दिवाली पर पटाखें फोड़ना पड़ेगा महंगा, भारी जुर्माना और जेल दोनों हो सकती हैं
दिवाली देश का सबसे बड़ा त्यौहार होता हैं. मुख्य रूप से इस पर्व में माँ लक्ष्मी की पूजा, घर ई सजावट और मीठे पकवानों एवं आपसी मेलजोल का महत्व होता हैं. हालाँकि कुछ लोगो के लिए ये पटाखे और राकेट इत्यादि छोड़ने का अवसर भी होता हैं. गौरतलब हैं कि हर साल दिवाली पर पटाखे जलाने की वजह से वायु प्रदुषण अपनी चरम सीमा पर पहुँच जाता हैं. इस प्रदुषण का हमारे स्वस्थ पर भी नकारात्मक असर पड़ता हैं. खासकर दिल्ली की बात करी जाए तो वहां हालत बहुत खराब होती हैं. इस चीज को मद्देनज़र रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साल 2016 में दिल्ली एनसीआर में पकाहों पर बैन लगा दिया था. हालाँकि बाद में उसे हटा दिया था. लेकिन इस साल सुप्रीम कोर्ट इस बैन को पुनः स्थापित कर रही हैं. इन नए नियमों के अनुसार आप पटाखे, राकेट या इस टाइप के शोर एवं प्रदुषण करने वाली चीजें नहीं जला पाओगे.
हालाँकि सरकार ने इस बात का भी ख्याल रखा हैं कि आपकी दिवाली फीकी ना हो. इसलिए वे ‘अनार’ और ‘फुलझड़ी’ का ग्रेन वर्जन लेकर आई हैं. इस नए टाइप की ग्रीन अनार फुलझड़ी से 30 प्रतिसत कम प्रदुषण फैलता हैं. इसलिए आपको दिवाली पर सिर्फ ये ग्रीन वर्जन की फुलझड़ी और अनार जलाने की छोट रहेगी. ये जिस पैकेट में आएगी उसके ऊपर सरकार का आधिकारिक स्टाम्प और QR कोड भी रहेगा. ऐसे में आप जब भी दूकान से इसे ख़रीदे तो ये दोनों चीजें जरूर देखे. इसके अतिरिक्त किसी भी प्रकार के अन्य पटाखे जिस पर सरकारी सील ना हो उसे खरीदना और बेचना दोनों ही गैरकानूनी रहेगा.
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एम.एस. रंधवा ने बताया कि इस दिवाली सिर्फ ग्रीन पटाखे ही चलेंगे. हमारी टीम लगातार पटाखा विक्रेताओं के यहाँ चेकिंग कर रही हैं. यदि कोई विक्रेता ग्रीन पटाखों के अतिरिक्त कुछ और बेचता नज़र आया तो उसके ऊपर लीगल एक्शन लिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट जितेंद्र मोहन शर्मा बताते हैं संविधान के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत साफ़ हवा पाना जीवन के मौलिक अधिकात के तहत आता हैं. ऐसे में किसी व्यक्ति को वायु प्रदूषित करने का अधिकार नहीं हैं. इससे कई तरह की स्वस्थ संबंधित समस्याएं उत्पन्न होती हैं. लिहाजा ये सरकार की जिम्मेदारी बनती हैं कि वो लोगो को साफ़ और स्वच्छ पर्यावरण दे. यही वजह हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर बैन लगाया हैं. वहीं एडवोकेट कालिका प्रसाद काला कहते हैं कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) प्रदूषण फैलाने वाले शख्स के खिलाफ 3 साल की सजा और 10 करोड़ तक का जुर्माना लगाने का अधिकार भी रखती हैं.
हम सभी अच्छे से इस बात को जानते हैं कि आजकल पर्यावरण के क्या हालात हैं. ऐसे में देश का सच्चा नागरिक होने के नातें ये हमारा भी फर्ज बनता हैं कि हम इस दिवाली प्यार बाँटें ना कि प्रदुषण फैलाए. वैसे भी दिवाली पर एन्जॉय करने के लिए और भी कई सारी चीजें होती हैं. पटाखे दिवाली का जरूरी हिस्सा नहीं हैं. माँ लक्ष्मी की पूजा जरूरी हैं. आप वही करे. यदि ऐसी ही वायु की स्वच्छता बिगडती चली जाएगी तो वो दिन दूर नहीं जब हम सभी को मास्क लगाकर घर से बाहर निकलना पड़ेगा.
तो क्या सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से आप खुश हैं? क्या पुरे देश मेन पटाखों पर बैन लगना चाहिए? अपने जवाब कमेंट में जरूर दे.