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कुंडली में चंद्र दोष होने पर करें चंद्र देव के 111 नामों का जाप, दूर हो जाएगा ये दोष

चंद्रमा को सुंदरता का ग्रह माना जाता है और जिन लोगों की कुंडली में ये ग्रह लग्न भाव में होता है वो लोग देखने में बेहद ही आकर्षक और सुंदर होते हैं। सोमवार का दिन चंद्र ग्रह का दिन होता है और इस दिन चंद्र ग्रह की पूजा करने से लाभ मिलता है। चंद्र ग्रह अगर कुंडली में सही स्थान पर हो तो जातक का जीवन सुखों के साथ कट जाता है। वहीं इस ग्रह के गलत स्थान पर होने पर जीवन में कष्ट आना शुरू हो जाते हैं।

दिमाग से जुड़ा है चंद्र ग्रह

चंद्र ग्रह दिमाग से जुड़ा हुआ ग्रह है और इस ग्रह की बुरी दिशा चलने पर मानसिक पीड़ा होती है और व्यक्ति की स्मृति कमजोर हो जाती है। चंद्र ग्रह की वजह से जातक को सिरदर्द, तनाव, डिप्रेशन, मिर्गी के दौरे और पागलपन जैसी समस्या होती है। इसलिए अगर आपकी कुंडली में चंद्र ग्रह की खराब दिशा चल रही है तो आप चंद्र ग्रह को शांत करने के उपाय जरूर करें। ताकि चंद्र दोष समाप्त हो जाए।

चंद्र के हैं 111 नाम

शास्त्रों में चंद्र ग्रह के 111 नाम बताए गए हैं और सोमवार के दिन चंद्र ग्रह के 111 नामों का जाप करने से कुंडली में चंद्र दोष समाप्त हो जाता हैं। इसलिए आप कुंडली में चंद्र दोष होने पर इनके सभी नामों का जाप शाम के समय कर लें। वहीं चंद्र ग्रह के 111 नाम क्या है वो इस प्रकार हैं-

