जानें सूर्य नमस्कार योग कैसे करें और इसे करने के फायदे
सूर्य नमस्कार योग : जो लोग योग करते हैं उन लोगों को बीमारियां लगने का खतरा बेहद ही कम हो जाता है। रोगों को दूर करने में योग सहायक होता है और योग करने से कई रोग सही भी हो जाते हैं। योग करना शरीर, दिमाग और त्वचा के लिए बेहद ही उत्तम माना जाता है और योग करने की सलाह डॉक्टरों द्वारा जरूर दी जाती है।
क्या होता है योग
योग को कई लोग व्यायाम भी कहते हैं। योग के तहत कई तहर के आसन होते हैं जिनको करने से शरीर एकदम स्वस्थ बना रहता है। योग का नाता भारत से है और इसका इतिहास हजारों साल पुराना है। हमारे ग्रंथों में योग का जिक्र किया गया है। योग क्या होता है, आसन क्या है और किस तरह से योग किया जाता है, यह सब जानकारी हमारे वेदों में मौजूद है।
योग आज दुनियाभर में प्रसिद्ध है और कई करोड़ों लोगों द्वारा योगा जरूर किया जाता है। योगा के तहत अनेक आसन आते हैं और इन आसनों को करने से शरीर को अनगिनत लाभ मिलते हैं। आज हम आपको योग से जुड़े ‘सूर्य नमस्कार’ आसन के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं और बताने जा रहे हैं कि आखिर सूर्य नमस्कार क्या होता है, सूर्य नमस्कार योग कैसे किया जाता है और सूर्य नमस्कार के फायदे क्या होते हैं।
क्या होता है सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार एक प्रकार का योग आसन है और इस आसन के अंदर कुल 12 योगासन आते हैं। यानी यह आसन 12 योग आसन को मिलाकर बना है। जब सूर्य नमस्कार योग किया जाता है तो इसका असर शरीर के हर हिस्से पर पहुंचता है और इसे करने से शरीर की छोटी-बड़ी सभी तरह की नस-नाडि़यां क्रियाशील हो जाती हैं।
सूर्य नमस्कार के अंदर आने वाले 12 आसनों के नाम
- प्रणाम आसन (Prayer pose)
- हस्तउत्तानासन (Raised Arms pose)
- हस्तपाद आसन (Hand to Foot pose)
- अश्व संचालन आसन (Equestrian pose)
- दंडासन (Stick pose)
- अष्टांग नमस्कार (Salute With Eight Parts Or Points)
- भुजंग आसन (Cobra pose)
- पर्वत आसन (Mountain pose)
- अश्वसंचालन आसन (Equestrian pose)
- हस्तपाद आसन (Hand to Foot pose)
- हस्तउत्थान आसन (Raised Arms pose)
- ताड़ासन (Tadasan)
कैसे किया जाता है सूर्य नमस्कार योग
प्रणाम आसन
सूर्य नमस्कार योग के तहत सबसे पहले प्रणाम आसन किया जाता है। प्रणाम आसन करने के लिए आप आसन यानी मैट पर खड़े हो जाएं और अपने पैरों को थोड़ा सा खोल लें। इस दौरान आपका सारा वजन आपके पैरों पर होना चाहिए। अपनी छाती फुलाएं और कंधे को थोड़ा सा ढीले ही रखें। सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और सांस छोड़ते हुए हथेलियों को जोड़ लें और प्रणाम मुद्रा यानी नमस्कार की मुद्रा ले लें।
हस्तउत्तानासन आसान
हस्तउत्तानासन सूर्य नमस्कार योग के तहत आने वाला दूसरा आसन है। इस आसन के अनुसार आप सांस लेते हुए हाथों को ऊपर करें और पीछे ले जाएं। फिर अपनी हथेलियों को आपस में जोड़ लें। इस आसन के दौरान पूरे शरीर को ऊपर की तरफ खींचे। यह आसन करते हुए आपके शरीर की मुद्रा कैसे होनी चाहिए यह आप तस्वीर में देखकर अंदाजा लगा सकते हैं।
