Politics

तमिलनाडु में राजनीतिक संकट, दिल्ली में होगा फैसला, राज्यपाल ने केंद्र और राष्ट्रपति को भेजी रिपोर्ट

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से ज्यादा तमिलनाडु की AIADMK पार्टी में चल रही सियासी लड़ाई ने सबका ध्यान खींचा है. तमिलनाडु में जारी इस राजनीतिक गहमागहमी के बीच गुरुवार को ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) में आंतरिक कलह चरम पर पहुंच गई. पार्टी चीफ वीके शशिकला और पूर्व सीएम ओ पन्नीरसेल्वम अब आमने-सामने हैं. कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने जहां पद न छोड़ने का संकल्प लिया, वहीं एआईएडीएमके की महासिचव वीके शशिकला ने पन्नीरसेल्वम पर विपक्षी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) की मदद से पार्टी में फूट डालने का आरोप लगाया.

गुरुवार को एआईडीएमके की महासचिव शशिकला ने 10 मंत्रियों के साथ राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया. शशिकला ने राज्यपाल को 129 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी. वहीं कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ पन्मीरसेल्वम ने राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा वापस लेने की अर्जी दी है. पन्नीरसेल्वम ने कहा कि पार्टी ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया था. राज्यपाल से मुलाकात के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा था, अच्छा ही होगा और धर्म की जीत होगी. तमिलनाडु के गवर्नर सी विद्यासागर राव ने वीके शशिकला और ओ पन्नीरसेल्वम से गुरुवार को मुलाकात के बाद सेंट्रल गवर्नमेंट और प्रेसिडेंट को रिपोर्ट भेज दी है. माना जा रहा है कि तमिलनाडु में चल रही सियासी लड़ाई का फैसला दिल्ली से होगा.

कांग्रेस ने केन्द्र को जिम्मेदार ठहराया :

इस बीच, कांग्रेस ने ‘राज्य में राजनीतिक अस्थिरता लाने के लिए’ केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार राज्य में एआईएडीएमके सरकार को गिराने के लिए राज्यपाल विद्यासागर राव का इस्तेमाल कर रही है. शशिकला ने एक दिन पहले अपने खिलाफ बगावती तेवर अपनाने वाले पन्नीरसेल्वम को ‘विश्वासघाती’ करार दिया है. पन्नीरसेल्वम ने बुधवार को कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी, जो जयललिता के निधन की जांच करेगी. उन्होंने कहा कि जयललिता के निधन की परिस्थितियों को लेकर अनेक सवाल उठ रहे हैं. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ”एआईएडीएमके कांग्रेस की भी राजनीतिक विरोधी पार्टी है, लेकिन जनादेश को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. कोई भी राज्यपाल को कठपुतली की तरह इस्तेमाल कर राज्य सरकार को नहीं गिरा सकता.

Back to top button