अध्यात्म

आरोग्य, स्वस्थ शरीर और धन पाने हेतु आप धनतेरस के दिन जरूर पढ़े ‘धन्वंतरि स्तोत्र’

धन्वंतरि स्तोत्र : धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से रोगों को दूर किया जा सकता है और घर में खुशाली आ जाती है। इसलिए लोगों द्वारा धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि का पूजन जरूर किया जाता है। भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का जनक माना जाता है और कहा जाता है कि ये ही इस संसार में आयुर्वेद को लाए थे।

समुंद्र मथन से जुड़ी है कथा

धन्वंतरि स्तोत्र

समुंद्र मंथन के दौरान 14 रत्न निकले थे और इन्हीं रत्नों में से धनवंतरि भी एक थे। विष्णु पुराण के अनुसार धन्वंतरि दीर्घतथा के पुत्र थे और भगवान नारायण ने उन्हें पूर्व जन्म का वरदान दिया था। जिसके बाद समुंद्र मंथन के दौरान ये निकले थे और निकलते समय इनके हाथ में अमृत का कलश और आयुर्वेद था। जिस दिन समुंद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे उस दिन कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी थी और तभी से इस तारीख को धनतेरस का पर्व मनाया जाने लगे। वहीं कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दो दिनों बाद ही समुद्र मंथन से मां लक्ष्मी प्रकट हुई थी और इस दिन को दीवाली के रूप में जाना जाता है और दीवाली का पर्व मनाया जाता है।

धनतेरस के दिन जरूर पढ़ें धन्वंतरि स्तोत्र

धन्वंतरि स्तोत्र

धन्वंतरि स्तोत्र बेहद ही चमत्कारी स्तोत्र होता है और इसे पढ़ने से रोग दूर हो जाते हैं और धन लाभ होता है। इसलिए आप धनतेरस के दिन धन्वंतरि स्तोत्र को जरूर पढ़ें। यह स्तोत्र बेहद ही सरल है।

धन्वंतरि स्तोत्र

शंखं चक्रं जलौकादधतम्-
अमृतघटम् चारूदौर्भिश्चतुर्भि:।

सूक्ष्म स्वच्छ अति-हृद्यम् शुक-
परि विलसन मौलिसंभोजनेत्रम्।।

कालांभोदोज्वलांगं कटितटविल-
स: चारूपीतांबराढ़यम्।

वंदे धन्वंतरीम् तम् निखिल
गदम् इवपौढदावाग्रिलीलम्।।
यो विश्वं विदधाति पाति-
सततं संहारयत्यंजसा।

सृष्ट्वा दिव्यमहोषधींश्च-
विविधान् दूरीकरोत्यामयान्।।

विंभ्राणों जलिना चकास्ति-
भुवने पीयूषपूर्ण घटम्।

तं धन्वंतरीरूपम् इशम्-
अलम् वन्दामहे श्रेयसे।।

धन्वंतरि मंत्र

धन्वंतरि स्तोत्र के अलावा आप धनतेरस के दिन धन्वंतरि मंत्र भी पढ़ें। इस मंत्र को पढ़ने से रोग सही हो जाते है। धन्वंतरि मंत्र इस प्रकार है।

ॐ नमो भगवते
महा सुदर्शनाया वासुदेवाय धन्वन्तरये

अमृत कलश हस्ताय

सर्व भय विनाशाय

सर्व रोग निवारणाय

त्रैलोक्य पतये

त्रैलोक्य निधये

श्री महा विष्णु स्वरूप

श्री धन्वंतरि स्वरुप

श्री श्री श्री औषध चक्र नारायणाय स्वाहा ।।

मंत्र और स्तोत्र पढ़ते समय रखें इन बातों का ध्यान

धन्वंतरि स्तोत्र

  • ऊपर बताए गए मंत्र और स्तोत्र को पढ़ने से पहले आप अपने पैर और हाथों को अच्छे से साफ कर लें और शुद्ध होकर धन्वंतरि मंत्र और स्तोत्र पढ़ें।
  • मंत्र और स्तोत्र को पढ़ने से पहले आप अपने सामने एक दीपक जला दें और भगवान धन्वंतरि का नाम लेकर इन्हें शुरू करें।
  • इन्हें पढ़ते समय आपका सिर कपड़े से ढ़का होना चाहिए और मन एकदम शुद्ध विचारों से भरा होना चाहिए। आप कभी भी मंत्र या स्तोत्र को पढ़ते समय अपने मन के अंदर बुरे ख्याल ना लाएं और सच्चे मन से ही इन्हें पढ़ें।
  • धन्वंतरि मंत्र और स्तोत्र आप कभी भी पढ़ सकते हैं। हालांकि धनतेरस के दिन इन्हें पढ़ने से इनका लाभ जल्द मिलता है। इसलिए आप धनतेरस के दिन इन्हें जरूर पढ़ें।

धन्वंतरि मंत्र और स्तोत्र को पढ़ने से आपको आरोग्य और स्वस्थ शरीर मिल जाएगा और धन का लाभ भी होता है।

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