबकि बस कंडक्टर की नौकरी में उन्हें पुरे महीने काम करने के बाद भी सिर्फ 26 रूपये मिला करते थे.
इधर जॉनी वॉकर के पिता की नौकरी छूट जाने की वजह से वह अपने 10 बच्चों को लेकर मुंबई आ गए. जॉनी वॉकर के अंदर शुरू से फिल्मों में काम करने का जुनून था और वह अक्सर लोगों की नकल उतारा करते थे. जॉनी वॉकर अपने इस हुनर के द्वारा बस में सफर कर रहे यात्रियों का मनोरंजन किया करते थे. जॉनी वॉकर की इस प्रतिभा को देखकर गुरुदत्त ने उन्हें फिल्म “बाजी” में पहली बार काम करने का मौका दिया. इस फिल्म में काम करने के बाद जॉनी वॉकर ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा. जॉनी वॉकर ने गुरुदत्त की बहुत सारी फिल्मों में काम किया. जिनमें “आर पार” “प्यासा” चौदहवीं का चांद” “कागज के फूल” “मिस्टर एंड मिसेस 55” जैसी सुपर हिट फिल्में शामिल है.
ऐसा कहा जाता है कि बदरुद्दीन जमालुद्दीन का फ़िल्मी नाम जॉनी वॉकर नाम गुरुदत्त ने ही दिया था. जॉनी वॉकर अपनी फिल्मों में अक्सर शराबी का किरदार निभाते थे. उनको देखकर ऐसा लगता था कि वह अपनी असल जिंदगी में भी बहुत शराब पीते होंगे, पर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने कभी भी शराब को हाथ तक नहीं लगा.याजॉनी वॉकर अपने अलग अलग अंदाज और आवाजों के द्वारा करीब चार दशक तक लोगों का दिल बहलाते रहे. इस महान हास्य कलाकार का निधन 29 जुलाई 2003 को हुआ.
अमर उजाला: 10 भाई-बहनों में बीता था जॉनी वॉकर का बचपन, 26 रुपये में कंडक्टर की करते थे नौकरी.