आज की मॉडर्न लाइफस्टाइल और प्रदुषण के चलते एक इंसान की एवरेज लाइफ 65-70 के आसपास रह गई हैं. ऐसे में सेंचुरी मारना यानी 100 साल तक जीना असंभव सा लगता हैं. हालाँकि आपको जान हैरानी होगी कि शायद दुनियां का सबसे बूढ़ा शख्स भारत में ही हैं. मेल ऑनलाइन की रिपोर्ट के अनुसार कोलता के बेहाला निवासी स्वामी सिवानंदा फ्लाईट से लंदन जा रहे थे. इस दौरान उनका एयरप्लेन दुबई में कुछ देर रुका. इस दौरान जब उनसे सिक्योरिटी वालो ने पासपोर्ट माँगा तो उसमे उनकी जन्म तारीख देख उनके होश उड़ गए. पासपोर्ट में उनकी जन्म तिथि 8 अगस्त 1896 लिखी हैं. मतलब वो 123 साल के हुए.
यदि पासपोर्ट में लिखी गई ये तारीख सही हैं तो स्वामी सिवानंदा शायद दुनियां के सबसे बूढ़े व्यक्ति हैं. हालाँकि उनके पास अपने जन्म तारीख का कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं सिवाए मंदिर के रजिस्टर में लिखे एक रिकॉर्ड के. स्वामी बताते हैं कि जब वे 6 साल के थे तो अपने माता पिता को खो दिया था. इसके बाद उनके रिश्तेदारों ने उन्हें एक आध्यात्मिक गुरु के हवाले कर दिया था. स्वामी ने उसी गुरु के साथ दुनियां का भ्रमण किया और अब फाइनली वाराणसी में सेटल हो गए.
आपको जान आश्चर्य होगा कि 5 फीट 2 इंच के बूढ़े स्वामी अकेले ही रहते हैं. इतना ही नहीं ट्रेंस वगैरह में भी वे अकेले ही सफ़र करते हैं. वे कई समय से अपना नाम गिनिस बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज कराने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन प्रॉपर डाक्यूमेंट्स ना होने की वजह से ऐसा नहीं हो पा रहा हैं. स्वामी जी भले ये दावा करते हो कि उनकी उम्र 123 साल हैं लेकिन दिखने में वो इससे ज्यादा यंग लगते हैं. हालाँकि इसका कारण वे अपनी सख्त अनुशासित जीवनशैली को बताते हैं.
ये हैं लंबी आयु और स्वस्थ शरीर का राज़
स्वामी जी कहते हैं कि वो रोजाना योग करते हैं, अनुशासन में रहते हैं और ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं. उनका मानना हैं कि यही तीन चीजें उनकी लम्बू आयु की वजह हैं. वे बताते हैं कि लाइफ में सिंपल और अनुशासित रहना बेहद आवश्यक हैं. वे अपनी डाईट को लेकर बड़े सख्त हैं. मसलन वे सिर्फ उबला हुआ खाना ही खाते हैं. भोजन में तेल और मसलों का प्रयोग नहीं करते हैं. इसके साथ ही वे उबले हुए चावल और दाल खाते हैं. साथ में हरी मिर्च भी खाते हैं. स्वामी बताते हैं कि मैं दूध और फलों का सेवन नहीं करता हूँ. ये फेंसी फ़ूड हैं. इसके साथ ही वे रोजाना जमीन पर चटाई बिछा कर सोते हैं. तकिए के स्थान पर लकड़ी के गुटखे का इस्तेमाल करते हैं. इसके साथ ही उनका कहना हैं कि इंसान को अपनी शारीरिक संबंध से जुड़ी वासनाओं पर नियंत्रण होना बेहद जरूरी हैं.
स्वामी जी बताते हैं कि पहले के जमाने में लोग छोटी छोटी बातों के ऊपर ही खुश हो जाया करते थे. हालाँकि इन दिनों लोग नाखुश और अस्वस्थ रहते हैं. वे बेईमान हो गए हैं. छोटी छोटी बातें उनके दुखी कर देती हैं. ये सब देख मुझे दुःख होता हैं. मैं बस यही चाहता हूँ कि लोग खुश रहे, स्वस्थ रहे और शान्ति से रहे.