पाकिस्तान ने फिर की गलत बयानी, भारत पर लगाया हिन्द महासागर में दखलअंदाजी का आरोप!
सुरक्षा को लेकर भारत के बढ़ते प्रयासों और क़दमों से पाकिस्तान घबरा गया है, इतना ही नहीं पाकिस्तान को डर है कि कहीं भारत उसे नुकसान ना पहुंचाए. ये बातें खुद पाकिस्तान ने स्वीकार की हैं.
पाकिस्तानी अख़बार डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने एक सम्मलेन में सभा को संबोधित करते हुये, पाकिस्तान को भारत से खतरे की बात कही.
भारत पर हिन्द महासागर के न्यूक्लियराइजेशन का आरोप लगाया :
सरताज अजीज ने भारत पर हिन्द महासागर के न्यूक्लियराइजेशन का आरोप लगाया उन्होंने कहा कि भारत हिन्द महासागर में शांति ख़त्म करने की कोशोइश में जुटा हुआ है. उनका कहना है कि भारत अपने ऐसे क़दमों से हिन्द महासागरीय क्षेत्र में अस्थिरता फैलाना चाहता है. भारत के द्वारा किये जा रहे न्यूक्लियराइजेशन से भविष्य में खतरे और ज्यादा बढ़ेंगे.
साथ ही उन्होंने हिन्द महासागर से जुडी सुरक्षा सम्बन्धी समस्याओं और दिक्कतों पर भी चर्चा की. सरताज अजीज ने भारतीय नौसेना पर हिन्द महासागर में दखल बढ़ाने की बात भी कही. उन्होंने कहा कि इससे पाकिस्तान की चिंता बढ़ी है. भारतीय सेना की दखलंदाजी बढ़ रही है और ये उनके लिये चिंता की बात है.
उनके अनुसार हिन्द महासागर की सुरक्षा पाकिस्तान के लिये रणनीतिक महत्व का विषय है. उन्हें हिन्द महासागर की आर्थिक क्षमताओं का अंदाजा हुआ क्योंकि हिन्द महासागर 30 से अधिक देशों को समुद्र तट मुहैय्या करता है. हिन्द महासागर ना सिर्फ एशिया बल्कि साउथ एशिया, मिडिल-ईस्ट, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप को भी जोड़ता है.
सरताज अजीज का मानना है कि समुद्र में इस तरह से ताकत जुटाने का चलन और भी बढ़ने वाला है. इसलिये वो पाकिस्तान की सुरक्षा के लिये हिन्द महासागर में अपने देश की क्षमताएं बढ़ाने पर ध्यान देंगे.
गौरतलब है कि फॉरेन पालिसी नाम की एक अमेरिकी मैगज़ीन ने भी यह दावा कि था कि भारत हिन्द महासागर के तटीय इलाके
अमेरिकी मैग्जीन ने भी लगाया भारत पर आरोप मैसूर के पास चलकेरे में न्यूक्लियर शहर विकसित कर रहा है. मैगज़ीन ने यह दावा भी किया था कि यह शहर साल 2017 तक बनकर तैयार हो जायेगा.
भारत ने इस बात को सिरे से ख़ारिज करते हुये कहा था कि भारत ऐसे किसी भी प्रोजेक्ट पर काम नहीं कर रहा है और यह इत्तेफाक ही है कि जिस क्षेत्र के बारे में ऐसी बात की जा रही है वहां कर्नाटक सरकार की तरफ से दी गई जमीन पर कुछ उच्च स्तरीय संस्थान बनाये जा रहे हैं.