गोवर्धन पूजा विधि और मुहूर्त: जाने कैसे हुई इसकी शुरुआत, क्या हैं भगवान श्रीकृष्ण से नाता
आज यानी 28 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा की जाती हैं. इस त्यौहार को हर साल दिवाली के अगले दिन मनाया जाता हैं. ऐसे में आज हम आपको गोवर्धन पूजा के महत्त्व और इसके करने की सही विधि के बारे में बताने जा रहे हैं. साथ ही इस दिन अन्नकूट भी होता हैं. अन्नकूट के दिन घर में तरह तरह के पकवान बनाए जाते हैं. इस दिन आपको भोजन में लहसुन और प्याज का इस्तेमाल नहीं करना हैं. साथ ही भोजन का भोग भगवान कृष्णा को अवश्य लगाना हैं. जब इस प्रसादी को घर के सभी सदस्य ग्रहण करेंगे तो खूब स्समृद्धि आएगी. वहीं गोवर्धन पूजा की बात की जाए तो ये एक तरह से प्रकृति की पूजा होती हैं. इसकी शुरुआत स्वयं श्रीकृष्ण ने की थी. ऐसे में इस दिन प्रकृति के मानक के रूप में गोवर्धन पर्वत की पूजा होती हैं. वहीं समाज के मानक के रूप में गाय को पूजा जाता हैं. वैसे तो इस गाय पूजा की शुरुआत ब्रज से शुरू हुई थी लें बाद में धीरे धीरे इसे पुरे भारत वर्ष में अपना लिया गया.
अन्नकूट पूजा विधि
वेदों के अनुसार इस दिन वरुण, इंद्र एवं अग्नि की पूजा होती हैं. इसके साथ ही गाय का श्रृंगार एवं आरती होती हैं. गाय को फल मिठाई जैसे स्वादिष्ट भोजन परोसे जाते हैं. इसके पश्चात गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत का निर्माण किया जाता हैं. फिर इस पर्वत की फूल, धुप, दीपक और नैवेद्य से पूजा की जाती हैं. इस दिन घर के सभी लोगो का खाना एक ही रसोई में पकाया जाता हैं. इन पकवानों में कई तरह की वेराइटी भी होती हैं.
गोवर्धन पूजा विधि
इस दिन आपको सुबह जल्दी उठकर तेल मसकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद आप घर के मुख्य द्वार पर गाय के गोबर की सहायता से गोवर्धन आकृति का निर्माण करे. गोवर्धन पर्वत बनाने के पश्चात ग्वाल बाल और पेड़ पौधों की आकृति बनाए. इनके बीच में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति विराजित करे. अब कृष, ग्वाल-बाल और गोवर्धन पर्वत का षोडशोपचार पूजन किया जाता हैं. इसके साथ ही पकवान और पंचामृत को भोग के रूप में चढ़ाया जाता हैं. इसके बाद गोवर्धन पूजा की कथा सुनी जात हैं और अंत में सभी को प्रसाद वितरित किया जाता हैं. इस दौरान सभी सदस्यों को सतह में भोजन ग्रहण करना चाहिए.
धन और सफलता हेतु उपाय
यदि आप जीवन में आर्थिक रूप से मजबूत और सफल होना चाहते हैं तो ये उपाय जरूर करे. गाय का स्नान कर उसे तिलक लगाए और हाथ जोड़े. इसके बाद उसे फल और चारा खिलाए. अब गाय की 7 बार परिक्रमा करे. गाय के खुरे के नजदीक जो मिट्टी पड़ी हो उसे उठा ले और कांच की शिरी में अपने पास रखे. इसके बाद कोई जरूरी काम करने के दौरान इसी मिट्टी का तिलक लगाए. आपको सफलता अवश्य प्राप्त होगी.
नौकरी संबंधित उपाय
यदि आप अपने लिए एक बेहतर नौकरी की तलाश में हैं या उसका स्थान परिवर्तित कराना चाहते हैं तो यह करे. शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की डाल पर काला धागा बांधे. इस धागे में नौ गठाने लगाए. अब नौकरी में परिवर्तन हेती प्रार्थना करे. इसके बाद वहां से बिना पीछे मुड़े चले जाए. आपका काम हो जाएगा.
गोवर्धन पूजा मुहूर्त
गोवर्धन पूजा तिथि 28 अक्टूबर सुबह 09 बजकर 08 मिनट से आरम्भ होकर 29 अक्टूबर सुबह 06 बजकर 13 मिनट तक चलेगी. गोवर्द्धन पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 03 बजकर 23 मिनट से शाम 05 बजकर 36 मिनट तक हैं.