मां पटेश्वरी को नृत्य कर किया जाता है प्रसन्न, चावल से होती है मां की पूजा
देवीपाटन धाम 51 शक्तिपीठों में से एक है और ये मंदिर मां पटेश्वरी को समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि इस जगह पर मां सती का वाम स्कंद (कंधा) और पट अंग आकर गिरा था और इसी वजह से इस जगह का नाम पाटन पड़ गया। ये मंदिर भारत के अलावा नेपाल में भी प्रसिद्ध है और नेपाल से भी लोग इस मंदिर में आकर मां के दर्शन किया करते हैं।
कहां पर स्थित है ये मंदिर
मां पटेश्वरी मंदिर उत्तरप्रदेश के बलरामपुर जिले से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर है। ये मंदिर नेपाल की सीमा के नजदीक है। नवरात्रि के पर्व के दौरान इस मंदिर में कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और मां की विशेष पूजा होती है।
मंदिर से जुड़ी कथा
देवीपाटन शक्तिपीठ मंदिर का नाता मां सती से है और महाभारत में भी इस मंदिर का उल्लेख किया गया है। ऐसा कहा जाता है कि कर्ण ने इस मंदिर के पास बनें कुंड में स्नान किया था और सूर्य देव को अर्ध्य दी थी। जिसकी वजह से इस मंदिर के कुंड का नाम सूरजकुंड पड़ गया। इस कुंड का पानी बेहद ही पवित्र माना जाता है और लोगों की आस्था है कि इस पानी में स्नान करने से पाप खत्म हो जाते हैं और रोगों से मुक्ति मिल जाती है।
चावलों से किया जाता है मां का पूजन
देवीपाटन शक्तिपीठ मंदिर में रोज तीन बार मां की आरती की जाती है। वहीं नवरात्रि के दौरान मां की विशेष पूजा होती है और इस पूजा के दौरान मां के सामने चावल का ढेर बनाया जाता है। वहीं पूजा होने के बाद ये चावल भक्तों में बांट दिए जाते हैं।
रविवार को लगता है विशेष भोग
रविवार के दिन मां की पूजा करते हुए उन्हें विशेष भोग लगाया जाता है और मां को हलवा चढ़ाया जाता है। जबकि शनिवार के दिन मां को आटे और गुड़ से बनी रोट का भोग अर्पित किया जाता है।
नृत्य कर मां को किया जाता है प्रसन्न
मां पाटेश्वरी को प्रसन्न करने के लिए भक्तों द्वारा नृत्य किया जाता है। हर रोज मां के दरबार में महिलाएं नृत्य करती हैं और गाना भी गाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि मां के सामने नृत्य और गाना गाने से मां की कृपा जल्द बन जाती है।
आते हैं दूर-दूर से लोग
नवरात्रि के दौरान इस मंदिर में दूर-दूर से लोग आते हैं और मां के दर्शन करते हैं। ये मंदिर भारत के अलावा नेपाल और भूटान देश में भी प्रसिद्ध है और इन देशों से भी श्रद्धालु हर साल इस मंदिर में आते हैं। कई श्रद्धालु तो नवरात्रि के पूरे नौ दिन इस मंदिर में आकर मां की आराधना करते हैं।
कैसे जाएं
ये मंदिर उत्तरप्रदेश के बलरामपुर जिले के पास ही स्थित है और यहां जाने के लिए आपको आसानी से बस और गाड़ी मिल जाएगी। नवरात्रि के दौरान विशेष बसों का इंतजाम भी किया जाता है, जो कि उत्तरप्रदेश के विभिन्न शहरों से चलती हैं। वहीं मंदिर के आसपास कई सारी धर्मशालाएं भी हैं। जहां पर आप रूक सकते हैं।