Guru Nanak 550 Birth Anniversary: जानें कौन थे गुरु नानक देव जी, पढ़ें उन का इतिहास और अनमोल विचार
नानक देव जी सिख धर्म के पहले गुरु थे और इनके जन्म दिवस को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है और हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन प्रकाश पर्व आता है। गुरु नानक देव जी के जन्म दिवस के अवसर पर पंजाब राज्य में खासी तैयारियां की जाती हैं और गुरुद्वारों को पूरी तरह से जगमगाया जाता है। इसके अलावा गुरुद्वारों में प्रकाश पर्व को लेकर खासा कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता हैं और इस दिन लाखों की संख्या में लोग गुरुद्वार आते हैं। इस साल गुरु नानक देव जी का जन्म दिवस 12 नवंबर के दिन आ रहा है और ये गुरु नानक का 550 वां जन्मोत्सव है।
गुरु नानक देव जी का जन्म साल 1469 में ननकाना साहिब, पाकिस्तान में हुआ था और इनके पिता का नाम मेहता कालू और माता का नाम माता तृप्ता था। गुरु नानक देव जी अपनी बड़ी बहन से बेहद ही प्रेम करते थे और जब इनकी बहन बेबे नानकी का विवाह हुआ था, तो गुरु नानक देव जी उनके साथ ही रहने लग गए थे। गुरु नानक देव जी की बहन उनसे 5 साल बड़ी थी। वहीं 24 सितंबर, 1487 में गुरु नानक देव जी का विवाह सुलखनी के साथ करवा दिया गया था। गुरु नानक देव जी इस विवाह से खुश नहीं थे। फिर भी अपने परिवार के कहने पर इन्होंने ये विवाह कर लिया था।
गुरु नानक देव से जुड़ी रोचक बातें –
- ऐसा कहा जाता है कि गुरु नानक देव जी ने अपना पहला सदेश 5 साल की उम्र में दिया था और गुरु नानक देव जी की नजरों में हर धर्म एक ही था। वो कहा करते थे कि भगवान एक है और वो हर जगह विघमान हैं।
- गुरु नानक देव जी मूर्ति पूजा के विरोधी हुआ करते थे। गुरु नानक देव जी का माना था कि इंसान को मूर्ति पूजन करने की जगह इन तीन मुख्य बातों का पालन करना चाहिए और ये तीन मुख्य बाते इस प्रकार हैं। इंसान को भगवान के नाम का जाप करना चाहिए, किरत करो यानी गृहस्थ जीवन ईमानदार की तरह जीयो और रोजगार में लगे रहना था, परोपकारी सेवा और अपनी आय का कुछ हिस्सा गरीब लोगों में बांटना था।
- नानक जी ने इंसान को अहंकार, क्रोध, लालच, लगाव और वासना जैसी चीजों से दूर रहने की सलाह दी है। नानक जी के अनुसार जो लोग इन पांच चीजों से घिरे रहते हैं उनका जीवन बर्बाद हो जाता है।
- गुरु नानक की 22 सितंबर 1539 को करतारपुर में मृत्यु हो गई और उनकी मृत्यु के बाद लहना ने अंगददेव के नाम से सिख धर्म को आगे फैलाया।
नानक जी ने 7,500 पंक्तियों की एक कविता भी लिखी थी और इस कविता को गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल किया गया था। कविता के अलावा नानक जी ने कई तरह के अनमोल विचार भी दिए हैं जो कि इस प्रकार हैं-
- हमें हमेशा लोभ का त्याग करना चाहिए और मेहनत से धन कमाना चाहिए।
- जरूरतमंदो की सहायता के लिए हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए।
- पैसों को कभी अपने ह्रदय से लगाकर नहीं रखना चाहिए उनका स्थान हमेशा जेब में ही होना चाहिए।
- हमें महिलाओं का अनादर नहीं करना चाहिए।
- तनाव मुक्त रहकर हमें अपने कर्म को निरंतर करते रहना चाहिए और हमेशा खुश रहना चाहिए।