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कश्मीर पर छलका अनुपम का दर्द, कहा- हमें जड़ से उखाड़कर फेंका, मां के लिए अब बनाएंगे घर

अभिनेता अनुपम खेर अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं और हाल ही में इस अभिनेता ने कश्मीर को लेकर एक और बयान दिया है। इस बायन में 64 वर्षीय अनुपम खेर ने कश्मीर में अपना घर बनाने की बात कही है। इन्होंने कहा कि उनकी मां दुलारी खेर ये चाहती है कि उनका एक बार फिर से कश्मीर में घर हो। एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट से बातचीत करते हुए अनुपम खेर ने ये बात कही है।

आर्टिकल 370 को हटाना बताया सही

अनुपम खेर से जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने को लेकर एक सवाल किया गया था और इस सवाल के जवाब में इस अभिनेता ने कहा कि उनके हिसाब से मोदी सरकार का आर्टिकल 370 हटाने का फैसला एकदम सही थी और ये फैसला उनके लिए अहम मायने रखता है। क्योंकि साल 1990 में जिन पंडितों को कश्मीर से निकलने के लिए मजबूर किया गया था। उनमें से एक परिवार उनका भी था। अनुपम खेर के अनुसार उनकी मां हमेशा उनसे  कश्मीर की ही बात करती हैं। उनका बचपन और जवानी कश्मीर में ही बीती। लेकिन हालात बिगड़ने के कारण कश्मीर से पंडितों को जड़ उखाड़ कर फेंक दिया था।

किया पीएम का शुक्रिया

अनुपम खेर ने आर्टिकल 370 हटाने को सही फैसला बताते हुए कहा कि मेरी मां कहती हैं कि वे अब वहां जाना चाहती हैं। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रिया अदा करते नहीं थकती हैं। वहां पर अपना घर बनाना चाहती हैं और मेरे को उम्मीद है कि उनका ये सपना जरूर पूरा होगा। कश्मीरी पंडितों पर अपना दुख जाहिर करते हुए अनुपम खेर ने कहा कि मेरे लिए कश्मीरों को वहां से निकालना एक इंसिडेंट नहीं, ये मेरा अस्तित्व है। करीब हजारों लोगों की 19 जनवरी 1990 की रात उनके घर से बाहर निकाल दिया गया था और ये ऐसा नहीं कि आप एक किराए के घर में रहते थे और मालिक ने आपको घर से निकाल दिया हो। ये एक घाव है जिसका निशान आज भी ताजा है। कभी-कभी घाव से निजात मिल जाती है। लेकिन उसकी दर्दभरी यादें नहीं जातीं।

ये कश्मीरी पंडितों का लचीलापन था कि उन्होंने हथियार नहीं उठाएं और ना हिंसक की। उन्होंने उस समय स्थिति का सामना किया। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि जिन्हें घरों से बाहर फेंक दिया गया था, वे सबकुछ भूल गए हैं। गौरतलब है कि अनुपम खेर का परिवार कश्मीर में ही रहता करता था लेकिन उनको 1990 में वहां से निकाल दिया था। जिसके बाद वो अपने परिवार के साथ शिमला चले आए थे। वहीं कई बार अनुपम खेर कश्मीरी पंडितों के साथ साल 1990 में कश्मीर में जो घटनाएं हुई थी उनका जिक्र कर चुके हैं।

अपनी बुक में किया है इन बातों का जिक्र

अनुपम खेर ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में कश्मीरी पंडितों के साथ जो कुछ हुआ था उसका जिक्र भी किया है और उनकी ऑटोबायोग्राफी ‘लेसंस लाइफ टॉट मी अननोइंगली’ अगस्त महीने में ही रिलीज हुई थी। वहीं इन दिनों अनुपम अमेरिका में हैं और वहां ‘न्यू एम्स्टर्डम’ के दूसरे सीजन की शूटिंग में व्यस्त चल रहे हैं। वहीं हाल ही में वो अपनी शूटिंग को बीच में छोड़कर दिवाली मनाने के लिए भारत आए थे।

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