जिन बेटियों को उनके पापा पढ़ाते हैं, वो होती हैं अन्य बच्चों से ज्यादा होशियार!
बच्चे के जन्म के बाद से ही हर माँ-बाप की सबसे बड़ी चिंता होती हैं, उनकी पढ़ाई को लेकर। हर माँ-बाप की यही चाहत होती है कि उनका बच्चा पढ़-लिख कर एक बेहतर इंसान बन सके और अपने जीवन की सभी जरूरतों को पूरा कर सके। इसके लिए माँ-बाप बच्चे को अच्छे से अच्छे स्कूल में पढ़ाते हैं। लेकिन व्यस्त रहने की वजह से बच्चे की सारी जिम्मेदारी केवल माँ पर ही होती है। वही बच्चों के होमवर्क करवाती है और उन्हें पढ़ाती भी है।
हर पिता को प्यारी होती है उनकी बेटी:
जबकि हाल ही में एक ऐसा शोध सामने आया है, जिसके अनुसार अगर माँ की बजाय बाप अपनी बेटियों को पढ़ाये तो ज्यादा बेहतर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्सास के शोधकर्ताओं ने यह बात पता लगाईं है कि एक बाप के पढ़ाने का असर बेटे और बेटियों पर अलग-अलग पड़ता है। हर बाप को अपनी बेटी कुछ ज्यादा ही प्यारी होती है, इन दोनों के बीच गजब तरह का बंधन देखने को मिलता है।
गणित पढ़ाने पर देखने को मिलते हैं बेहतर परिणाम:
इसी वजह से पापा के पढ़ाने की वजह से एकदम कमजोर लड़कियाँ भी पढ़ाई में होशियार हो जाती हैं। खासतौर पर जिन लड़कियों को गणित बिलकुल भी समझ में नहीं आती है, अगर उनको उनके पापा पढ़ाएं तो चौकाने वाले परिणाम देखने को मिलते हैं। जबकि दूसरी तरफ अगर कोई बाप अपने बेटों को पढ़ाता है तो उसकी भाषा में गजब का सुधार होता है।
लड़कियों के अन्दर होता है सकारात्मकता का विकास:
जब एक पिता अपनी बेटियों को पढ़ाता है तो, इससे उसके अन्दर सकारात्मकता का विकास होता है। उसका खुद पर भरोसा पहले की अपेक्षा ज्यादा मजबूत हो जाता है। इसका असर उसकी पढ़ाई पर पड़ता है। इसी शोध में एक बात और सामने आयी है कि जिन बच्चों के पिता होमवर्क में उनकी मदद नहीं करते हैं, आगे चलकर उनके बच्चे उनसे बातें भी शेयर नहीं कर पाते हैं। शोध में यह भी स्पष्ट रूप से बताया गया है कि यह बात हर पिता के ऊपर लागू होती है, इससे उसकी शिक्षा का कोई लेना-देना नहीं है।