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कभी अमीरों के घर कुत्ता टहलाया तो कभी टैंपो चलाया, गर्लफ्रेंड के हौसले से आज बन गया IPS ऑफिसर

हर इंसान की जिंदगी में कोई ना कोई प्रेरणा होती है और उसी के हौसले अफजाई पर इंसान आगे बढ़ता जाता है। इसके अलावा उनके द्वारा किया गया संघर्ष भी रंग लाता है और ऐसी ही एक कहानी है मध्यप्रदेश के एक आदमी की जिन्होंने अपने जीवन में हर वो छोटे काम करे जिससे वे अपनी पढ़ाई की खर्चा जुटा पाएं। इस आदमी ने कभी अमीरों के घर कुत्ता टहलाया तो कभी टैंपो चलाया और इसके बाद गर्लफ्रेंड के कहने पर आईपीएस की तैयारी की और पहली ही बार में निकाल लिया।

कभी अमीरों के घर कुत्ता टहलाया तो कभी टैंपो चलाया

अक्सर लोग असफल होने के बाद यही मान लेते हैं कि आगे के रास्ते अब बंद हो गए लेकिन इन दिनों सोशल मीडिया पर एक चर्चित स्टोरी है कि 12वीं फेल आदमी आईपीएस ऑफिसर बन गया। परिस्थिति ऐसी थी कि पढ़ाई को जारी रखने के लिए ऑटो चलाया, फिर कई जगह अलग-अलग नौकरी की यहां तक भिखारियों के साथ सोया भी लेकिन गर्लफ्रेंड से मिले हौसले ने जिंदगी ही बदल दिया। 12वीं फेल बुक में मुंबई पुलिस के अधिकारी मनोज शर्मा की कहानी है जिसे उनके दोस्त अनुराग पाठक ने लिखा है। साल 2005 के महाराष्ट्र कैडर के वो अधिकारी हैं और मनोज की संघर्ष की कहानी उनके दोस्त ने ही अनुराग पाठक ने बुक के दरिए बयां की है। इसके बाद मनोज शर्मा ने इंटरव्यू भी दिए जिसमें उन्होंने अपने बारे में कई बातें बताई हैं। एक इंटरव्यू में मनोज शर्मा ने बताया कि गांव में शुरुआती पढ़ाई लिखाई के कारण से अंग्रेजी बहुत कमजोर थी। यूपीएससी के इंटरव्यू के दौरान उनसे पूछा गया था कि आपको अंग्रेजी नहीं आती है तो फिर वे शासन कैसे चलाएंगे। इसके साथ ही मनोज को इंटरव्यू के दौरान एक ट्रांसलेटर भी दिया गया। मनोज ने इंटरव्यू में बताया, ‘मैं टेस्ट के दौरान टूरिज्म की स्पेलिंग को टेरिरज्म लिख दिया था।’

जब 12वीं में खराब रिजल्ट आता है तो अक्सर लोग मौत को गले लगा लेते हैं लेकिन मनोज शर्मा की ये कहानी हर किसी को प्रेरित कर सकती है। मनोज नौवीं, दसवीं और ग्यारहवीं में थर्ड डिविजन से पास हुए थे और 12वीं में फेल हो गए थे। इसके बाद मनोज को लगने लगा कि आगे क्या होगा, क्योंकि रिजल्ट खराब होने के कारण उन्हें अब नौकरी भी नहीं मिलेगी। फिर इन्होंने टैंपो चलाना शुरु कर दिया और फिर इनके घर की स्थिति भी नहीं थी कि वे आगे पढ़ाई कर सके। वे भाई के साथ टैंपो चलाते और एक दिन उनका ऑटो एक एसडीएम ने पकड़ लिया था उसी का असर मनोज पर पड़ा कि आखिर ये ताकतवर शख्स है कौन, मैं भी इसके जैसा बनूंगा। मध्यप्रदेश से आए मनोज शर्मा ने ग्वालियर में तैयारी शरु की और इस दौरान पैसे नहीं होने के कारण भिखारियों के साथ सोते और अमीरों के कुत्ते टहलाने लगे। इसी दौरान उन्हें लाइब्रेरी में गार्ड की नौकरी मिल गई। यहां पर रात में ड्यूटी देते समय किताबें भी पढ़ते थे।

मनोज शर्मा को गर्लफ्रेंड का भी रहा साथ

दिल्ली में रहने के दौरान उनकी एक गर्लफ्रेंड बनी और यहां पर मनोज लगातार यूपीएससी की परीक्षा दे रहे थे। मगर अंग्रेजी वीक होने के कारण मेन्स नहीं नही निकाल पा रहे थे। उन्होने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि वे जिस लड़की से प्यार करते थे उससेकहा कि तुम साथ तो वे दुनिया पलट देंगं। इसके बाद गर्लफ्रेंड ने साथ दिया और हौसला देती रहती थी। फिर चौथे अटैम्प्ट से मनोड ने आईपीएस की परीक्षा पास कर ली। जब उनका रिजल्ट क्लियर हुआ तब वे बहुत रोए थे क्योंकि 12वीं में फेल होने के कारण उन्हें लोगों ने बहुत ताना दिया था, मगर आज उनकी जिंदगी बदल गई।

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