बेहद ही चमत्कारी हैं शनि मंत्र (Shani Dev Mantra In Hindi)
Shani Dev Mantra In Hindi : कुंडली में शनि देव की बुरी दशा चलने पर जीवन में कोई भी कार्य समय पर नहीं हो पाता है और जीवन दुखों से भर जाता है। शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं। शनि देव की बुरी दशा शुरू होने पर लोगों द्वारा शनिवार के दिन इनकी पूजा की जाती है और इनकी पूजा करते समय इन्हें तेल और काली चीजें अर्पित की जाती है। ताकि यह ग्रह शांत हो जाए।
अगर आपकी कुंडली में भी शनि देव की बुरी दशा चल रही है। तो आप इन्हें शांत रखने के लिए टोटके करने के साथ शनि देव मंत्रों का जाप भी करें। शनि मंत्र पढ़ने से शनि देव शांत हो जाते हैं और जीवन में किसी भी तरह के कष्ट उत्पन्न नहीं करते हैं। शनि देव से कई तरह के मंत्र जुड़े हुए हैं और आज हम यह सभी मंत्र आपको बताने जा रहे हैं।
शनि मंत्र (Shani Dev Mantra)
शास्त्रों में शनि देव के कई सारे मंत्र बताए गए हैं और हर एक मंत्र से अलग तरह का लाभ जुड़ा हुआ है। इन मंत्रों का जाप कोई भी कर सकता है और यह मंत्र कारगर माने जाते हैं।
शनि देव मंत्र – 1
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।
ये मंत्र शनि देव का तांत्रिक मंत्र और इस मंत्र का जाप तांत्रिकों द्वारा अधिक किया जाता है।
शनि मंत्र – 2
ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये।
ये शनि देव का वैदिक मंत्र है और इसका जाप करने से शनि देव कुंडली में शांत बनें रहते हैं।
शनि देव मंत्र – 3
ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।
ये शनि देव का एकाक्षरी मंत्र है और इसका जाप करने से शनि के बुरे प्रकोप से बचा जा सकता है।
शनि मंत्र – 4
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।।
शनि देव के साथ गायत्री मंत्र भी जुड़ा हुआ है और इस मंत्र का जाप करने से मन को शांति मिलती है।
भगवान शनि देव के साथ जुड़े अन्य मंत्र (Shani Dev Mantra)
- ऊँ श्रां श्रीं श्रूं शनैश्चाराय नमः।
- ऊँ हलृशं शनिदेवाय नमः।
- ऊँ एं हलृ श्रीं शनैश्चाराय नमः।
- ऊँ मन्दाय नमः।।
- ऊँ सूर्य पुत्राय नमः।।
साढ़ेसाती से बचने के लिए शनि मंत्र
कुंडली में साढ़े साती आने पर जीवन में साढ़े सात साल तक शनि देव का प्रकोप बना रहता है। साढ़े साती आने पर जातक को कई तरह के उपाय करने की सलाह पंड़ितों द्वारा दी जाती है और हर शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करने को कहा जाता है। पूजा करने के अलावा जातक को साढे साती से बचने के लिए नीचे बताए गए मंत्रों का जाप करने को भी कहा जाता है। इसलिए अगर आपकी कुंडली में भी साढ़े साती चल रही है तो आप शनि देव के नीचे बताए गए मंत्रों का जाप कर इन्हें प्रसन्न कर लें।
साढ़ेसाती के मंत्र
- ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम। उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात ।।
- ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।
- ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
शनि देव से क्षमा मांगने के मंत्र
शनि देव को कर्म का देवता कहा जाता है और जीवन में बुरे काम करने पर शनि देव द्वारा हमें सजा दी जाती है। अगर आप से जीवन में कोई भूल हो जाए तो आप उस भूल के लिए शनि देव से क्षमा मांग लें। क्षमा मांगने से शनि देव सजा नहीं देते हैं। शनि देव से क्षमा मांगने के लिए आप ‘शनि देव क्षमा मंत्र’ का जाप करें। इस मंत्र का जाप कर आप शनि देव से अपनी गलतियों के लिए मांफी मांग सकते हैं।
