नाम, फेम और पैसा होने के बावजूद अकेलेपन के दर्द से गुजर चुकी ये अभिनेत्री, कहा- ‘खुद से नफरत..’
फिल्म इंडस्ट्री की दुनिया बेहद अजीब होती है। स्क्रीन पर खुश दिखने वाले चेहरे रियल लाइफ में कितने ज्यादा दुखी होते, इसका अंदाज हम या आप नहीं लगा सकते हैं। जी हां, अक्सर लाइमलाइट की आड़ में कलाकार खुश दिखने की कोशिश करते हैं, लेकिन उनकी निजी ज़िंदगी में इतना कुछ चल रहा होता है कि उन्हें उसके लिए वक्त ही नहीं मिल पाता है। इसी कड़ी में आज हम आपको एक ऐसी अभिनेत्री की स्टोरी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने बहुत पहले ही इंडस्ट्री छोड़ दी, लेकिन अब उनकी निजी लाइफ के बारे में कई बातें सामने आ रही है।
मॉडल से अभिनेत्री और फिर अब लेखिका बनीं लीजा रे हाल ही दिल्ली में पहुंची। दिल्ली में प्रदूषण की वजह से उन्हें मास्क लगाना पड़ा। इसी दौरान उन्होंने अपने जीवन के कुछ अनुभवों को शेयर किया, जिसे सुनकर उनके फैंस की आंखों में आंसू आ गए। बता दें कि सालों पहले लीजा रे कैंसर की शिकार हो चुकी थी, जिसके बाद डॉक्टर ने उनके ज़िंदा रहने की उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आज हम सबके बीच मौजूद हैं। हां, अब वे पूरी तरह से बदल चुकी हैं।
मुझे खुद के लिए वक्त ही नहीं मिला- लीजा रे
लीजा रे ने कहा कि उनका शरीर उन्हें लंबे समय से बीमारी की तरफ इशारा कर रहा था, लेकिन वे समझ नहीं पाई, क्योंकि वे जिस प्रोफेशन में थी, वहां दवा लेकर दोबारा काम पर वापस लौट जाना होता है, ऐसे में उन्होंने भी ऐसा किया और फिर धीरे धीरे वे कैंसर के चपेट में आ गई, जिसके बाद डॉक्टरों ने उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन इनकी हिम्मत टूटी नहीं। हालांकि, उन्होंने कहा कि उस दौरान मैं बहुत अकेली हो गई थी और उसके बाद मेरा शरीर भी बिल्कुल अलग हो गया था, जिसकी वजह से लोग दूर भागने लगे।
मुश्किल दौर में पड़ गई थी अकेली
लीजा रे ने कहा कि उस समय मेरे पास पैसा, शोहरत और सबकुछ था, लेकिन मेरे पास लोग नहीं थे, जिसकी वजह से मैं अकेली हो गई थी, ज़िंदगी घुटने लगी थी। बता दें कि साल 2009 में लीजा रे कैंसर की शिकार हुई थी, लेकिन अब वे पूरी तरह से ठीक हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे पता था कि मैं मरूंगी नहीं, लेकिन ये भी पता था कि आसान नहीं है, लेकिन फिर भी मैंने अकेले ये सफर तय किया और आप लोगों के बीच में आज ज़िंदा हूं।
इन फिल्मों के लिए जानी जाती हैं लीजा रे
बताते चलें कि लीजा रे को फिल्म वॉटर से पहचान मिली थी, लेकिन उसके बाद उन्होंने ढेर सारी फिल्मों में काम किया, जिसमें से कसूर’, ‘वीरप्पन’ और ‘दोबारा’ आदि शामिल है। इस दौरान उन्होंने कहा कि समाज आपको बताता है कि आपके पास पैसा, शोहरत और प्रतिष्ठता भले हो, लेकिन आप खुश नहीं रह सकते हैं, जिसे मैंने उस दौर में महसूस किया, क्योंकि मेरे पास मेरा कोई अपना नहीं था।