जब जिन्ना से उस की बेटी ने पूछा ” क्या आप को एक मुस्लिम लड़की नहीं मिली शादी करने के लिए?”
पाकिस्तान की नीव रखने वाले मोहम्मद अली जिन्ना का निधन 11 सितंबर 1948 को हुआ था. जिन्ना पब्लिक लाइफ में भले धर्म के आधार पर सरहदें खीचने में रूचि दिखाते रहे लेकिन उनकी पर्सनल लाइफ में इसके कई विरोधाभास दिखाई दिए. मसलन जिन्ना ने खुद मुस्लिम होते हुए भी एक पारसी लड़की रति बाई पेटिट से शादी रचाई थी. इतना ही नहीं उनकी बेटी दीना ने भी अपने पिता की मर्जी के खिलाफ जाते हुए एक गैर मुस्लिम लड़के से शादी की थी. इस बात को लेकर बाप बेटी के बीच अक्सर टकराव पैदा होता रहता था. आलम ये था कि जब पाकिस्तान और भारत का विभाजन हुआ तो दीना ने अपने पिता के साथ पकिस्तान में रहने से मना कर दिया और यहीं मुंबई में ससुराल वालो के साथ रुक गई. इससे उनके पिता बड़े आहात हुए थे.
एक दिलचस्प संयोग ये रहा कि पाकिस्तान के जन्म और जिन्ना की बेटी दीना के जन्म डेट में सिर्फ 1 घंटे का ही अंतर था. दरअसल दीना का जन्म 15 अगस्त 1919 को हुआ था. ये महीने की वही तारीख हैं जब भारत और पाकिस्तान का भी बटवारा हुआ था. दीना अपने माता पिता की इकलौती बेटी थी. जिन्ना की पत्नी जन्म से पारसी थी लेकिन बाद में उसने इस्लाम कबूल कर लिया था. जब जिन्ना की बीवी का निधन हुआ तो उनकी बहन फातिमा साथ में रहकर दीना की देखभाल करने लगी. दीना के अपनी बुआ से रिश्ते अच्छे नहीं थे.
दीना ने अपनी एजुकेशन मुंबई और लंदन में की जिसके चलते बाप बेटी को साथ में समय बिताने का टाइम ही नहीं मिलता था. हालाँकि जिन्ना अपनी बीवी की मौत के बाद बेटी के करीब आ गए थे और उसका ख्याल ज्यादा अच्छे से रखने का प्रयास करते थे. दोनों के बीच सबकुछ अच्छा था लेकिन फिर दीना का दिल एक गैर मुस्लिम शख्स नेविले वाडिया पर आ गया. नेविले के पिता पारसी जबकि माँ इसाई थी. दीना जब 1936 में 17 वर्ष की थी तब उनकी मुलाकात नेविले से हुई थी. दोनों में प्यार हुआ और वे शादी करना चाहते थे. हालाँकि दीना के पिता जिन्होंने खुद एक पारसी लड़की से शादी रचाई थी, अपनी बेटी दीना को एक गैर मुस्लिम लड़के के साथ शादी नहीं करने देना चाहते थे. जब दीना ने इसका विरोध किया और कहा माँ भी तो पारसी थी तब दीना बोले कि मेरी बीवी ने धर्म परिवर्तन किया था जबकि नेविले ऐसा नहीं कर रहा.
जिन्ना के असिस्टेंट रहे मोहम्मदली करीम चगला की ऑटोबायोग्राफी में जिन्ना और दीना की लड़ाई के कुछ अंश भी लिखे हैं. मसलन जब जिन्ना अपनी बेटी दीना से पूछते हैं कि “भारत में लाखों मुस्लिम लड़के हैं, लेकिन तुम्हे इसी लड़के से निकाह करना हैं?” इस पर दीना ने पलट जवाब देते हुए कहा था “भारत में लाखों मुस्लिम लड़कियों थी, फिर भी आपको मेरी माँ (पारसी लड़की) से ही शादी करनी थी?”
यहाँ एक और दिलचस्प बात बता दे कि जिन्ना खुद इस प्रेम से हिकार गुजर चुके थे. दरअसल अपनी पहली बीवी के निधन के बाद उन्हें 16 साल की रति से प्यार हुआ था. हालाँकि रति के पिता इस बात से राज़ी नहीं थे. फिर जब रति बालिग़ हुई तो उसने घर छोड़ जिन्ना के साथ शादी कर ली. बस ऐसा ही उनकी बेटी दीना ने भी किया. अपने पिता से बगावत कर गैर मुस्लिम नेविले से शादी कर ली. बेटी की शादी के बाद जिन्ना ने उससे सभी संबंध तोड़ दिए. दोनों बस कभी कभी औपचारिकता के नाते एक दुसरे को पत्र लिख दिया करते थे. जिन्ना जब भी बेटी से किसी कार्यक्रम में मिलते थे तो ताना मारते हुए उसे ‘मिसेज वाडिया’ बुलाते थे.
विभाजन के बाद दीना ने कई बार पाकिस्तान जाकर पिता से मिलने की कोशिश की लेकिन तब वीजा नहीं मिला. इसके बाद वो डायरेक्ट 9 सितंबर 1948 को अपने पिता के अंतिम संस्कार में ही पहली दफा पकिस्तान गई. बताते चले कि दीना-नेविले की शादी भी ज्यादा दिनों तक नहीं टिकी 5 साल के बाद ही वे दोनों अलग हो गए. हालाँकि उनका तलाक नहीं हुआ था. इनके दो बच्चे भी हुए जिनका नाम नुस्ली और डियाना हैं. पिता की मौत के बाद दीना को संपत्ति में से कुछ नहीं मिल सका, इसी वजह उनका एक गैर मुस्लिम शख्स से शादी करना था.
दीना को पाकिस्तान में गद्दार की नजरों से देखा जाता था जबकि इंडिया में जिन्ना की बेटी होने की वजह से कई दिक्कतें होती थी. इस तरह वे दोनों देशो के बीच पीस गई थी. इसके बाद 2 नवंबर 2017 को 98 साल की उम्र में दीना का निधन हो गया.