क्षमा के लिए शनि मंत्र (Shani Mantra in Hindi)
- अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेहर्निशं मया। दासोयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।
- गतं पापं गतं दु: खं गतं दारिद्रय मेव च। आगता: सुख-संपत्ति पुण्योहं तव दर्शनात्।।
अच्छे स्वास्थ्य के लिए शनि मंत्र (Shani Dev Mantra)
शनि ग्रह के अशांत होने पर सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। शनि ग्रह को पेट से जुड़ा ग्रह माना जाता है और कुंडली में इस ग्रह की बुरी दिशा शुरू होने पर सबसे पहले पेट के स्वस्थ पर ही बुरा असर पड़ता है। हालांकि नीचे बताए गए मंत्र का जाप करने से शनि देव को शांत कर अच्छा स्वास्थ्य पाए जा सकता है।
शनि देव की पूजा करते समय करें इन मंत्रों का जाप
- भगवान शनि देव की पूजा करते समय आप नीचे बताए गए शनि मंत्र को पढ़ें लें और ये मंत्र पढ़ते समय उन्हें चन्दन अर्पित करें चाहिए-
- भगवान शनि देव की पूजा करते समय उन्हें अर्घ्य समर्पण करें और नीचे बताए गए मंत्र को पढ़ें-
- शनि देव के सामने तेल का दीपक जलाते समय आप ये मंत्र जरूर पढ़ें-
- शनि देव के मस्तक पर काजल या यज्ञ की भस्म लगाते समय इस मंत्र का जाप करना उत्तम फल देते है।
- शनि देव को फूल अर्पित करते समय ये मंत्र पढ़ना चाहिए।
- शनि देव की पूजा करते समय उन्हें काला आसन चढ़ाते हुए आप इस मंत्र का जाप करें।
- भगवान श्री शनि देव का आवाहन करने के लिए ये शनि देव मंत्र बोले।
- भगवान शनि देव को वस्त्र चढ़ाते समय आप ये मंत्र जरूर बोलें।
- शनि देव की पूजा करते समय उन्हें सरसों का तेल चढ़ाएं और ये मंत्र बोलें।
भो शनिदेवः चन्दनं दिव्यं गन्धादय सुमनोहरम् |
विलेपन छायात्मजः चन्दनं प्रति गृहयन्ताम् ||
ॐ शनिदेव नमस्तेस्तु गृहाण करूणा कर |
अर्घ्यं च फ़लं सन्युक्तं गन्धमाल्याक्षतै युतम् ||
साज्यं च वर्तिसन्युक्तं वह्निना योजितं मया |
दीपं गृहाण देवेशं त्रेलोक्य तिमिरा पहम्. भक्त्या दीपं प्रयच्छामि देवाय परमात्मने ||
परमेश्वरः नर्वाभस्तन्तु भिर्युक्तं त्रिगुनं देवता मयम् |
उप वीतं मया दत्तं गृहाण परमेश्वरः ||
नील कमल सुगन्धीनि माल्यादीनि वै प्रभो |
मयाहृतानि पुष्पाणि गृहयन्तां पूजनाय भो ||
ॐ विचित्र रत्न खचित दिव्यास्तरण संयुक्तम् |
स्वर्ण सिंहासन चारू गृहीष्व शनिदेव पूजितः ||
नीलाम्बरः शूलधरः किरीटी गृध्रस्थित स्त्रस्करो धनुष्टमान् |
चतुर्भुजः सूर्य सुतः प्रशान्तः सदास्तु मह्यां वरदोल्पगामी ||
शनिदेवः शीतवातोष्ण संत्राणं लज्जायां रक्षणं परम् |
देवलंकारणम् वस्त्र भत: शान्ति प्रयच्छ में ||
भो शनिदेवः सरसों तैल वासित स्निगधता |
हेतु तुभ्यं-प्रतिगृहयन्ताम् ||
ऊपर बताए गए शनि देव से जुड़े मंत्रों का जाप आप जरूर करें। शनि देव मंत्र को पढ़ने से आप पर शनि देव की कृपा बन जाएगी और ये आपके जीवन में किसी भी तरह का कष्ट पैदा नहीं करेंगे। शनि मंत्र (Shani Dev Mantra) को आप शनिवार के दिन ही पढ़ें क्योंकि शनिवार का दिन शनि देव से जुड़ा होता है। शनि देव मंत्रों को पढ़ने के अलावा आप नीचे बताए गए उपायों को भी जरूर करें।
- शनि वार के दिन शनि देव के साथ-साथ हनुमान की पूजा भी करें।
- शनि देव की पूजा करने के बाद गरीब लोगों को काली चीजें दान में दें।
- चप्पल का दान देने से भी शनि ग्रह शांत हो जाता है।
- शनिवार के दिन लोहे की वस्तु ना खरीदें। क्योंकि इस दिन लोहा खरीदना अशुभ फल जीवन में देता है।
- शनि देव की पूजा करते समय उन्हें काले रंग के फूल अर्पित करें।
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