1.ॐ श्रीमते नमः।

2.ॐ शशधराय नमः।

3.ॐ चन्द्राय नमः।

4.ॐ ताराधीशाय नमः।

5.ॐ निशाकराय नमः।

6.ॐ सुधानिधये नमः।

7.ॐ सदाराध्याय नमः।

8.ॐ सत्पतये नमः।

9.ॐ साधुपूजिताय नमः।

10.ॐ जितेन्द्रियाय नमः।

11.ॐ जयोद्योगाय नमः।

12.ॐ ज्योतिश्चक्रप्रवर्तकाय नमः।

13.ॐ विकर्तनानुजाय नमः।

14.ॐ वीराय नमः।

15.ॐ विश्वेशाय नमः।

16.ॐ विदुषां पतये नमः।

17.ॐ दोषाकराय नमः।

18.ॐ दुष्टदूराय नमः।

19.ॐ पुष्टिमते नमः।
20.ॐ शिष्टपालकाय नमः।

21.ॐ अष्टमूर्तिप्रियाय नमः।

22.ॐ अनन्ताय नमः।

23.ॐ कष्टदारुकुठारकाय नमः।

24.ॐ स्वप्रकाशाय नमः।

25.ॐ प्रकाशात्मने नमः।

26.ॐ द्युचराय नमः।

27.ॐ देवभोजनाय नमः।

28.ॐ कलाधराय नमः।

29.ॐ कालहेतवे नमः।

30.ॐ कामकृते नमः।

31.ॐ कामदायकाय नमः।
32.ॐ मृत्युसंहारकाय नमः।

33.ॐ अमर्त्याय नमः।

34.ॐ नित्यानुष्ठानदाय नमः।

35.ॐ क्षपाकराय नमः।

36.ॐ क्षीणपापाय नमः।

37.ॐ क्षयवृद्धिसमन्विताय नमः।

38.ॐ जैवातृकाय नमः।

39.ॐ शुचये नमः।

40.ॐ शुभ्राय नमः।

41.ॐ जयिने नमः।

42.ॐ जयफलप्रदाय नमः।

43.ॐ सुधामयाय नमः।
44.ॐ सुरस्वामिने नमः।

45.ॐ भक्तानामिष्टदायकाय नमः।

46.ॐ भुक्तिदाय नमः।

47.ॐ मुक्तिदाय नमः।

48.ॐ भद्राय नमः।

49.ॐ भक्तदारिद्र्यभंजनाय नमः।

50.ॐ सामगानप्रियाय नमः।

51.ॐ सर्वरक्षकाय नमः।

52.ॐ सागरोद्भवाय नमः।

53.ॐ भयान्तकृते नमः।

54.ॐ भक्तिगम्याय नमः।
55.ॐ भवबन्धविमोचकाय नमः।

56.ॐ जगत्प्रकाशकिरणाय नमः।

57.ॐ जगदानन्दकारणाय नमः।

58.ॐ निस्सपत्नाय नमः।

59.ॐ निराहाराय नमः।

60.ॐ निर्विकाराय नमः।

61.ॐ निरामयाय नमः।

62.ॐ भूच्छायाच्छादिताय नमः।

63.ॐ भव्याय नमः।

64.ॐ भुवनप्रतिपालकाय नमः।

65.ॐ सकलार्तिहराय नमः।
66.ॐ सौम्यजनकाय नमः।

67.ॐ साधुवन्दिताय नमः।

68.ॐ सर्वागमज्ञाय नमः।

69.ॐ सर्वज्ञाय नमः।

70.ॐ सनकादिमुनिस्तुताय नमः।

71.ॐ सितच्छत्रध्वजोपेताय नमः।

72.ॐ सितांगाय नमः।

73.ॐ सितभूषणाय नमः।

74.ॐ श्वेतमाल्याम्बरधराय नमः।

75.ॐ श्वेतगन्धानुलेपनाय नमः।

76.ॐ दशाश्वरथसंरूढाय नमः।
77.ॐ दण्डपाणये नमः।

78.ॐ धनुर्धराय नमः।

79.ॐ कुन्दपुष्पोज्ज्वलाकाराय नमः।

80.ॐ नयनाब्जसमुद्भवाय नमः।

81.ॐ आत्रेयगोत्रजाय नमः।

82.ॐ अत्यन्तविनयाय नमः।

83.ॐ प्रियदायकाय नमः।

84.ॐ करुणारससम्पूर्णाय नमः।

85.ॐ कर्कटप्रभवे नमः।

86.ॐ अव्ययाय नमः।

87.ॐ चतुरश्रासनारूढाय नमः।
88.ॐ चतुराय नमः।

89.ॐ दिव्यवाहनाय नमः।

90.ॐ विवस्वन्मण्डलाज्ञेयवासाय नमः।

91.ॐ वसुसमृद्धिदाय नमः।

92.ॐ महेश्वरप्रियाय नमः।

93.ॐ दान्ताय नमः।

94.ॐ मेरुगोत्रप्रदक्षिणाय नमः।

95.ॐ ग्रहमण्डलमध्यस्थाय नमः।

96.ॐ ग्रसितार्काय नमः।

97.ॐ ग्रहाधिपाय नमः।

98.ॐ द्विजराजाय नमः।
99.ॐ द्युतिलकाय नमः।

100.ॐ द्विभुजाय नमः।

101.ॐ द्विजपूजिताय नमः।

102.ॐ औदुम्बरनगावासाय नमः।

103.ॐ उदाराय नमः।

104.ॐ रोहिणीपतये नमः।

105.ॐ नित्योदयाय नमः।

106.ॐ मुनिस्तुत्याय नमः।

107.ॐ नित्यानन्दफलप्रदाय नमः।

108.ॐ सकलाह्लादनकराय नमः।

109.ॐ पलाशसमिधप्रियाय नमः।
110.ॐ चन्द्रमसे नमः।

111. ॐ सुधाकराय नम:।

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