Jokes: बच्चे की अंगूठे चूसने की आदात कैसे छुड़ाए? महिला का तरीका जान हंसी बंद नहीं होगी
चुटकुलों की दुनियां में एक बार फिर हमारे सभी भाई बहनों का हार्दिक दिल से स्वागत हैं. जैसा कि आप सभी जानते हैं हम लोग अक्सर आपके लिए जोक्स का खजाना लेकर आते रहते हैं. इन जोक्स को लेन के पीछे हमारा यही मकसद होता हैं कि आपकी उदासी भरी जिंदगी में थोड़ी हंसी घोली जा सके. इन चुटकुलों को पढ़ आप अपनी रोजमर्रा की चिंताओं से मुक्त हो जाए और अपनी दिमागी थकान भी मिटा ले. ये जोक्स हमारी लाइफ पर कई पॉजिटिव असर डालते हैं. अब तो डॉक्टर्स भी ये मानते हैं कि जोक्स सुन हंसने से शरीर को लाभ मिलता हैं. वैसे आप लोगो ने वो कहावत तो सुनी ही होगी कि ‘लाफ्टर इज ग्रेट मेडिसिन’. बस तो फिर आज भी हम आपको इसी मेडिसिन का एक तगड़ा डोज देने वाले हैं. तो अपनी कुर्सियों की पेटियां बाँध ले और हंसने को तैयार हो जाए.
अध्यापक -तुम बडे मुर्ख हो बालक ,
मै तुम्हारी उम्र मे अच्छी तरह किताब पढ लेता था |
छात्र – श्रीमान आपको अच्छा मास्टर मिल गया होगा?
अध्यापक ने कपिल से कहा – जो काम तुमने नहीं किया ,
उसके लिए तुम्हें सजा नहीं दी जाएगी |
कपिल – धन्यवाद सर ! आज में होमवर्क करना भूल गया हूं
फकीर- आपके पड़ोसी ने पेट भर कर खाना खिलाया है,
आप भी कुछ खिलाओ।
चिंटु- ये लो हाजमोला.
अध्यापक ( छात्रों से ) – अगर न्यूटन पेड़ के नीचे नहीं बैठते
और उनके सिर के ऊपर सेब नहीं गिरता तो
गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत हमें कैसे पता चलता |
छात्र – सर ! बिलकुल सही कहा आपने ,
अगर न्यूटन हमारी तरह क्लास में बैठकर इसी तरह
किताब पढ़ रहे होते तो वो भी कोई आविष्कार नहीं कर पाते |
संगीत के अध्यापक ने अपने एक छात्र से पूछा-
तुम किस ताल के विषय में अधिक जानते हो ?
छात्र ने तुरंत उत्तर दिया – सर ! में हडताल
के विषय में अधिक जानता हुं |
गांव का वह शायर प्रेमी बेचारा बडा ही शर्मीला था
जब उसका प्रेम शहर की एक चंचल युवती से हो गया ,
तो सब को हैरानी थी कि वह कैसे उसके सामने विवाह का प्रस्ताव रखेगा |
बाद में मालूम पडा , उसने युवती से इस रूप में कहा –
नूरजहां , मेरे घर के लोगों के साथ दफनाया जाना तुम पसन्द करोगी क्या ?
अध्यापक – बोलो बच्चों गंगा नदी पटियाला से निकलती है |
भावना (छात्रा ) – सर नहीं गंगा नदी पटियाला से नहीं निकलती |
प्रिंसिपल – महोदय आप भी कैसे अध्यापक है |
गंगा नदी पटियाला से नहीं गंगोत्री से निकलती है |
अध्यापक – प्रिंसिपल महोदय , गंगा नदी पटियाला से ही निकलती है
तथा तब तक निकलती रहेगी , जब तक मेरी
सात महीने की तनखाह नहीं मिल जाती |
अध्यापक – शाबाश दीपक , मुझे खुशी है कि
तुमने इतने अच्छे अंक लिए |
आगे भी ऐसे ही अच्छे अंक लेना |
दीपक – अच्छा सर , पर आप भी परचे भाई साहब
के प्रेस में छपवाते रहिएगा |
आशा करते हैं कि आपको ये जोक्स अच्छे लगे होंगे. अब कहने की जरूरत नहीं होना चाहिए. आप फटाफट शेयर का बटन दबाए और इन जोक्स को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ शेयर कर दे. आपके एक शेयर से कई चेहरे खिल उठेंगे. अब इससे बड़ा सुख और क्या होगा.