अरेंज मेरिज या लव मेरिज? किस में कपल रहता हैं सबसे ज्यादा सुखी, जाने सच्चाई
भारत में शादियाँ आमतौर पर दो प्रकार से होती हैं. पहला माता पिता की मर्जी से एक ही कास्ट या धर्म में होने वाली शादी, जिसे हम अरेंज मेरिज भी कहते हैं. फिर आती हैं दुसरे टाइप की शादी जिसमे लड़का या लड़की अपने लिए जीवनसाथी स्वयं चुनते हैं. ये लाइफ पार्टनर उनका दोस्त या प्रेमी हो सकता हैं. इस प्रकार की शादी को लव मेरिज कहा जाता हैं. अब ऐसे में सवाल ये उठता हैं कि इन दोनों में से बेस्ट शादी कौन सी होती हैं? या फिर ये कहे कि शादी के बाद कौन सा कपल सबसे ज्यादा सुखी रहता हैं? आज हम इसी बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे.
अरेंज मेरिज
कई लोगो को ये ग़लतफ़हमी होती हैं कि अरेंज मेरिज के बाद कपल के बीच प्यार नहीं होता या फिर उनकी शादी ज्यादा दिन नहीं टिकती. कुछ ये भी कहते हैं कि अरेंज मेरिज में इंसान सुखी नहीं रहता हैं. हालाँकि ये बात सिर्फ तभी लागू होती हैं जब अरेंज मेरिज लड़का या लड़की की मर्जी के खिलाफ हो. मतलब आप भले अपने कास्ट या धर्म में शादी कराइए. लेकिन इसमें किस लड़के या लड़की से शादी करनी हैं और वो उनके लिए उचित हैं या नहीं इसका फैसला आपकी संतान को ही करने दे. अधिकतर अरेंज मेरिज के साथ समस्यां ये हैं कि माता पिता अपने बच्चो की पसंद और नापसंद पर ध्यान नहीं देते हैं, उन्हें किसी विशेष से शादी को फ़ोर्स करते हैं. फिर ऐसा भी होता हैं कि अरेंज मेरिज में समाज की पिछड़ी सोच के चलते लड़का और लड़की को आपस में कुछ दिनों बातचीत करने और जानने का समय नहीं दिया जाता हैं. ऐसे में शादी के बाद दोनों के लिए एडजस्ट करना मुश्किल हो जाता हैं. अतः यदि आप चाहते हैं कि अरेंज मेरिज में आपका बेटा या बेटी सुखी रहे तो उसे अपने भावी जीवनसाथी को जानने का मौका दे. शादी की डेट फाइनल करने के पूर्व दोनों को कुछ समय साथ में बिताने दे. यदि वो एक दुसरे के इस दौरान पसंद करने लगे तो तभी शादी कराए. फिर वो सूही रहेंगे.
लव मेरिज
लव मेरिज को लेकर भी लोगो में गलत धधारणा रहती हैं कि हम अपनी पसंद की लड़की या लड़के से शादी कर रहे हैं तो खुश ही रहेंगे. ऐसा नहीं हैं. शादी सिर्फ प्यार से ही नहीं चलती हैं. इसमें परिवार, जिम्मेदारी ये सब भी शामिल हो जाता हैं. अब लव मेरिज में यदि आपके घर वाले किसी तरह मान जाते हैं और आपकी शादी में ख़ुशी ख़ुशी शामिल होते हैं तो इस बात के चांस ज्यादा हैं कि आप सुखी रहेंगे. परंतु यदि घर वाले नहीं मानते और आप उनकी मर्जी के खिलाफ जाकर शादी कर लेते हैं तो शायद आप आगे चलकर उतने खुश ना रहे. आपको हमेशा एक अधूरापन लगता रहेगा. फिर कई बार लव मेरिज में भी लोगो से सही पार्टनर चुनने में गलती हो जाती हैं. क्योंकि फोन पर बातचीत करना और एक छत के निचे साथ रहना दोनों में बहुत अंतर होता हैं.
तो इन दोनों टाइप की मेरिज पर चर्चा के बाद हम ये कह सकते हैं कि सुखी लव और अरेंज दोनों मेरिज में रहा जा सकता हैं पर शर्त ये हैं कि इसमें घर के बाकि सदस्य भी ख़ुशी ख़ुशी राजी हो जाए. दूसरा ये भी हैं कि आप जिस भी पार्टनर को चुनते हैं वो आपकी आदतों को लेकर कितना एडजस्ट कर सकता हैं ये भी अहम भूमिका निभाता हैं.