कभी लता मंगेशकर को कड़ी टक्कर देती थी ये गायिका, इस वजह से हो गया था करियर खत्म
बॉलीवुड जब भी लेजेंड गायिकाओं की बात होती है तो लता मंगेशकर को सबका भगवान कहा जाता है लेकिन कुछ गायिकाएं ऐसी भी हैं जो उनसे कम अच्छा गाना नहीं गाती हैं। उन्हीं में एक गायिका रही हैं अनुराधा पोडवाल, जिन्होंने बॉलीवुड सहित कई भाषाओं में गाने गाए। इसके अलावा उन्होंने बहुत सारे सुपरहिट भक्ति गाने भी गाए जिन्हें आज भी लोग याद रखते हैं। एक समय था जब कभी लता मंगेशकर को कड़ी टक्कर देती थी ये गायिका, मगर आज ये बहुत कम नजर आती हैं, क्या आप इसकी वजह जानते हैं?
कभी लता मंगेशकर को कड़ी टक्कर देती थी ये गायिका
27 अक्टूबर को गायिका अनुराधा पोडवाल ने अपना 67वां जन्मदिन मनाया और इस मौके पर हम आपको इनके लाइमलाइट से दूर होने की वजह भी बताएंगे। 80 के दशक में अनुराधा पोडवाल एक बेहतरीन गायिका बनकर उभरीं, उस दौर में लता मंगेशकर, आशा भोसले और अल्का याग्निक ने कई रिकॉर्ड कायम किए। अनुराधा को गुलशन कुमार और टी-सीरीज की खोज में से एक कहा जाता है और गुलशन कुमार इन्हें दूसरी लता मंगेशकर कहा करते थे। अनुराधा पोडवाल ने अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत साल 1973 में की थी। इनका पहला गाना अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी की फिल्म अभिमान के लिए गाया था। मगर इन्हें बड़ा ब्रेक साल 1976 में आई फिल्म कालीचरन से मिली और ये फिल्म सुभाष घई ने बनाई थी। इसके बाद अनुराधा पोडवाल ने लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, कल्याणजी-आनंदजी और जयदेव जैसे कई बड़े संगीतकारों के साथ काम किया। इस दौरान अनुराधा पोडवाल का विवाद लता मंगेशकर और आशा भोसले के साथ होने की खूब खबरें आईं। इसकी वजह से वो खुद को दूसरे संगीतकारों के रडार पर आईं। इस दौर में गुलशन कुमार की म्यूजिक कंपनी टी-सीरीज एक बड़ी कंपनी हुआ करती थी और हर कोई इनके साथ काम करना चाहता था। अनुराधा पोडवाल ने अपने करियर को नया आयाम दिया और इन्हें गुलशन कुमार का खूब साथ मिला।
‘आशिकी’, ‘दिल है कि मानता नहीं’ और ‘बेटा’ जैसी फिल्मों में गानों के लिए अनुराधा पोडवाल को लगातार तीन बार फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था। इस दौरान अनुराधा पोडवाल गुलशन कुमार फेवरेट गायिका बन गई थीं और हर जगह वे इनका सपोर्ट भी करने लगे थे। इससे इंडस्ट्री में ये बात आग की तरह फैल गई कि इन दोनों का अफेयर भी है, हालांकि इस पर किसी ने खुलकर कभी कुछ नहीं कहा और ये बात खत्म हो गई। अनुराधा इसी तरह गाने गाती रहीं और आगे बढ़ती रहीं। इस रफ्तार से वे आगे बढ़ती रहीं और उससे लग रहा था कि लता मंगेशकर का दौर खत्म सा होने लगा। खुद कंपोजर ओपी नायर ने ये कह दिया था कि लता का दौर खत्म हो रहा है। अनुराधा उन्हें रिप्लेज कर चुकी हैं लेकिन इससे भी बड़ी बात गुलशन कुमार ने कही थी। उन्होने कहा था कि वे अनुराधा को दूसरी लता मंगेशकर बनाएंगे।
इसके बाद उन्होंने उसी दिशा में काम करना शुरु कर दिया फिर अचानकर अनुराधा ने अपने जीवन का सबसे बड़ा फैसला लिया। उन्होने सभी को ये कहकर हैरान कर दिया कि वे सिर्फ टी-सीरीज के लिए गाने गाएंगी। अनुराधा के इस फैसले को देखते हुए लोगों का शक यकीन में बदल गया कि इन दोनों का काफी गहरा रिश्ता बन गया है। गुलशन कमार की वजह से अनुराधा ने टी-सीरीज के लिए गाने रिकॉर्ड करने का फैसला लिया हो लेकिन इससे अनुराधा के करियर पर बुरा असर पड़ा। टी-सीरीज के बाहर के गाने अल्का याग्निक और कविता कृष्णमूर्ति ने गाने शुरु कर दिये और इन्हें बाद में सिर्फ भजन ही मिलते रहे। साल 1997 में अचानकर गुलशन कुमार की मौत की खबर से वे काफी सदमें में रहीं और बाद में उन्होंने सिंगिंग करियर ही छोड़ दिया।