ताजमहल से भी ज्यादा हो रही है स्टेचू ऑफ यूनिटी से कमाई, कभी बताया जा रहा था पैसे की बर्बादी
वल्लभभाई पटेल जिन्हें लौह पुरुष भी कहा जाता है इनकी 182 मीटर ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी ने कमाई के मामले में ताजमहल को भी बहुत पीछे छोड़ दिया है. इस पूरे साल में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी ने पूरे 63 करोड रुपए कमाए हैं. वहीं इस साल ताजमहल ने ₹56 करोड़ कमाए. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की हालिया रिपोर्ट के अनुसार टूरिस्ट की संख्या के मामले में ताजमहल नंबर वन ही है. ताजमहल देखने के लिए 1 साल में 64.58 लाख लोग आए. 1 साल में स्टैचू ऑफ यूनिटी देखने के लिए 24 लाख लोग आए. यह रिपोर्ट भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण ने जारी की है. ताजमहल की अपेक्षा स्टैचू ऑफ यूनिटी ने सात करोड़ कमाए हैं.
स्टैचू ऑफ यूनिटी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है. जो आम जनता के देखने के लिए खुल चुकी है. जब हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा के निर्माण की घोषणा की थी तब उन्होंने कहा था कि यह प्रतिमा न केवल भारत का मान बढ़ाएगी बल्कि इससे टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा और अच्छी कमाई भी होगी. इस प्रतिमा को बनाने में 29.90 करोड़ रूपये लगे थे. इस मूर्ति के निर्माण को लेकर भारतीय जनता पार्टी केंद्र सरकार का जमकर विरोध किया गया. सबसे दिलचस्प बात यह है कि बीते 3 दिनों में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी गेट टिकट्स से 1.6 करोड़ की कमाई हुई है.
गुजरात में नर्मदा नदी के तट पर केवड़िया कॉलोनी में बनी स्टैचू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं. बीते दिनों दिवाली के वेकेशन होने के कारण यहां टूरिस्ट की संख्या में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. केवल शनिवार को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने 28,409 लोग आये. लिहाजा शनिवार के दिन यहां पर 48.44 लाख रुपए की कमाई हुई. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की प्रतिमा 182 मीटर ऊंची है. इस प्रतिमा का अनावरण नरेंद्र मोदी जी ने 31 अक्टूबर को किया था. रिपोर्ट के अनुसार 8 नवंबर 9 नवंबर और 10 नवंबर सिर्फ 3 दिनों में स्टैचू ऑफ यूनिटी ने 1.86 करोड रुपए कमाए हैं. इस बीच गुजरात सरकार लगातार स्टैचू ऑफ यूनिटी का प्रमोशन कर रही है.
टूरिस्ट को आकर्षित करने के लिए टेलीविजन पर भी ऐड दिए जा रहे हैं. गुजरात सरकार बार-बार यह घोषणा कर रही है कि 1 दिन में केवल 6000 लोग ही स्टेचू ऑफ यूनिटी की व्यूइंग गैलरी घूम सकते हैं. इसके बावजूद भारी तादाद में टूरिस्ट पहुंच रहे हैं. क्षमता से अधिक होने की वजह से बड़ी संख्या में टूरिस्ट को व्यूइंग गैलरी देखे बिना ही वापस आना पड़ रहा है. सरकार की अपेक्षा है कि 1 दिन में यहां 15000 टूरिस्ट आएंगे. जबकि दीपावली के दिन यहां आने वाले टूरिस्टों की संख्या 16000 दर्ज की गई. जबकि 1 दिन बाद गुरुवार के दिन 17,280 लोग स्टेचू ऑफ यूनिटी देखने गए. भाई दूज यानी शुक्रवार को 23,000 से अधिक लोग इस प्रतिमा को देखने पहुंचे.
एक अधिकारी ने यह जानकारी दी कि गैलरी तक जाने वाले एक एलिवेटर लिफ्ट की क्षमता सिर्फ 25 लोगों की है. इस लिहाज से 1 घंटे में केवल 600 से 700 लोग व्यूइंग गैलरी तक जा सकते हैं. गैलरी में एक बार में सिर्फ 200 लोग ही रुक सकते हैं. इस तरह 1 दिन में गैलरी में सिर्फ 6000 लोग ही जा सकते हैं. इसके लिए हम लोग केवल 1000 टिकट्स की ही ऑनलाइन बुकिंग ले रहे हैं. ऑनलाइन बुकिंग की वजह से लोग काउंटर के बाहर लंबी लाइन में खड़े होने से बच रहे हैं. लोगों की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए गुजरात सरकार भी मुस्तैद हो गया है.
नर्मदा जिले के कलेक्टर आर एस निनामा ने बताया हम उम्मीद कर रहे हैं कि संडे को और भी अधिक लोग यहां देखने आएंगे. स्टैचू ऑफ यूनिटी के लिए शटल बसों की संख्या भी बढ़ा दी गयी है. पहले यहां पर 15 बसे चलती थी अब यहाँ 40 बसें चल रही हैं. वैसे बहुत से टूरिस्ट ने प्रबंधन में कमी की शिकायत की है. टूरिस्ट की भारी संख्या संख्या इस प्रतिमा को देखने आ रही है. लेकिन टिकट्स बहुत जल्दी बुक हो जाने की वजह से काउंटर टाइम से पहले ही बंद किए जा रहे हैं.