इन 5 चीजों का भोग लगाने से खुश होती हैं मां लक्ष्मी, शरद पूर्णिमा के दिन जरूर करें इनका सेवन
आज शरद पूर्णिमा है. इस दिन चंद्रमा अपनी पूरी सोलह कलाओं का प्रदर्शन करते हुए दिखाई देता है. शरद पूर्णिमा को कोजागर पूर्णिमा या कोजागरी के नाम से भी जाना जाता है. कहते हैं कि इस दिन मां लक्ष्मी स्वर्गलोक से पृथ्वी पर आती हैं और जिस व्यक्ति को मां उनकी पूजा करते हुए देखती हैं, उस पर असीम कृपा बरसाती हैं. शरद पूर्णिमा अश्विन माह में पड़ता है और इसका एक अलग महत्व होता है. इस दिन रात के समय किये गए जागरण और रात को चांद की रौशनी में रखे गए खीर का विशेष महत्व है.
शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है. चौमासे यानी भगवान विष्णु जिसमें सो रहे होते हैं वह समय अपने अंतिम चरण में होता है. कहते हैं कि शरद पूर्णिमा के दिन चांद अपनी सभी 16 कलाओं से संपूर्ण होकर रात के समय अपनी किरणों द्वारा अमृत की वर्षा करता है. इसलिए यदि आप रात को आसमान के नीचे खीर रखेंगे तो वह अमृत सामान हो जाएगी.
इसे ‘रास पूर्णिमा’ भी कहते हैं
पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों संग महारास रचा था. इसलिए इसे रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन से एक और मान्यता जुड़ी है. मान्यता के अनुसार इस दिन मां लक्ष्मी स्वर्ग लोक से पृथ्वी पर भ्रमण के लिए आती हैं. जागरण या पूजा करने वाले व्यक्तियों पर मां अपनी कृपा बरसाती हैं.
ईष्ट देवता की करनी चाहिए पूजा
शरद पूर्णिमा के दिन अपने ईष्ट देवता की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. शाम के वक़्त चांद निकलने पर मिट्टी या चांदी से बने घी के दिए जलाने चाहिए. घी से युक्त खीर प्रसाद के रूप में बनाना चाहिए और फिर खीर को चांद की रौशनी के नीचे रखना चाहिए. बाद में लगभग 3 घंटे बाद इस खीर को मां लक्ष्मी को अर्पित करना चाहिए.
करना चाहिए इन 5 चीजों का सेवन
मखाना: कहते हैं कि शरद पूर्णिमा पर मखाने का भोग लगाने से माता की कृपा प्राप्त होती है.
बताशा: इसके अलावा माता को यदि बताशे का भोग लगाया जाए तो वह बेहद प्रसन्न होती हैं. दिवाली के दिन मां को बताशे और खील-खिलौने का भोग लगाएं.
चावल की खीर: यदि आप शरद पूर्णिमा के दिन चावल और मखाने से बनी खीर कुछ समय तक चांद की रौशनी में रखने के बाद माता को भोग लगाते हैं तो माता आप पर जमकर आशीर्वाद बरसाती है. यह खीर स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभकारी है.
पान: पूजा के समय पान और सुपारी के प्रयोग को शुभ माना गया है. इसलिए आप पान सुपारी का भोग लगाकर भी मां को प्रसन्न कर सकते हैं.
दही: गाय के दूध से निर्मित दही का भोग मां लक्ष्मी को लगाएं और उसे प्रसाद के रूप में लोगों को बाटें. ऐसा करने से माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा आप पर बनी रहती है.
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