हस्तपाद आसन
हस्तउत्तानासन के बाद हस्तपाद आसन किया जाता है और इस आसन के तहत आप हथेलियों को ज़मीन तक लाए और इस दौरान हो सके तो थोड़े ही घुटने मोड़े लें। फिर अपने हाथों को पैरों के पंजों के पास रख दें। ऐसा करते हुए आपका शरीर एकदम सीधा होना चाहिए। इस आसन को किस तरह से किया जाता है इसका अंदाजा आपको तस्वीर देखकर लग जाएगा।
अश्व संचालन आसन
सांस लेते हुए दाहिना पैर पीछे ले जाएं और अपनी नजर को ऊपर की ओर रखें। यह योग करते हुए आप यह सुनिश्चित करें कि बायां पैर दोनों हथेलियों के बीच में ही हो। इस आसन के दौरान शरीर की मुद्रा कैसी हो यह आप तस्वीर में देख सकते हैं।
दंडासन
दंडासन करना बेहद सरल है और इस आसन के तहत आप सांस लेते हुए अपने पैरों को पीछे ले जाए और हाथों के बल शरीर को ऊपर ले लाएं। इस दौरान आपके पूरे शरीर का वजन हाथों और पैरों पर होना चाहिए और शरीर एक सीधी रेखा की तरह नजर आना चाहिए। दंडासन किस तरह से करना है इसका अंदाजा आपको ऊपरी दी गई तस्वीर देखकर लग जाएगा।
अष्टांग नमस्कार
अष्टांग नमस्कार के तहत आप जमीन पर लेट जाए और अपने कूल्हों को पीछे उपर की और उठाएं। इस दौरान आपकी छाती और ठुड्डी ज़मीन पर यह चाहिए। यानी आपके दोनों हाथ, दोनों पैर, घुटने, छाती और ठुड्डी ज़मीन को छूते हुए होने चाहिए।
भुजंग आसन
भुजंग आसन भी सूर्य नमस्कार योग के अंदर आता है और इस आसन के अनुसार आपका ऊपरी हिस्सा ऊपर की और होना चाहिए और पैर जमीन से लगे होने चाहिए। आपके कंधे कानों से दूर हो, आपकी दृष्टि ऊपर की ओर होनी चाहिए और पैरों की उंगलियां नीचे की तरफ। यह आसन करते हुए आपकी मुद्रा कैसे होनी चाहिए इसका अंदाजा आपको तस्वीर देखकर लग जाएगा।
पर्वत आसन
सूर्य नमस्कार योग के तहत जो आठवां आसन आता है उसे पर्वत आसन कहा जाता है और इस आसन को करने के लिए आप सांस छोड़ते हुए कूल्हे और कमर को ऊपर उठाएं। आपकी छाती नीचे की और हो। यह योग करते हुए आपकी मुद्रा उल्टे वी (˄) की तरह नजर आती है।
अश्वसंचालन आसन
सूर्य नमस्कार योग का नौंवा आसन अश्वसंचालन आसन होता है और अश्वसंचालन आसन के दौरान आपकी मुद्रा कैसी होनी चाहिए यह ऊपर तस्वीर में दिखाया गया गया है।
हस्तपाद आसन
हस्तपाद आसन करते हुए आप सांस छोड़ते हुए बाएं पैर को आगे लाएं और आपकी हथेलियां धरती पर हो। आपकी मुद्रा किस तरह से होनी चाहिए यह आपको तस्वीर में नजर आ जाएगा।
हस्तउत्थान आसन
सांस लेते हुए हाथों को ऊपर की ओर ले जाए और हथेलियों को आपस में जोड़ लें। यह आसन करते हुए शरीर का खिंचाव ऊपर की ओर होना चाहिए।
ताड़ासन
ताड़ासन आसन करते हुए आप अपने शरीर को एकदम सीधा कर लें और अपने हाथों को नीचे ले आएं। यह आसन करते हुए आप एकदम आराम की मुद्रा में होते हैं।
सूर्य नमस्कार से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
- सूर्य नमस्कार योग को आप सुबह के समय खुली हवा में करें।
