अध्यात्म

31 अक्टूबर से शुरू होगा छठ का महापर्व, जाने इन 4 दिनों आपको क्या-क्या करना चाहिए

दीपावली का महापर्व समाप्त होते ही अब छठ पूजा के त्यौहार को मनाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं. वैसे तो इस पर्व को देश के कई हिस्सों में मनाया जाता हैं लेकिन बिहार राज्य में इस त्यौहार की कुछ ख़ास ही रोनक दिखाई देती हैं. यहाँ इसे बड़ी धूमधाम से मनाया जाता हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि हर साल ये त्यौहार कार्तिक मास के षष्ठी वाले दिन मनाया जाता हैं. यही वजह हैं कि इसे छठ पर्व बोला जाता हैं. इस छठ पूजा का भी अपना एक अलग महत्व होता हैं. इसे लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं. ऐसा कहा जाता हैं कि छठ पूजा के चार दिनों में जो भी व्यक्ति सूर्य और छठी माता की पूजा आराधना करता हैं उसकी हर मनोकामना अवश्य पूर्ण होती हैं.

छठ पूजा का त्यौहार आते ही बाजार में बांस की डलिया और सूप बनकर बिकने को रेडी रहते हैं. फिर हमारे श्रृद्धालु लोग इन्हें खरीद घर ले जाते हैं. बता दे कि छठ पूजा में सूप-डलिया एक ख़ास महत्व रखती हैं. छठ पूजा का व्रत रखने वाली स्त्रियाँ अपनी पूजा की सामग्रियों को इन्ही सूप-डलिया में रखकर घाट तक ले जाती हैं. इसके अतिरिक्त आपको बाज़ार में मिट्टी के चूल्हे भी बिकते हुए दिखाई देंगे. दरअसल जब आप छठ पूजा करते हैं तो आपको इसमें इस्तेमाल होने वाले सभी प्रसादों को इसी मिट्टी के चूल्हे पर बनाकर तैयार करना होता हैं. एक और ध्यान देने वाली बात ये हैं कि इन चूल्हों में सिर्फ आम की लकड़ी का ही इस्तेमाल होता हैं.

गौरतलब हैं कि 31 अक्टूबर से नहाय खाय के साथ छठ पूजा व्रत स्टार्ट हो जाएगा. ये अगले चार दिनों तक चलेगा. ऐसे में इस त्यौहार को लेकर लोगो में अभी से काफी उत्साह देखा जा सकता हैं. 1 नवंबर को खरना होगा. इस दिन खरना के माध्यम से प्रसाद बनाने हेतु गेंहू-चावल को शुद्धता से पिसवाया जाता हैं. 2 नवंबर को सूर्य षष्ठी मनाई जाएगी. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सूर्य षष्ठी में डूबता हुए सूर्य को अर्घ्य देना होता हैं. इसके बाद चौथे दिन यानी 3 नवंबर को इस पर्व का समापन होगा. इस दिन सूर्य जैसे ही उदय होता हैं वैसे ही उसे अर्घ्य देना होता हैं. इसी दिन पारण किए जाने का भी रिवाज़ हैं.

अर्थात छठ पूजा का ये महापर्व इस साल गुरुवार 31 अक्टूबर से शुरू होगा तो इसका समापन 3 नवंबर यानी रविवार के दिन किया जाएगा. भद्रा योग की बात करी जाए तो ये गुरुवार को शाम 4 बजकर 45 मिनट पर हैं. ऐसे में आप इन तिथि का अच्छे से ध्यान रखे और पूजा को पूर्ण विधि से संपन्न करे.

छठ पूजा के दौरान कुछ और भी नियम कायदे होते हैं. मसलन छठ पूजा का व्रत रखने वाले लोग इन दिनों घर की साफ़सफाई का पूर्ण ध्यान रखते हैं. कहीं भी गंदगी नहीं रहने देते हैं. सुबह जल्दी स्नान कर लेते हैं. भोजन में अरवा चावल, चने की दाल और कद्दू का सेवन करते हैं. इसके साथ ही ये भी परंपरा हैं कि व्रत करने वाला बिस्तर पर नहीं सो सकता हैं. उसे जमीन पर ही सोना होता हैं.

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