समस्याओं की वजह समझ लेने से उनका समाधान आसान से निकल आता है
गौतम बुद्ध एक दिन अपने शिष्यों को प्रवचन दे रहे थे। प्रवचन देते हुए गौतम बुद्ध ने अपने एक शिष्य से कहा कि तुम एक रस्सी लेकर आओ। अपने गुरू की बात मानते हुए ये शिष्य एक रस्सी लेने चले गया। थोड़ी देर बाद ये शिष्य एक रस्सी लेकर आया और ये रस्सी गौतम बुद्ध को दे दी। गौतम बुद्ध ने रस्सी में तीन गांठे बांध दी। गौतम बुद्ध को ऐसा करते देख उनका हर शिष्य हैरान हो गया और इसी सोच मे पड़ गए की आखिर गौतम बुद्ध ऐसा क्यों कर रहे हैं।
रस्सी में तीन गांठ बांधने के बाद गौतम बुद्ध ने अपने शिष्यों से एक सवाल किया और उनसे पूछा, क्या ये वही रस्सी है जो गांठ बांधने से पहले थी ? गौतम बुद्ध का ये सवाल सुनने के बाद एक शिष्य ने कहा, गांठ बांधने के बाद भी ये वहीं रस्सी है। तभी दूसरे शिष्य ने कहा, नहीं ये रस्सी पहली वाली रस्सी नहीं है। क्योंकि पहले वाली रस्सी में एक भी गांठ नहीं थी। लेकिन इस रस्सी में तीन गांठ हैं। इसी तरह से कई शिष्यों ने अपनी बात रखी। कुछ शिष्यों ने इस रस्सी को पहली वाली रस्सी कहा, तो कई शिष्यों ने इसे नई रस्सी कहा। अपने शिष्यों की बात सुनने के बाद गौतम बुद्ध ने हंसते हुए कहा आप सभी सही बोल रहे हैं। ये रस्सी पहले वाली है कि नई, ये हमारे नजरिए पर निर्भर करता है।
इसके बाद गौतम बुद्ध रस्सी को दोनों सिरों से खींचने लगे। बुद्ध ने रस्सी की खींचते हुए अपने शिष्यों से एक और सवाल किया और उनसे पूछा, क्या इस प्रकार रस्सी की गांठें खुल जाएंगी? सभी शिष्यों ने गौतम बुद्ध से कहा नहीं, ऐसा करने से तो इस रस्सी की गांठ खोलना मुश्किल हो जाएगा। ये बात सुन गौतम बुद्ध ने एक और सवाल किया और शिष्यों से पूछा तो हम किस तरह से इस रस्सी की गांठों को खोल सकते हैं।
एक शिष्यों ने कहा कि इस रस्सी की गांठ खोलने के लिए हमें इन गांठों को पहले ध्यान से देखना होगा। इसके बाद हमें ये अंदाजा लगना होगा कि इन्हें कैसे लगाया गया है और किस गांठ को पहले बांधा गया है। ये जानने के बाद हम गांठों को आसानी से खोल सकेंगे। ये जवाब सुन बुद्ध को काफी संतुष्ट हुई है और उन्होंने अपने शिष्यों को कहा हमारे जीवन में आने वाली परेशानियां भी इन गांठों की तरह ही होती हैं। इन गांठों के जैसे ही अगर हम अपनी परेशानियों को देखें और उन्हें हल करने का रास्ता खोजें तो परेशानियां आसानी से हल हो जाती हैं। जीवन में कोई भी परेशानी आने पर आप सबसे पहले उस परेशानी को अच्छे से समझें और उसके अनुसार हल निकालें। क्योंकि जब समस्याओं की वजह समझ आ जाती है तो वो आसानी से हल हो जाती हैं।
इस कथा से मिली सीख – जीवन में परेशानी आने पर आप परेशानी की वजह को अच्छे से समझ लें और उसके बाद उस परेशानी का हल निकालें।