भाई दूज के दिन शुभ मुहूर्त में ही लगाएं भाई को तिलक, हो जाएगी भाई की आयु लंबी
हर साल दिवाली के बाद भाई दूज का पर्व आता है और इस दिन हर बहन अपने भाई की कलाई में लाल रंग का धागा बांध उसकी लंबी आयु की प्रार्थन इश्वेर से करती है। हर साल दो बार भाई दूज का पर्व आता है। एक भाई दूज का पर्व होली के बाद आता है और दूसरा दिवाली के बाद। इस साल दिवाली के बाद वाली भाई दूज 29 अक्टूबर को आ रही है। भाई दूज क्यों मनाई जाती है, साल 2019 की भाई दूज का शुभ मुहूर्त और इस दिन को किस तरह से मनाया जाता है। इसकी जानकारी इस तरह से है।
क्यों मनाया जाता है भाई दूज
भाई दूज से जुड़ी कथा का जिक्र ऋगवेद में किया गया है। ऋगवेद के अनुसार भगवान सूर्य देव और उनकी पत्नी छाया के दो बच्चे थे, जिनमें से एक पुत्र और एक पुत्री थी। सूर्य देव की बेटी का नाम यमुना और बेटे का नाम यमराज था। यमुना और यमराज एक दूसरे से बेहद ही प्यार किया करते थे। जब यमुना बड़ी हो गई तब सूर्य देव ने यमुना का विवाह करवा दिया।
विवाह के बाद यमुना ने कई बार यमराज को अपने घर बुलाया। लेकिन व्यस्त होने के कारण यमराज एक बार भी यमुना के घर उनसे मिलने के लिए नहीं गए। वहीं कार्तिक शुक्ल की द्वितीया तिथि को यमराज अचानक से यमुना के घर उससे मिलने के लिए चले गए। अपने भाई को देख यमुना काफी खुशी हो गई और यमुना ने काफी अच्छे से यमराज का स्वागत किया। जिसके बाद यमराज ने यमुना से कुछ भी मांगने को कहा। यमुना ने यमराज से कहा कि आप इसी तरह से प्रति वर्ष कार्तिक शुक्ल की द्वितीया तिथि को मेरे घर आया करें और इस दिन जो भी भाई अपने बहन से मिलने जाए उसे लंबी आयु दें। जिसके बाद से कार्तिक शुक्ल की द्वितीया तिथि के दिन भाई दूज का पर्व मनाए जाने लगा और इस दिन जो भी बहन अपने भाई को तिलक लगाती है और उसके हाथ में मौली का धागा बांधती है उसके भाई को यमराज लंबी आयु देते हैं।
साल 2019, भाई दूज का शुभ मुहूर्त
इस साल भाई दूज का पर्व 29 अक्टूबर को आ रहा है और इस बार ये पर्व मंगलवार को पड़ रहा है। भाई दूज का शुभ मुहूर्त दोपहर 13:11 से शुरू होगा जो कि 15:23 बजे तक रहेगा। आप शुभ मुहूर्त के दौरान ही अपने भाई के माथे पर तिलक लगाएं और उसके हाथ में मौली का धागा बांधे।
इस तरह से मनाया जाता है भाई दूज
- भाई दूज के दिन बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती है और उसके बाद भाई की कलाई में मौली बांधती है। फिर अपने भाई की आरती करती है। वहीं भाई अपने बहन को तोहफा देता है और बहन अपने भाई को लंबी उम्र का आशीर्वाद देती है।
- भाई दूज के दिन भाई अपने बहन के घर जाते हैं और बहन द्वारा भाई का अच्छे से स्वागत किया जाता है।
- भाई को खाना खिलाने के बाद ही बहन इस दिन अन्न और जल ग्रहण करती है।
कैसे करें पूजा
- भाई दूज के दिन आप अपने घर की अच्छे से सफाई करें और घर को अच्छे से सजाएं। अपने आंगन में आटे से चौक तैयार करें। इस चौकी के हर कोने पर गोबर के उपले रख दें।
- बहन एक थाली तैयार करें और इस थाली में मौली का धागा, रुमाल, एक घी का दीपक, तिलक, चावल और मिठाई रख दें। फिर अपने भाई को इस चौक के बीच बिठा दें और थाली में रखा दीपक जला दें।
- दीपक जलाने के बाद अपने भाई के सिर पर रुमाल रख दें और उसके माथे पर चावल और तिलक लगा दें। फिर आप भाई की कलाई पर धागा बांध दें और उसको मिठाई खिला दें। ये करने के बाद आप अपने भाई की आरती करें और उसकी लंबी आयु की प्रार्थना करें।
- भाई पूजा की थाली में कोई उपहार या पैसे रख दें। अगर बहन बड़ी है तो बहन के पैर छूकर आशीर्वाद लें।
- इसके बाद बहन अपने भाई को खाना खिलाएं और उसकी अच्छे से सेवा कर खुद भी भोजन ग्रहण कर लें।
- इस दिन हर बहन और भाई को नए वस्त्र ही धारण करने चाहिए और सच्चे मन से ये पर्व मनाना चाहिए।
- अगर आपका भाई किसी दूरे शहर में रहता है तो आप उसे तिलक और मौली का धाग भेज सकते हैं।