बेटी का रिश्ता तय करते समय हर पिता के मन में चलते हैं ये 10 विचार, लड़के वाले जरूर पढ़े
हर बाप के लिए उसकी बेटी किसी परी से कम नहीं होती हैं. वे आपके ऊपर कितना भी चिल्लाएं, कितनी भी सख्ती बरते लेकिन दिल से वो आप से बहुत प्रेम करते हैं. आप उनके जिगर का टुकड़ा होती हैं. ऐसे में जब आपकी शादी की उम्र होती हैं और घर से जाने का समय आ जाता हैं तो बाप का दिल बैठ सा जाता हैं. अपनी लाडली बिटिया का रिश्ता तय करने के दौरान उसके मन में कई सारे विचार चलते हैं.
1. लड़का कितना कमाता हैं? ये बात हर लड़की के पिता को जाननी होती हैं. खासकर कि तब जब उसकी लड़की कोई जॉब नहीं करती हैं. इसके साथ ही पिता की सोच होती हैं कि लड़का शादी के बाद मेरी बेटी को सुख सुविधाओं के साथ रख पाएगा कि नहीं.
2. लड़के में कोई बुरी आदत तो नहीं हैं? हर पिता यही चाहता हैं कि उसकी बेटी को अच्छे से अच्छा पति मिले. वो ये नहीं चाहेगा कि उसकी शादी एक ऐसे व्यक्ति से हो जाए जिसके अंदर कई सारी बुरी आदतें हो.
3. ससुराल के लोग कैसे हैं? उनका स्टेंडर्ड या बेकग्राउंड क्या हैं? कई पिता अपनी लड़की का रिश्ता तय करने से पहले लड़के की फैमिली और हिस्ट्री की जांच पड़ताल करते हैं. वे देखना चाहते हैं कि ये लोग अच्छे नेचर वाले हैं या नहीं. साथ ही इनकी प्रापर्टी और बिजनेस इत्यादि क्या हैं. इनका कोई बुरा रिकॉर्ड तो नहीं हैं.
4. मेरी बेटी को शादी के बाद कितनी आज़ादी मिलेगी? बेटी जब मायके में होती हैं तो उसके ऊपर कोई ख़ास बंदिशे नहीं होती हैं. हालाँकि ससुराल में जाते ही कई बंदिशे होती हैं. मसलन जॉब ना करना, कपड़े में सिर्फ साड़ी पहनना, ज्यादा घूमना फिरना नहीं इत्यादि. ऐसे में पिता की कोशिश यही होती हैं कि बेटी की शादी खुले विचार के लोगो के यहाँ ही हो.
5. लड़के वाले दहेज़ के लालची तो नहीं हैं? एक पिता अपनी बेटी का रिश्ता तय करता हैं, ना कि उसका सौदा करता हैं. ऊपर से दहेज़ प्रताड़ना को लेकर कई खबरे सुनने को मिलती रहती हैं. ऐसे में पिता का फर्ज होता हैं कि वो लड़की को दहेज़ के लोभी लोगो के यहाँ ना ब्याह दे.
6. अब घर सूना हो जाएगा. बेटी का रिश्ता तय करते ही बाप के मन में ये भी चिंता रहती हैं कि उसकी लाडली के जाने के बाद घर की रोनक और चहल पहल कम हो जाएगी. वो उसके बिना कैसे रह पाएगा.
7. बेटी का रिश्ता तय होते ही पिता को उसकी तैयारियों और खर्चो का भी टेंशन हो जाता हैं. यदि पैसा हो तो भी इस बात की चिंता रहती हैं कि इतनी सारी तैयारियां कैसे होगी. मेहमाननवाजी में कोई कमी ना रह जाए. ये मेरी इज्जत का सवाल हैं.
8. बेटी जिस घर में जा रही हैं वहां के लोग उसे खुश रखेंगे या नहीं ये विचार भी पिता के मन में जरूर आता हैं.
9. लड़के का नेचर और बातचीत का तरीका क्या हैं यह बात भी एक पिता सोचता हैं.
10. बेटी का रिश्ता अपने घर से कितना दूर करना हैं, उसे मायके आने में कोई तकलीफ ना हो, ये बाते भी कुछ पिता के मन में चलती हैं.