- सूर्य नमस्कार को करते समय आप सूर्य भगवान का आह्वान ‘ॐ मित्राय नमः’ मंत्र करते हुए करें।
- इस योग आसन को कोई भी कर सकता है। हालांकि जिन लोगों को कमर में दर्द रहती है वो लोग ये आसन ना करें।
- पांच साल से अधिक की आयु के बच्चे इस आसन को कर सकते हैं।
- अगर आप पहली बार सूर्य नमस्कार आसन कर रहे हैं तो आप इस आसन को किसी की निगरानी में करें और अच्छे से सीखने के बाद ही इसे करना शुरू करें।
- यह आसन सुबह के समय खाली पेट करना चाहिए।
- अगर आपके शरीर के किसी हिस्से में दर्द हो तो आप इस आसन को ना करें।
- गर्भवती महिलाओं को सूर्य नमस्कार योग आसन नहीं करना चाहिए।
- उच्च रक्ताचाप के मरीज को यह आसन ना करने की सलाह डॉक्टरों द्वारा दी जाती है। इसलिए अगर आपको उच्च रक्तचाप की शिकायत है तो आप आसन न करें।
सूर्य नमस्कार के फायदे
सूर्य नमस्कार क्या होता है और इसे कैसे किया जाता है, यह जानने के बाद आप इससे जुड़े लाभ भी पढ़ लें। सूर्य नमस्कार के फायदे कई सारे हैं और इस योग को करने से आपका शरीर सदा फीट रहता है।
बढ़ती है शरीर में ऊर्जा
सूर्य नमस्कार करने से शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ जाता है और शरीर आसानी से नहीं थकता है। इस आसन की मदद से शरीर के अंदर सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ जाती है।
पाचन तंत्र हो बेहतर
सूर्य नमस्कार करने से पाचन तंत्र पर उत्तम प्रभाव पड़ता है और पाचन तंत्र मजबूत होता है। जिन लोगों को कब्ज, गैस, अपच की शिकायत होती है अगर वो लोग यह आसन करें तो उनको इन तकलीफों से राहत मिल जाती है और उनका पाचन तंत्र मजबूत हो जाता है।
शरीर में आए लचीलापन
सूर्य नमस्कार करने से शरीर में लचीलापन आ जाता है और आपका शरीर फ्लेक्सिबल बन जाता है। इसलिए जिन लोग का शरीर फ्लेक्सिबल ना हो वो लोग यह योग किया करें।
त्वचा निखरे
सूर्य नमस्कार के फायदे सेहत के अलावा त्वचा के साथ भी है और इसे करने से चेहरे पर झुर्रियां नहीं पड़ती है और स्किन में ग्लो आ जाता है। अगर आप सदा जवां दिखना चाहते हैं तो यह आसन रोज जरूर किया करें।
वजन हो कम
वजन कम करने में भी सूर्य नमस्कार काफी सहायक होता है और इसे करने से वजन को कम किया जा सकता है। इसलिए अधिक वजन होने पर आप सूर्य नमस्कार करें। इसे करने से वजन कम हो जाएगा। इतना ही नहीं जो लोग नियमित रुप से इस आसन को करते हैं उन लोगों का वजन भी नहीं बढ़ता है।
रीढ़ की हड्डी हो मजबूत
सूर्य नमस्कार के दौरान रीढ़ की हड्डी पर अच्छा प्रभाव पड़ता है और रीढ़ की हड्डी मजबूत हो जाती है। रीढ़ की हड्डी के अलावा शरीर की मांसपेशियां भी सूर्य नमस्कार करने से मजूबत हो जाती हैं।
मन रहता है शांत
सूर्य नमस्कार योग करने से मन को शांति मिलती है और दिमाग की एकाग्रता बढ़ती है। इसलिए जिन लोगों की एकाग्रता कम है वो लोग प्रति दिन सूर्य नमस्कार किया करें।
सूर्य नमस्कार के फायदे और यह कैसे किया जाता यह पढ़ने के बाद आप इस आसन को जरूर किया करें। यह आसन शरीर के लिए बेहद ही लाभप्रद होता है।
यह भी पढ़ें : भद्रासन से जुड़े लाभ